चंडीगढ, फेस2न्यूज:
लॉकडाउन पीरियड में प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वसूले जाने के फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। वकील पंकज चांदगोठिया की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि 23 मार्च-2020 से चंडीगढ़ समेत देशभर में कर्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे में शिक्षण गतिविधियां ठप हैं। इन परिस्थितियों में कुछ स्कूल महज फीस वसूलने के अपने पक्ष को सही साबित करने के लिए ऑनलाइन क्लास रूम की व्यवस्था कर रहे हैं। वकील पंकज चांदगोठिया की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि 23 मार्च 2020 से चंडीगढ़ समेत देशभर में कर्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे में शिक्षण गतिविधियां ठप हैं। इन परिस्थितियों में कुछ स्कूल महज फीस वसूलने के अपने पक्ष को सही साबित करने के लिए ऑनलाइन क्लास रूम की व्यवस्था कर रहे हैं।
स्कूली बच्चे ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था के अचानक लागू होने से पढ़ने में सहज भी नहीं है। बावजूद इसके प्राइवेट स्कूलों की तरफ से चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर 31 मई तक स्कूल फीस वसूलने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग से जवाब मांगते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि मामले की अगली सुनवाई तक बैठक कर स्कूलों का पक्ष जानने के बाद इस मामले में कोई फैसला ले लिया जाएगा।
इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों के दबाव ने 31 मई तक अभिभावकों को फीस का भुगतान करने पर सहमति दे दी। याचिका में कहा गया कि बहुत से अभिभावक ऐसे हैं, जिन्होंने लॉकडाउन अवधि के दौरान बहुत ज्यादा आर्थिक परेशानी का सामना किया है। दूसरी तरफ शहर के कई प्राइवेट स्कूल बड़े-बड़े कॉरपोरेट हाउस द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों द्वारा 15 मार्च तक नए दाखिले कर पूरी फीस वसूली गई है। ऐसे में स्कूल पहले ही बड़ा हिस्सा अभिभावकों से वसूल चुके हैं। ऐसे में लॉकडाउन अवधि के दौरान ही 31 मई तक फीस का भुगतान करने का फैसला मनमाना और अवैध है, जिसे खारिज किया जाए।