चंडीगढ़, संजय मिश्रा:
अपने ग्राहक से कैरी बैग का कीमत अलग से वसूलने पर विशाल मेगा मार्ट करनाल को उपभोक्ता आयोग ने 4000 रूपये का जुर्माना किया है और कैरी बैग की कीमत 14 रूपये को भी वापस करने का आदेश दिया है।
आज जहाँ तक़रीबन सभी दुकानदार या रोड साइड स्ट्रीट वेंडर अपने ग्राहकों को ख़रीदे गए सामान कैरी बैग में डालकर देता है और उस कैरी बैग के वो कोई अलग से कीमत नहीं वसूलता, वहीं देश में कुछ बड़े बड़े स्टोर ने अपना धंधा बना लिया है कि वो पहले अपने सामान की कीमत बाजार से कम बताते है फिर जब उपभोक्ता उनसे सामान खरीदता है तो उस सामान को कैरी बैग में डालने पर कैरी बैग का कीमत अलग से वसूलता है।
हालांकि आज के जागरूक ग्राहक स्टोर्स के इस गलत ब्यवहार को लेकर उपभोक्ता आयोग में शिकायत करते रहते है और उपभोक्ता आयोग इन स्टोर्स को जुर्माना भी लगाते रहते है फिर भी ये सुधरने का नाम नहीं ले रहे।
करनाल निवासी राजेश शर्मा ने अप्रैल 2019 में विशाल मेगा मार्ट से कुछ घरेलु सामान ख़रीदा फिर बिलिंग काउंटर पर उनसे पूछा गया कि सामान कैरी बैग में दाल दूँ तो राजेश शर्मा ने कहा हाँ जी कैरी बैग में डाल दीजिये। सामान लेकर जब वो घर पहुंचे और बिल के साथ सामान की मैचिंग की तो पाया कि कैरी बैग के 14 रूपये अलग से बिल में जोड़ दिए गए है। स्टोर मैनेजर से बात की गई लेकिन वो अपने नियम पर अड़े रहे कि हम तो कीमत लेकर ही कैरी बैग देते है, फ्री में नहीं देते। विवाद बढ़ने पर मामला करनाल जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा और शिकायत संख्या 221 ऑफ़ 2019 दर्ज कर लिया गया।
नोटिस जारी होने पर विशाल मेगा मार्ट ने आयोग में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि - केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बनाये गए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमैनेट रूल्स 2011 के मुताबिक इस बात को साफ़ किया गया है कि रिटेलर द्वारा किसी भी ग्राहक को कैरी बैग फ्री में उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। यही नहीं प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के रूल 15 के मुताबिक भी स्टोर फ्री कैरी बैग देने को बाध्य नहीं है। स्टोर ने आयोग को बताया की पूरे देश में स्टोर के चेन खुले हुए है और सभी कर्मचारी का ब्यवहार ग्राहक के प्रति नम्र एवं सेवा भाव से परिपूर्ण है और किसी भी ग्राहक को कभी भी परेशान नहीं किया गया है सो इस शिकायत को ख़ारिज कर दिया जाये।
जवाब में शिकायतकर्ता राजेश शर्मा ने आयोग को बताया कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 27 मार्च 2018 को एक नई नोटिफिकेशन जारी कर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2011 एवं 2016 को समाप्त कर दिया है जिस कारण स्टोर अब कैरी बैग का कीमत ग्राहकों से वसूल नहीं सकता, ये अवैध है। शिकायत कर्ता ने आयोग को बताया कि चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने लाइफस्टाइल इंटरनेशनल बनाम पंकज चंद घोटिया के केस में 18 मार्च 2019 को जिला आयोग द्वारा कैरी बैग की कीमत वसूलने पर लगाए गए जुर्माने को सही ठहराया है। उन्हौने बताया कि स्टोर सेल ऑफ़ गुड्स एक्ट के मुताबिक भी फ्री कैरी बैग देने को बाध्य है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने 18 अगस्त 2021 को अपने फैसले में कहा कि - स्टोर द्वारा अपने ग्राहकों से कैरी बैग की कीमत वसूलना उपभोक्तावाद के सिद्धांत के खिलाफ है। जब केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 2018 में नोटिफिकेशन जारी कर पिछले सभी नियम एवं रूल को रद्द कर दिया तो फिर स्टोर को कोई हक़ नहीं है कि वो इस रद्द किये हुए नियम के तहत ग्राहकों से कैरी बैग की कीमत वसूलता रहे। आयोग के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने विशाल मेगा मार्ट को कैरी बैग की कीमत 14 रूपये वापस करने के साथ ही मानसिक यातना एवं मुकदमा खर्च के रूप में 4000 रुपया शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया।