नई दिल्ली, फेस2न्यूज:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और डेनमार्क में समुद्रीय मुद्दों के बारे में समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी है। समझौता ज्ञापन पर डेनमार्क के डब्ल्यूआईपी की जनवरी 2019 में होने वाली भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव किया गया है।
इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के लिए द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने का मार्ग प्रशस्त होगा
भारत और डेनमार्क के समुद्रीय क्षेत्रों के मध्य सीमा पार सहयोग और निवेशों में मदद करना है। दोनों देशों को गुणवत्तापूर्ण शिपिंग सुनिश्चित करने के लिए आपसी क्षमताओं को सुधारने के लिए विशेषज्ञों, प्रकाशनों, सूचना, डाटा और सांख्यिकी का आदान-प्रदान करने, हरित समुद्रीय प्रौद्योगिकी एवं शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में सहयोग, भारत के शिपिंग पंजीयक को मान्यता प्राप्त संगठन (आरओ) का दर्जा प्रदान करने तथा समुद्रीय प्रशिक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने में समर्थ बनाएगा।
मर्चेंट शिपिंग और समुद्रीय परिवहन संबंधित मामलों के क्षेत्र में सतत सहयोग के लिए अनुसंधान और विकास तथा द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर दोनों देशों के लिए आपसी लाभ के अवसरों के बारे में सहयोग को आगे बढ़ाएगा और मजबूत बनाएगा।
डेनमार्क भारत के प्रमुख व्यापार भागीदारों में से एक है। डेनमार्क से भारत को होने वाले प्रमुख आयातों में औषधीय/फार्मास्यूटिकल वस्तुएं, विद्युत उत्पादन मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, धातु खनिज, ऑर्गेनिक रसायन आदि शामिल हैं। भारत से डेनमार्क को होने वाले निर्यात में सिलेसिलाए कपड़े, वस्त्र/फेब्रिक यार्न, सड़क वाहन और घटक, धातु की वस्तुएं, लोहा और स्टील, जूते और यात्रा वस्तुएं शामिल हैं। दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और समु्द्रीय क्षेत्र में सहयोग और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए डेनमार्क के साथ द्विपक्षीय समझौता करने का प्रस्ताव किया गया है।