यह गीत सतलुज दरिया को समर्पित है और गीत में पंजाब की धरती, पॉच नदियां सतलुज,बेई,रावी, चेनाब, झेलम और किसानी का वर्णन है। लेकिन इसका बीडियो आस्ट्रेलिया में शूट किया गया है। संगीत में पूर्व और पश्चिम का सुन्दर संगम है। सरताज ने बताया किउन्होंने यह गीत पूरी रिसर्च करके तैयार किया है।
चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री।
पंजाबी संगीत के एतिहास में स्क्रिप्टेड गीत -गुरमुखी का बेटा, पहला गीत है जिसे प्रसिद्ध सूफी गायक सतिन्दर सरताज ने अपने अनोखे अंदाज में पेश किया। सूफी कवि गायक सतिन्दर सरताज देश विदेश में स्टेज शो व गीतों से लोगों को मन मोह लेते हैं।
वह अपना नया गीत -गुरमुखी का बेटा,लेकर पत्रकारो से रूबरू हुए।
उन्होंने बताया कि यह गीत सतलुज दरिया को समर्पित है और गीत में पंजाब की धरती, पॉच नदियां सतलुज,बेई,रावी, चेनाब, झेलम और किसानी का वर्णन है। लेकिन इसका बीडियो आस्ट्रेलिया में शूट किया गया है।
संगीत में पूर्व और पश्चिम का सुन्दर संगम है। सरताज ने बताया किउन्होंने यह गीत पूरी रिसर्च करके तैयार किया है।
वह चाहते तो ऐसे ही बना सकते थे लेकिन अपने मन पूरी सन्तुष्टी के लिए वह अच्छी तरह रिसर्च करते हैं।
उन्होंने बताया कि वह अपना किसी से कंपीटिशन नहीं मानते । सब अपने ढंग से काम करते हैं । सबके अन्दर अलग खूबियां होती है हरेक के गीत की अलग खुशबू होती हैं अलग विशेषता होती है।