चण्डीगढ़, फेस2न्यूज:
पंजाब राज्य में स्कूलों के कामकाज में और सुधार लाने के लिए कई फ़ैसले लेते हुए विधानसभा में अध्यापक तबादला एक्ट संबंधी कानून लाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंज़ूरी दे दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मिड-डे-मील के वर्करों के वेतन में मासिक 500 रुपए की वृद्धि करने और इस साल सरकारी स्कूलों के बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 2.14 लाख और स्मार्ट फ़ोन बाँटने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून बनने से राज्य सरकार द्वारा साल 2019 में लागू की गई अध्यापक तबादला नीति को वैधानिक रूप मिल जायेगा। यह नीति समूची प्रक्रिया को पारदर्शी, प्रभावी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए लाई गई थी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह नीति लागू होने से स्कूल अध्यापकों की बदलियों के संदर्भ में भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई।
मिड-डे-मील के वर्करों का वेतन बढ़ाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्करों की काफी देर की माँग थी क्योंकि इसमें साल 2017 में इजाफा किया गया था। इस कदम से 19000 स्कूलों में मिड-डे-मील के 42000 वर्करों को फ़ायदा होगा।
वर्चुअल मीटिंग के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज का जायज़ा लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 वायदों में से 15 वायदों को व्यावहारिक रूप दे दिया गया है जबकि दो को आंशिक तौर पर लागू किया गया है और तीन बकाया है। उन्होंने कहा कि इनको भी इस सरकार का कार्यकाल ख़त्म होने से पहले लागू कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी सराहना की कि राज्य के हर सरकारी स्कूल, चाहे वह शहरी क्षेत्र में हो या ग्रामीण क्षेत्र में, को पीने वाले पानी की सुविधा मुहैया करवाई गई है। इसके साथ ही यह निर्देश दिए कि अगले दो महीनों में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में ऐसी ही सहूलतें यकीनी बनाई जानी चाहिएं। उन्होंने यह भी हुक्म दिए कि प्राईमरी स्कूलों में कंप्यूटर लैबें स्थापित करने के लिए 2020-21 के बजट में 50 करोड़ रुपए रखे गए हैं। जि़क्रयोग्य है कि 2512 मिडल स्कूलों, 1709 हाई स्कूलों और 1894 सीनियर सेकंडरी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा पहले ही कंप्यूटर लैबें मुहैया करवाई जा चुकी हैं।
शिक्षा सचिव ने यह बताया कि पंजाब, पहला राज्य था जिसने प्री-प्राईमरी शिक्षा को बड़े स्तर पर लागू करते हुए 3.29 लाख विद्यार्थियों के दाखि़ले किये हैं। इसके साथ ही शिक्षा के माध्यम के तौर पर अंग्रेज़ी को 14957 सरकारी प्राईमरी, मिडल, हाई और सीनियर सेकंडरी स्कूलों में लागू किया गया है जिसका फ़ायदा 3.71 लाख विद्यार्थियों को पहुँचेगा।
अपनी पेशकारी में शिक्षा सचिव ने यह भी बताया कि 19298 सरकारी स्कूलों में से 12976 स्कूलों को पहले ही स्मार्ट स्कूलों में तबदील किया जा चुका है। इसके इलावा 68263 स्मार्ट क्लास रूमों में से 41336 क्लास रूमों को स्मार्ट क्लास रूम बनाया जा चुका है जबकि 13459 सम्बन्धी यह प्रक्रिया चल रही है और 13468 को जल्दी ही स्मार्ट क्लास रूम बना दिया जायेगा।
ग्रीन बोर्डज़ और फर्नीचर मुहिम के अंतर्गत समूह प्राईमरी स्कूलों को फर्नीचर प्रदान किया गया है जिसके अंतर्गत प्री-प्राईमरी के 21.8 प्रतिशत सैक्शन कवर किये जा चुके हैं जबकि मिडल, हाई और सीनियर सेकंडरी स्कूलों की ज़रूरत 2021-22 के दौरान पूरी कर दी जायेगी।