चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने मंगलवार को राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बजट में हरियाणा प्रदेश और किसानों की अनदेखी, एसवाईएल, बढ़ती बेरोजगारी, प्रदेश सरकार की महिला सुरक्षा को लेकर अनदेखी, प्रदेश पर बढ़ते कर्ज समेत कई मुद्दे उठाए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत नहीं मिला, लेकिन भाजपा ने जोड़ तोड़ से सरकार बनाई। केंद्र सरकार को चाहिए था कि वह हरियाणा को बजट में कुछ देती, लेकिन सरकार ने हरियाणा प्रदेश के साथ मजाक किया है। बजट में तो प्रदेश को कुछ नहीं मिला, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही प्रदेश में धान घोटाला और अन्य घोटाले हुए। बजट में कहा गया कि हरियाणा के राखीगढ़ी में म्यूजियम बनाया जाएगा, लेकिन यह वर्ष 2013 से पहले ही शुरू हो चुका है।
एसवाईएल का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है। इसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा केंद्र सरकार को दी गई थी, लेकिन दुख की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आज तक प्रधानमंत्री जी से प्रदेश के नेताओं को मिलवाने का समय नहीं ले पाए हैं। बार-बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसवाईएल के मुद्दे को ना सुलझाना भाजपा सरकार की बड़ी नाकामी है।
एसवाईएल का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है। इसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा केंद्र सरकार को दी गई थी, लेकिन दुख की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आज तक प्रधानमंत्री जी से प्रदेश के नेताओं को मिलवाने का समय नहीं ले पाए हैं। बार-बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसवाईएल के मुद्दे को ना सुलझाना भाजपा सरकार की बड़ी नाकामी है।
उन्होंने कहा कि हमारा हरियाणा प्रदेश कृषि बाहुल्य है, लेकिन बजट में किसान सम्मान निधि जो कि वर्ष 2018 के दिसंबर माह में शुरू की गई थी, उस वक्त इसके लिए 75 हजार करोड का बजट तय किया गया था। जो बाद में बढ़कर 87 हजार करोड़ हो गया था, लेकिन इस बार बजट में 2020-21 के लिए 55 हजार करोड रुपए का ही फंड आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसका बड़ा कारण इस योजना के प्रथम चरण में सरकार ने जितना अनुमान लगाया था, उससे बहुत कम रकम खर्च हुई। सरकार की लिस्ट में यह एक और जुमला जुड़ गया है। यह हमारे किसानों के साथ मजाक हो रहा है। इसी तरह से किसान के खाद की सब्सिडी भी कम कर दी गई, जो पिछले वर्ष यह 80,000 करोड के लगभग थी, इस साल घटाकर 71000 करोड कर दी गई। आज देश का किसान और हरियाणा प्रदेश का किसान कर्जे में दबा जा रहा है। लेकिन ना तो किसान की आमदमी दोगुनी हुई और ना ही सरकार किसानों को कोई राहत देना चाह रही है। सरकार को किसान के साथ ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए, किसान देश का पेट भरता है।
उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एक आंकड़ें के अनुसार हरियाणा प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा बेरोजगार लोग हैं। सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की बेरोजगारी दर 28 प्रतिशत से बढ़कर दिसम्बर माह में 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। प्रदेश में लोगों को रोजगार मिल नहीं रहा है और दूसरी तरफ प्रदेश में उद्योग बंद हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का कर्ज जो वर्ष 1966 से लेकर 2014 तक 48 वर्षों में 70 हजार करोड़ था, मगर इसके बाद साढ़े 3 वर्षों में ही कर्जा 90 हजार करोड़ बढ़ गया और एक लाख 61 हजार तक पहुंच गया। जो अब 2 लाख करोड़ तक जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में हरियाणा प्रदेश को तीन से चार हजार करोड़ का नुकसान होगा। हमारे जैसे छोटे-छोटे राज्य इससे कैसे उभर पाएंगे।
उन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर एनसीआरबी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में हर 15 मिनट में बलात्कार का मामला सामने आता है। वहीँ हरियाणा में हर पांचवें घंटे में महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा निर्भया फंड, वन स्टॉप सेंटर समेत महिला सुरक्षा के लिए मिले फंड को खर्च नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 3 साल में 38477 करोड रूपया रिलीज हुआ, इसमें हरियाणा प्रदेश को कुल में 36 लाख रुपया मिला है। यह हरियाणा प्रदेश के साथ मजाक है।