चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
14 फरवरी को निकाय चुनाव में राज्य में हुए हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटना सामने पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से हिंसा और बूथ कैप्चरिंग वाले जगहों पर दोबारा मतदान कराने की मांग की है। मंगलवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में पार्टी नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य में दो सौ से ज्यादा जगहों पर कांग्रेस के गुंडों ने हिसा कर बूथ कैप्चरिंग की। समाना, अबोहर, पट्टी, फिरोजपुर, राजपुरा, बठिंडा, मोगा, धूरी, पातड़ां और कई अन्य नगर निकाय क्षेत्रों में कांग्रेस के गुंडों द्वारा हिंसा और बूथ कैप्चर किए जाने की रिपोर्ट दर्ज की गई। आप कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर कांग्रेस के गुंडों के मतदान केन्द्रों जबर्दस्ती प्रवेश करने और बूथों पर कब्जा करने वाली फोटो और वीडियो मीडीया से साझा किया है। उन तस्वीरों और वीडीयोज को देखकर साफ पता चलता है कि कैसे कांग्रेस के गुंडों ने लोगों को डरा-धमकाकर बूथ लूटा और लोगों के वोट के अधिकार को छीनने की कोशिश की। लेकिन बेहद शर्म की बात है कि पुलिस उन गुंडों को रोकने के बजाए गुंडागर्दी का विरोध करने वाले आप कार्यकर्ताओं को पीट रही थी और कांग्रेसी गुंडों को खुली छूट देकर उनसे बूथ लुटवा रही थी।
उन्होंने कहा कि सोमवार को आम आदमी पार्टी की टीम ने राज्यभर के पार्टी कार्यकर्ताओं से उन बूथों के बारे में रिपोर्ट एकत्र की जहां हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं दर्ज की गई थीं। रिपोर्ट के नतीजें चौंकाने वाले निकले। 200 से ज्यादा बूथों पर हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं हुईं। कुछ निकायों के तो लगभग सभी वार्डों में बूथ कैप्चरिंग और हिंसा की घटना हुई।
चीमा ने चुनाव आयोग के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा, सबसे ज्यादा हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी संख्या में बूथ कैप्चरिंग का मामला सामने आने के बाद भी चुनाव आयोग ने चुनाव को स्वतंत्र करार देने के लिए मात्र 3 मतदान केन्द्रों पर दोबारा मतदान कराने का फैसला किया। पूरे चुनाव के दौरान चुनाव आयोग का रवैया बिल्कुल एकतरफा रहा। ऐसा लग रहा था जैसे चुनाव आयोग कांग्रेस का चुनाव विंग हो। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की कोई व्यवस्था नहीं की। आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले कई बार राज्य चुनाव आयुक्त से मिलकर चुनाव में धांधली का संदेह जताया था। हमने आयोग को पहले ही कांग्रेस के गुंडों और पुलिस के रवैये से अवगत कराते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बलों की तैनाती की की जाए। लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र के पर्व को गंदा होने से बचाने के लिए आयोग ने कोई हमारी मांगों पर कोई अमल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि खुद कांग्रेस के प्रदेश युवाध्यक्ष बरिंदर सिंह ढि़ल्लो ने चुनाव में कांग्रेस के लोगों द्वारा हिंसा और धांधली की बात स्वीकारी। पूरे राज्य ने उनकी बात सुनी, कैप्टन और चुनाव आयोग को भी कांग्रेस के युवा नेता की बात सुननी चाहिए। गुंडों के माध्यम से चुनाव लूटना कैप्टन की सोची-समझी रणनीति थी। बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं ने फिर साबित कर दिया है कि कैप्टन अमरिंदर की नीति जनता की आवाज़ को दबाने की है। कांग्रेस का भरोसा लोकतंत्र में नहीं है।