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जीवन शैली

‘‘ऑफ द कफ’’: साजिशों की कहानियों का एक बेहतरीन संकलन

November 13, 2021 08:08 PM

सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी, कमांडर अमराव जंग बहादुर सिंह ने एक आउट-ऑफ-द-बॉक्स किताब को रिलीज किया, जो कि व्यंग, हास्य और असामान्य समझ की कहानियों के बारे में बात करती है!

चंडीगढ़ (आर.के.शर्मा)

‘ऑफ द कफ’-काफी खूबसूरती से बुनी गई कहानियों का एक शानदार संकलन है, जिसमें कहानियों को संबंधों के धागों और प्रतिबिंबों के माध्यम से बुना गया है। ऑफ द कफ, कमांडर एजेबी सिंह के नई साहित्यिक रचना है, जिसे आज यहां एक समारोह में रिलीज किया गया।

डॉ.दीप्ति गुप्ता (प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश एंड कल्चरल स्टडीज, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़), डॉ. शौकत अली नूरवी (आईआरएस, एडीशनल कमिश्नर कस्टम्स एंड सीजीएसटी, आईजीआई नई दिल्ली), और श्री राजबीर सिंह देसवाल (आईपीएस) (सेवानिवृत्त) जैसे प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, किताब के विमोचन समारोह में उपस्थित थे और उन्होंने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कमांडर सिंह को पुस्तक के विमोचन के लिए शुभकामनाएं दीं।

बेंगलुरू स्थित किताब के कई रेखाचित्रों और डूडल के निर्माता वाइस एडमिरल गणेश महादेवन ने पहले से रिकॉर्ड की गई बातचीत में किताब और लेखक को लेकर अपने विचार साझा किए।

किताब में शामिल अलग अलग कहानियों के बारे में बात करते हुए कमांडर सिंह ने बताया कि ‘‘इस किताब में शामिल शॉर्ट और शॉर्प कहानियां हवाई जहाज, ट्रेन और लू तक में किसी के भी खाली पलों के लिए आदर्श साथी हैं। कहानियों के पात्र अपनी अपनी कहानियां में तय धारणााओं, व्यंग, समझदार, गर्मजोशी और कोमल हास्य के साथ जीवन और बीते हुए समय के बारे में काफी अधिक वाक्पटुता से बात करते हैं।’’

किताब में शामिल अलग अलग कहानियों के बारे में बात करते हुए कमांडर सिंह ने बताया कि ‘‘इस किताब में शामिल शॉर्ट और शॉर्प कहानियां हवाई जहाज, ट्रेन और लू तक में किसी के भी खाली पलों के लिए आदर्श साथी हैं। कहानियों के पात्र अपनी अपनी कहानियां में तय धारणााओं, व्यंग, समझदार, गर्मजोशी और कोमल हास्य के साथ जीवन और बीते हुए समय के बारे में काफी अधिक वाक्पटुता से बात करते हैं।’’

उन्होंने बताया कि ‘‘इन पन्नों के भीतर, आप एक प्रधान मंत्री, एक फिल्म स्टार, खूबसूरत सह-यात्रियों, आम लोगों, सामान्य ज्ञान और पुरानी कारों के लिए एक मार्मिक प्रशंसाओं से रूबरू होंगे। इनमें संगीत, भाग्य, जेबकतरे, एक चुंबन जो कभी नहीं हुआ और अन्य छोटी-मोटी आपदाओं के बारे में काफी अच्छे से बताया गया है। पाठकों को शौचालय में पंखा लगाने, बारिश में आनंद लेने, पेट दर्द की पीड़ा और भगवान के अपरिवर्तनीय स्वभाव की कहानियां भी मिलेंगी।’’

बक्कस द्वारा प्रकाशित, ‘ऑफ द कफ’ अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है और जल्द ही चुनिंदा ऑफलाइन बुकस्टोर्स में भी उपलब्ध होगी।

लेखक परिचय: 

साल 1965 में भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त, कमांडर एजेबी सिंह 23 साल की सेवा के बाद समय से पहले सेवानिवृत्त हो गए। जहाजों और सैन्य संस्थानों में सामान्य कार्यों के अलावा, वे वेस्टर्न फ्लीट कमांडर के सचिव और बाद में नौसेना मुख्यालय में सामग्री प्रमुख के सचिव थे।

उन्होंने प्रतिष्ठित डीएसएससी, वेलिंगटन की फैकेल्टी में चार साल का कार्यकाल पूरा किया है, जहां वे ऊटाकामुंड हंट के सचिव भी थे -अपनी तरह का एकमात्र क्लब ईस्ट ऑफ द स्वेज’ है।

वे 1988 में मेसर्स जीआरएसई में शामिल हुए और कोलकाता में रहते हुए, अक्सर ‘द स्टेट्समैन’ के लिए लिखते रहे। जीआरएसई से उन्हें एमओडी के रक्षा प्रदर्शनी संगठन में इसके निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। वहां रहते हुए, वह विदेश में प्रदर्शनियों में एमओडी की भागीदारी के कोऑर्डिनेटर के अलावा एयरो इंडिया और डीईएफईएक्स्पो के आयोजन के लिए नोडल अधिकारी थे।

2012 में पछतावे के साथ कोलकात्ता छोड़ने के बाद, कमांडर सिंह और उनकी पत्नी अब मोहाली में रहते हैं-उनके बच्चे अपनी जिंदगी में स्वतंत्रता की तरफ बढ़ रहे हैं। वह वर्तमान में भारत में अंतरराष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा प्रदर्शनियों को बढ़ावा देने में शामिल हैं।

एक ‘उत्सुक’ राइडर और खिलाड़ी, मैदान पर और बाहर उसकी चोटों ने उसके खेल के कारनामों को सप्ताह में एक बार गोल्फ खेलने तक ही सीमित कर दिया है।

 
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