सुमिथा कलेर
जीरकपुर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइव कार्यक्रम पर शुक्रवार दोपहर भाजपा की एक मीटिंग का किसान संगठनों ने विरोध किया। बैठक के बाद जब बीजेपी नेता और कार्यकर्ता वहां से चले गए तो किसान यूनियन के नेता वहां पहुंचे और बीजेपी विरोधी नारे लगाने लगे।
किसान नेता कृपाल सिंह स्याऊ सीनियर मीत प्रधान मोहाली भारतीय किसान यूनियन सिधुपुर, जगजीत सिंह कराला प्रधान मोहाली भारतीय किसान यूनियन डकौंदा, पूर्व सैनिक जथेबंदी के प्रधान प्रेम सिंह बनूड ने कहा कि इस मीटिंग को बीजेपी ने गुप्त रखा था, अगर वे सच्चे हैं तो मीटिंग सब के सामने करें। जहां भी भाजपा की मीटिंग होगी, किसान जथेबंदियों द्वारा इसका विरोध किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गये कृषि कानून किसानों के समर्थन में नहीं है इसी कारण किसान उनके खिलाफ लड़ रहे हैं। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।आज मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त के लिए एक कार्यक्रम बनाया था। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने किसानों के खाते में दो-दो हज़ार रुपये जमा करने की घोषणा की थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का एक कार्यक्रम आज जीरकपुर के भाजपा मंडल प्रधान शशांक दुग्गल के नेतृत्व में ज़ीरकपुर के ढकोली क्षेत्र में आयोजित किया गया।
जिक्रयोग है कि आज मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त के लिए एक कार्यक्रम बनाया था। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने किसानों के खाते में दो-दो हज़ार रुपये जमा करने की घोषणा की थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का एक कार्यक्रम आज जीरकपुर के भाजपा मंडल प्रधान शशांक दुग्गल के नेतृत्व में ज़ीरकपुर के ढकोली क्षेत्र में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम के मद्देनजर ढकोली पुलिस स्टेशन के एसएचओ दीपिंदर सिंह बराड़ द्वारा विशेष इंतजाम किए गए थे। दूसरी ओर कृषि कानून का विरोध करने वाले किसानों ने दावा किया था कि वे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे। जब पीएम मोदी किसानों से बात करेंगे तो आंदोलनकारी किसान और उनके परिवार टीवी बंद कर देंगे और बर्तन खड़काएंगे।
किसानों ने मांग की कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए जबकि केंद्र सरकार केवल उनमें संशोधन करने के लिए तैयार है। इस मौके जगजीत सिंह छड़बड़, अमरीक सिंह कराला, धर्म सिंह पत्तों, साधु सिंह भूड़ा और भजन सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।