नई दिल्ली, फेस2न्यूज:
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ईरान के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए पूर्वव्यापी समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। समझौता ज्ञापन पर ईरान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 17 फरवरी को हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन में कृषि फसलों, कृषि विस्तार, बागवानी, मशीनरी, फसल के बाद प्रौद्योगिकी, पादप संगरोध उपाय, ऋण एवं सहकारिता के क्षेत्रों में सहयोग का प्रावधान है। इसमें मृदा संरक्षण और जल प्रबंधन, समेकित पोषक प्रबंधन, बीज प्रौद्योगिकी, कृषि विपणन की भी व्यवस्था है। इस समझौते के दायरे में आने वाले आपसी सहमति से निर्धारित अन्य क्षेत्रों में पशुधन सुधार, डेयरी विकास, पशु स्वास्थ्य भी शामिल हैं। यह सहयोग विशेषज्ञों, सामग्री और सूचना के आदान-प्रदान, अध्ययन, दौरों/ प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर प्रशिक्षुओं और वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान, उपयुक्त सम्मेलनों और कार्यशालाओं की सुविधा तथा परस्पर रूप से सहमत अन्य उपायों के जरिए किया जाएगा।
समझौता ज्ञापन के अंतर्गत इसे पूरा करने में होने वाले कार्यकलापों की निगरानी के लिए एक संयुक्त कार्यदल गठित किया जाएगा। इस दल की बैठक प्रत्येक दो वर्ष में एक बार बारी-बारी से ईरान और भारत में होगी। समझौता ज्ञापन पहले पांच वर्षों के लिए मान्य होगा और उसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए स्वत: ही इसका विस्तार हो जाएगा, जब तक कि एक पक्ष, दूसरे पक्ष को इसे समाप्त करने की अपनी इच्छा अधिसूचित न कर दे।