चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
आम आदमी पार्टी के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा ने कच्चे अध्यापकों की ओर से शुरू किए आर-पार के संघर्ष से चिंता महसूस करते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की है कि किसी बड़े हादसे का इंतज़ार किए बिना तक़रीबन डेढ़ दशक से पंजाब के सरकारी स्कूलों में कम वेतन पर काम करते आ रहे अध्यापकों को तत्काल रेगुलर किया जाये। चीमा ने यह विचार कच्चे अध्यापकों की ओर से अपनी मांग को लगातार अनदेखा करने से खफा हो कर आज मोहाली में शिक्षा विभाग की इमारत पर चढक़र आत्मदाह की कोशिश करने के मामले पर टिप्पणी करते प्रकट किये।
चीमा ने कहा कि शिक्षा प्रोवाईडर, एआईई, ईजीएस, एसटीआर जैसे कच्चे अध्यापकों ने अपनी जि़ंदगी का कीमती समय सरकारी स्कूलों को दिया और केवल 5 हज़ार से 10 हज़ार तक वेतन पर काम किया। पहले अकाली दल की सरकार के कार्यकाल के दौरान इन अध्यापकों को सिर्फ बहाने ही लगाए गए और अब पंजाब की कैप्टन सरकार जायज मांग रेगुलर करना तो दूर बल्कि पिछले लम्बे समय से मीटिंग करने से भी भाग रहे हैं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री को वायदा याद करवाते कहा कि उस समय के अखबार और अध्यापकों के पास मुख्यमंत्री के बयानों की सीडी इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि चुनाव से पहले कैप्टन ने मोहाली के धरने में आ कर वायदा किया था कि उनकी सरकार आने पर वह पहली ही कैबिनेट मीटिंग में अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर करेंगे क्योंकि इन अध्यापकों के वेतन उनके अपने माली की वेतन की तुलना में बहुत कम है। चीमा ने अध्यापकों से अपील की है कि वह अपना संघर्ष को हिंसक न होने दें, बल्कि शांतमई रखें।