बरनाला, अखिलेश बंसल/करन अवतार:
एक साल के बाद भारत देश को भले ही वैक्सीन नसीब हो गई है लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार भी फिर से तेज होने लगी है। इस नामुराद बीमारी को मात देने के लिए एक मात्र संजीवनी सहजन पेड़ है। जो कोरोना को तो खत्म करने में सक्षम ही है उसके साथ ही माय-ग्रेन रोगी, किडनी रोग, ह्रदय रोगी, योन पीड़ा संक्रमण, टायफायड जैसी बीमारियों को जड़ से उखाड़ने और धरती को बिना किसी खाद के कृषि युक्त बनाने में मददगार है। भारतरत्न गुलजारी लाल नन्दा फाउंडेशन दिल्ली के चेयरमैन एवं उद्यमी विकास योजना जनकल्याण केंद्र के प्रबंध निदेशक के.आर.अरुण ने यह बात संक्रमण बचाव स्वास्थ्य चेतना अभियान के तहत वर्चुवल वार्ता में दी है। धरती का मित्र लेकिन माय-ग्रेन रोगी, किडनी रोग, ह्रदय रोगी, योन पीड़ा संक्रमण, टाइफाइड का दुश्मन है सहजन पेड़ : के.आर.अरुण
लापरवाही से बढ़ रहा संक्रमण:
के.आर.अरुण ने ज्यादातर लोग रोजी रोटी के चक्कर में ऐसे उलझें हैं, जिससे वह घर से बाहर निकलते वक्त लापरवाही बरत लेते हैं और बीमारियों के फैले संक्रमण के चपेट में आ जाते हैं। मौजूदा समय मे वैक्सीन के साथ साथ सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंस और मास्क प्रोटोकॉल है, लेकिन लोग नहीं पालन नहीं कर रहे, जिससे संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए खानपान शुद्ध और इम्युनिटी बढाने की बातें समझना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पंजाब व हरियाणा जैसे प्रदेश मेहनतकश लोगों के राज्य हैं जिन्हें हर परिवार सदस्य को संक्रमण से बचाना है।
कैसे करें इस्तेमाल-कैसा होगा लाभ:
शोध विशेषज्ञ समाज विज्ञानी भारतरत्न नन्दा जी के परम शिष्य के.आर.अरुण ने कहा कि सहजन पेड़ से निकलने वाली फल्लियां व पत्तों की सब्जी व काढ़ा संक्रमण भगाने व इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहद उपयोगी है। इसमें 2 गिलास पानी उबलते पानी मे काली मिर्च, अदरक थोड़ी चीनी, काला नमक, अदरक से बने काढ़े का प्रयोग दिन में 3 बार काफी मददगार होगा। शाम की सब्जी में सहजन के पत्ते व फल्लियां आम सब्जी की तरह खाएं। यदि रसीली सब्जी बनाएंगे तो काढ़ा की तरह काम करेगा यह काफी फायदा देता है हर संक्रमण को शरीर के अंदर ही खत्म कर देता है। उनके अनुसार सहजन फलियों, पत्तों व इसके काढ़े से माय ग्रेन रोगी, किडनी रोग, ह्रदय रोगी, योन पीड़ा संक्रमण, टायफायड का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। यह पेड़ धरती पर औषधि देव अवतार है, जिस मिट्टी में यह पेड़ लगेगा वह मिट्टी भी औषधि बनेगी। सहजन के पत्ते खराब पानी को भी शुद्ध बनाने में कारगार हैं।
कृषि, वन व जंगलात विभागों को आना होगा आगे:
के.आर.अरुण ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सुबह सायं स्नान के वक्त यदि नीम व सहजन की 10-10 पत्तियां पानी भरी बाल्टी में 30 मिनट पहले डाल दे तो वह पानी सबसे पावरफुल सेनेटाइजर होगा।
K R Arun
उन्होंने कहा कि सहजन मल्टी विटामिन है, जो 300 से अधिक रोगों में उपयोगी है। कृषि, वन व जंगलात विभाग सहजन का पौधारोपण ज्यादा से ज्यादा करवाएं। जमीन में लगे पौधों की ताकत बढ़ाने के लिए किसानों व मालियों को इसके पत्ते रस से डंठल इत्यादि का घोल बनाकर फसल में छिडक़ाव करवाने को कहें। पशु पालक इसके गिरे पत्ते भी पशुओं को चारे के साथ दें, तो दूध में इजाफा होगा, दूध व्यवसाय भी बढ़ेगा। क्योंकि यह पेड़ देवत्व रूप वृक्ष है। यदि दूध व्यवसाय में मिलावट हुई तो कुदरती दंड भी देने में कारगार है यह सहजन पेड़। गुलजारीलाल नन्दा फाउंडेशन द्वारा इस वृक्ष की महिमा को राष्ट्र कुपोषण मुक्त अभियान के तौर पर प्रोमोट किया जा रहा है।