चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री: विश्व शांति को बढ़ावा देने के मामले में अपनी प्रतिबद्धता, समर्पण और अथक परिश्रम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त बौद्ध गुरु, भिक्खु संघसेना को लंदन वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा सम्मानित किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं भारत में वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि, संतोष शुक्ला ने बौद्ध लीडर को सम्मानित किया। भिक्खु संघसेना, सेव द हिमालय फाउंडेशन तथा महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष हैं और एक समाज सुधारक के रूप में उन्होंने लद्दाख और दुनिया भर में अपनी निस्वार्थ सेवा से हजारों लोगों का जीवन बदला है। सेव दि हिमालय फाउंडेशन चंडीगढ़ चैप्टर के महासचिव, नरविजय यादव ने कहा, ‘हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और विश्व शांति को बढ़ावा देने के लिए जीवन भर के प्रयासों के लिए आदरणीय संघसेना को सम्मानित किया गया।’संघसेना का नाम प्रतिष्ठित पुस्तक ‘माकर््िवस हूज हू’ में शामिल है और अतीत में भी उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। कुछ माह पूर्व, उन्हें गत 30 वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, इंटर-फेथ एवं महाकरुणा के क्षेत्र में अद्वित्तीय सेवाओं के लिए विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार’ दिया गया था। संघसेना ने कहा, ‘व्यक्तिगत और विश्व स्तर पर शांति स्थापित करने में मेडिटेशन अत्यधिक प्रभावी है।’ वर्ष 2010 में, वल्र्ड मैनेजमेंट कांग्रेस ने अध्यात्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए संघसेना को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था। फिर अगले साल, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें राष्ट्रपति प्रशंसा पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके बाद, अखिल भारतीय मानवाधिकार परिषद द्वारा उन्हें शांतिदूत पुरस्कार से सम्मानित किया।