चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
हरियाणा राज्य में कृषि कार्यो के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते यदि कोई किसान या खेतिहर मजदूर दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो पीडि़त को मार्किट कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जाती है। यह योजना पोल्ट्री फार्म एवं डेयरी में भी लागू होती है ।
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि यदि कोई किसान या खेतिहर मजदूर कृषि मशीनरी पर काम करते हुए या किसी औजार से दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं अथवा उसकी कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे करते हुए मृत्यु हो जाए अथवा कृषि कार्य के दौरान करंट लगने एवं अग्नि संकट के दौरान मृत्यु हो जाए या कृषि कार्य के दौरान सांप/ जहरीले जीवों के काटने से मृत्यु हो जाए तो पीडि़तों को इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना में वित्तीय सहायता के रूप में दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपयेे, रीढ़ की हड्डी टूटने या किसी अन्य कारण से स्थायी अशक्तता होने पर 2 लाख 50 हजार रुपयेे, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर 1 लाख 87 हजार 500 रुपयेे, इसी प्रकार एक अंग-भंग होने या स्थायी चोट होने पर 1 लाख 25 हजार रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपये, आशिंक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपये सरकार अनुदान के रूप में मार्किट कमेटी के माध्यम से देती है।
उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम का होना जरूरी है तथा अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो प्रति दावे के साथ प्रस्तुत करें। आवेदक को दुर्घटना के दो महीने तक संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव को आवेदन करना होगा।