धर्मशाला (विजयेन्दर शर्मा) ।
कोविड महामारी के खतरे के बावजूद आखिर लंबी चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद तिब्बत की निर्वासित सरकार के अगले प्रधननमंत्री के तौर पर पेंपा सेंरेंग की षुक्रवार को ताजपोषी हो गई है वह लोबसांग सांगये का स्थान लेंगे इसकी घोषणा आज मेकलोडगंज में एक आनलाईन संवाददाता सम्मेलन में की गई
तिब्बत के चुनाव आयोग कमीषनर वांगदू सेरिंग ने बताया कि निर्वासित तिब्बत की 17 संसद के चुनाव पूरे लोकतांत्रिक तरीके से विषव के 23 देषों में कराये गये जहां निर्वासन में तिब्बती रह रहे हैं चुनावी प्रक्रिया में तिब्बतीयों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया था हालांकि इस दौरान कोविड महामारी का जोखिम भी था उन्होंने बताया ि क इस प्रक्रिया में 83 हजार रजिस्टर्ड मतदाताओं के मुकाबले इस बार 63 हजार 991 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया लिहाजा 77 फीसदी लोगों ने मतदान किया
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष व निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए पेंपा सेरिंग व केलसंग दोरजे आकत्सगं में मुख्य मुकाबला था। इसमें पेंपा सेरिंग को 34324 मत पड़े, जबकि केलसंग दोरजे को 28907 वोट मिले। लिहाजा निर्वासित तिब्बती सरकार को नया प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग के रूप में चुन लिया गया है।
बांगदू सेरिंग ने नए प्रधानमंत्री के तौर पर पेंपा सेरिंग का विजयी घोषित करते हुये बताया कि मतदान दो चरणों मे हुआ था। पहले चरण में मतदान के दौरान चार चेहरे मैदान में थे, लेकिन कम मत मिलने के कारण इनमें से दो लोग बाहर हो गए और दूसरे चरण में मुख्य मुकाबला पेंपा सेरिंग व केलसंग दोरजे के बीच रहा। पहले चरण में पेंपा सेरिंग को 24488 जबकि केलसंग दोरजे को 14544 मत मिले थे। दूसरे दौर का मतदान पूरा होने व चुनाव परिणाम के बाद पेंपा सेरिंग ने जीत हासिल की है।
मतदान में भारत सहित ऑस्ट्लिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, बेलिज्यम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, स्वीडन, स्पेन, स्विट्जरलैंड, यूके, जापान, नेपाल, अमेरिका, रूस व ताइवान में रहने वाले तिब्बतियों ने भाग लिया।