चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
आज के समय में गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों पर आधारित नैतिक शिक्षा बच्चों के लिए बेहद जरूरी है।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय आज बीपीएस प्लेनेटोरियम अम्बाला छावनी में आयोजित मंथन स्कूल लीडरशिप समिट-2021 में उपस्थित निसा (नेशनल इंडिपेंडट स्कूल अलायंस) से जुड़े स्कूलों के प्रतिनिधियों को तथा शिक्षाविदों को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने निसा द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट का भी विमोचन किया। यह रिपोर्ट कोविड-19 के संकट काल के दौरान ऑनलाईन शिक्षा लर्निंग लॉस आदि बच्चों की शिक्षा से सम्बन्धित विषयों पर तैयार की गई है।
उन्होनें कहा कि कोविड-19 के संकटकाल के दौरान सभी किसी न किसी रूप में प्रभावित हुए हैं और सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की शिक्षा का हुआ है। हालांकि कोविड-19 महामारी ने हमें शिक्षा में प्रौद्योगिकी के महत्व का एहसास कराया।
उन्होंने कहा कि इस महामारी में बच्चों की शिक्षा में विपरीत प्रभाव पड़ा है। सर्वे में पाया गया है कि 40 प्रतिशत बच्चें ही आनलाईन शिक्षा ग्रहण कर पाए हैं। ऐसे में बच्चों की शिक्षा क्षतिपूर्ति के लिए हमें सिलेबस को दोहराने की आवश्यकता है । इसके लिए टयूटोरियल कक्षाएं शुरू करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से भी खुशी हो रही है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मूल्य आधारित शिक्षा, कौशल व व्यवसायिक शिक्षा तथा बच्चों के समग्र विकास पर काफी जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि बच्चों को प्राईमरी व उच्च शिक्षा से ही उनकी रूचि अनुसार कौशल शिक्षा दी जाए ताकि ये बच्चे बडे होकर नौकरी ढुंढने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के साथ-साथ अपनी मातृभाषा का भी ज्ञान बच्चे दिल से प्राप्त करें।
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार ने गुणवता की शिक्षा के साथ बच्चों की खेल गतिविधियों पर फोकस किया है। हरियाणा राज्य में ग्यारह सौ से अधिक सरकारी प्ले स्कूल कार्यरत हैं। सुपर-100 कार्यक्रम के तहत गरीब मेधावी छात्रों को जेईई-नीट परीक्षा के लिए निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इस साल सुपर-100 के 26 छात्रों को आईआईटी में दाखिले के लिए चुना गया है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने निसा से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी सदस्य स्कूलों को एनईपी-2020 को लागू करने के लिए तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक शेड्यूल तैयार करना चाहिए।