चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
शहर के जाने-माने होम्योपैथिक डॉक्टर अनुकांत गोयल ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को बधाई देते हुए सरकार के समक्ष यह मांग उठाई की होम्योपैथिक डॉक्टरों को भी आयुर्वेदिक डॉक्टरों की तर्ज पर सर्जरी करने की आज्ञा मिलनी चाहिए। डाक्टर अनुकांत ने कहा कि होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक डॉक्टरों को 2 साल तक सर्जरी की पढ़ाई एक सरीखी ही करनी होती है, यदि आयुर्वेदिक डॉक्टर सर्जरी ऑपरेट कर सकता है, तो होम्योपैथिक डॉक्टर भी कर सकता है। इसीलिए मेरी सरकार से गुजारिश है, कि इस बाबत संज्ञान लेते हुए हम होम्योपैथ डॉक्टरों की भी आयुर्वेदिक डॉक्टरों की तरह समानता के सिद्धांत पर कार्य करते हुए, शल्यक्रिया की आज्ञा प्रदान करनी चाहिए।
वही होम्योपैथिक कॉलेज चंडीगढ़ के प्रिंसिपल डॉ संदीप पुरी ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि शुरुआती 2 सालों में होम्योपैथिक के बच्चे भी लगभग 9 महीने क्लीनिकल सर्जरी की पढ़ाई में गुजारते हैं। वह भी लगभग आयुर्वेदिक डॉक्टरों के समकक्ष ही सर्जरी मे शिक्षित होते हैं तो उन्हें सर्जरी की परमिशन ना दिए जाने का क्या औचित्य है?कोरोना काल में होम्योपैथिक डॉक्टरों ने अपना संपूर्ण योगदान दिया। हम होम्योपैथिक डॉक्टर सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमें भी चिकित्सा क्षेत्र की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जाए ताकि हम भी अपनी योग्यता और क्षमता का सही इस्तेमाल करते हुए समाज को सार्थक योगदान दे सकें। डॉ अनुकांत गोयल ने बताया कि उनकी कई होम्योपैथिक डॉक्टरो से बात हुई है और कमोबेश लगभग हर एक डॉक्टर ने अपनी स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि उन्हें भी सर्जरी की परमिशन मिलनी चाहिए।
डॉक्टर पुरी ने कहा कि होम्योपैथिक बच्चों को भी सर्जरी की परमिशन मिलनी चाहिए, ताकि एलोपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों को समान वह भी लोगों की सेवा कर सके। दूसरी ओर रिटायर्ड डायरेक्टर होम्योपैथिक डिपार्टमेंट डॉक्टर मूलाराम ने भी होम्योपैथिक बच्चों को सर्जरी की परमिशन दिए जाने की वकालत करते हुए, अपना पक्ष रखा और कहा कि सरकार को फौरन से पेशेवर होम्योपैथिक डॉक्टरों को इसकी आज्ञा प्रदान करनी चाहिए। ताकि वह भी अपनी शिक्षा और प्रतिभा का संपूर्ण उपयोग कर सकें। डॉ अनुकांत ने कहा कि होम्योपैथिक डॉक्टर भी इतने प्रतिभाशाली हैं जितने अन्य डॉक्टर और हमारा मकसद किसी के साथ झगड़ा नहीं।
वैसे भी कोरोना काल में होम्योपैथिक डॉक्टरों ने अपना संपूर्ण योगदान दिया। हम होम्योपैथिक डॉक्टर सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमें भी चिकित्सा क्षेत्र की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जाए ताकि हम भी अपनी योग्यता और क्षमता का सही इस्तेमाल करते हुए समाज को सार्थक योगदान दे सकें। डॉ अनुकांत गोयल ने बताया कि उनकी कई होम्योपैथिक डॉक्टरो से बात हुई है और कमोबेश लगभग हर एक डॉक्टर ने अपनी स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि उन्हें भी सर्जरी की परमिशन मिलनी चाहिए।