चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में, रीजनलआउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ के उप निदेशक (पूर्वी-उत्तर क्षेत्र), श्री अनुज चांडक ने कहा कि इस दिन को मनाने का लक्ष्य बालिकाओं के अधिकारों के बारे मेंजागरूकता को बढ़ावा देना है।उन्होंने पत्र सूचना कार्यालयऔर रीजनलआउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ द्वारा आज राष्ट्रीय बालिका सप्ताहपरआयोजित एक वेबिनार के दौरान यह बात कही।वेबिनार के दौरान, श्री चांडक ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में लड़कियों को सहायता, अवसर और सशक्तिकरण प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रयासों और नीतिगत निर्णयों पर प्रकाश डाला।
सुश्री प्रभजोत कौर अटवाल, जेंडर स्पेशलिस्ट, समाज कल्याण विभाग, चंडीगढ़ ने कहा कि लड़कियों के खिलाफ भेदभाव 21 वीं सदी में भी मौजूद है और महिलाओं के बारे में पूर्वाग्रह बच्चों में उनके संवरने की अवस्था से ही पैदा होता है और यह मानव जीवन के हर पहलू में मौजूद है। उन्होंने आगे इस बात पर बल दिया किसमाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक बालिका को हर अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है और बच्चों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाया जाना चाहिए।
श्री राजेश कुमार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, तरनतारन, पंजाब ने जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न पहलों के माध्यम से बालिका अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया। श्रीमती पुष्पांजलि भाटिया, एनएसएस समन्वयक, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-18, चंडीगढ़ ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वित्तीय स्वतंत्रता आवश्यक है।
मोहाली से एक युवा पर्वतारोही सुश्री रमनजोत कौर नेएक खेल उत्साही बनने से लेकर पेशेवर पर्वतारोही बनने तक के अपने अनुभव को साझा किया।एनएसएस स्वयंसेवकोंएवं अन्य प्रतिभागियों ने भी बातचीतकी और वेबिनार के दौरान अपने संदेह को स्पष्ट किया।
सत्र का समापन श्री हिमांशु पाठक, सहायक निदेशक, पत्र सूचना कार्यालय(पीआईबी), चंडीगढ़ के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। सुश्री सपना, रीजनलआउटरीच ब्यूरो (आरओबी), चंडीगढ़ ने वेबिनार का संचालन किया।चंडीगढ़ क्षेत्र से सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अन्य अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक और शिक्षक ने भी वेबिनार में भागलिया।