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काम की बातें

कलौंजी

June 09, 2020 07:52 PM


कलौंजी को कई नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में स्माल फनेल, कालाजाजी, हिन्दी में कलौंजी, मंगरैला, बंगाली में कालोजीरा, गुजराती में कलौंजी, इसे ब्लैक आॉनियन सीड्स या nigella seeds भी कहा जाता है। इन बीजों का स्वाद हल्का कड़वा और तीखा होता है और ये सुगंध से भरे होते हैं।
कलौंजी रनुनकुलेसी परिवार का पौधा है और भारत सहित दक्षिण पश्चिमी एशियाई, भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों और उत्तरी अफ्रीकाई देशों में उगने वाला पौधा है।
कलौंजी का उपयोग भोजन में होता है। कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है। बिहारी लिट्टी में भी कलोंजी का प्रयोग किया जाता है।
कलौंजी पौषक तत्वों से भरा होता है इसमें वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, मैग्नीशियम व जिंक आदि खनिज तत्व पाए जाते हैं। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बिमारी से बचाती है।
कलौंजी का तेल के रूप में भी उपयोग में लिया जाता है, जो शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है तथा शरीर को रोगों से बचाता है। कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करता है एवं रक्त को साफ करता है। कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं और त्वचा निखरती है। इस तेल के सेवन से पेट साफ रहता है एवं जोडों के दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द आदि में कलौंजी के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है।
कलौंजी का औषधीय उपयोग में भी लिया जाता है। कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया गया है। कलौंजी का भोजन में उपयोग करने से हाजमा दुरुस्त रहता है। इसके सेवन से पेट साफ रहता है। बताया जाता है कि पेट में कृमि होने पर कलौंजी का शहद के साथ नियमित रुप से सेवन करना लाभदायक होता है। हाथों और पैरों मे सूजन होने पर कलौंजी को पीसकर उसका लेप करने से हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है। मानसिक तनाव होने पर चाय के पानी में एक चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से तनाव से राहत मिलती है। कलौंजी दिमाग को तेज करती है और स्मरण शक्ति को बढ़ाती है।
कलौंजी को सुंदरता बढाने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है। कलौंजी का तेल लोशन, क्रीम और ब्युटी आँयल आदि बनाने में भी प्रयोग होता है। जानकारों अनुसार चेहरे को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कलौंजी के तेल में थोड़ा सा जैतुन का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे के दाग़-धब्बे दूर होते हैं। बालों की समस्या जैसे बालों का झड़ना एवं रुसी में कलौंजी तेल की मालिश फायदेमंद होती है।
हमारे शरीर में एंटी-ऑक्सिडेंट बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं। इससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं बढ़ती है। इसके अलावा, एंटी-ऑक्सिडेंट शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली क्षति से भी सुरक्षा प्रदान करता है। कलौंजी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ट्रिगलीसेरिड्स को कम कर दिल संबंधित बीमारियों के होने के खतरे को कम करती है। कलौंजी डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार है। कुछ शोध बताते हैं कि इसके पाउडर का सेवन करने वाले लोगों में ब्लड शुगर लेवल में सुधार देखा गया। इसके अलावा ये डायबिटीज से ग्रसित लोगों में कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी नियंत्रित रखता है। बताया जाता है कि कलौंजी में कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो कैंसर की रोकथाम में मदद करते हैं। हालांकि, अभी इस पर और शोध की जरूरत है।
इन के अलावा कलौंजी याददास्त व एकाग्रता बढाता है, हाइड्रेशन स्तर को बनाए रखने में सहायता करता है, कुदरती दर्दनिवारक है, त्वचा संबंधित परेशानियों को करे दूर करता है।
सिरदर्द, दांत में दर्द, पेट में कीड़े, आंखों में लाली खत्म करने के साथ साथ अन्य कई तरह की बिमारियों को ठीक करने के काम में आती है।
कलौंजी में कई तरह के अमीनो एसिड और प्रोटीन पाए जाते हैं। यह आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होती है। इन्हीं गुणों की वजह से कलौंजी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती है।
लेकिन कलौंजी का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। कलौंजी पाउडर और कलौंजी के तेल को दवाई के तौर पर कुछ समय तक लेना सुरक्षित है, कुछ मामलों में उपयोग के लिए डॉक्टर, वैद्य या हर्बलिस्ट से परामर्श कर लेना भी उचित है।
जैसें प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करे बिना इसके सेवन न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान गर्भवती मां की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में कुछ भी लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। यदि आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं। यदि आपको दूसरी दवाओं या फिर हर्ब्स से एलर्जी है। आपको कोई दूसरी तरह की बीमारी, डिसऑर्डर या मेडिकल कंडीशन है।
लो ब्लड प्रेशर वाले इसका सेवन न करें। इससे उनका ब्लड प्रेशर अत्यधिक लो होने की संभावना है। आपको किसी तरह की एलर्जी है, जैसे किसी खास तरह के खाने से, डाय से, प्रिजर्वेटिव या फिर जानवर से। वैसे दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं।

 
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