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एमबीबीएस पाठ्यक्रम में कपटपूर्ण तरीके से चयनित होने पर एक उम्मीदवार को पाँच वर्ष की कठोर कारावास

November 30, 2021 06:27 PM

ग्वालियर, फेस2न्यूज:
सीबीआई मामलो के विशेष न्यायाधीश, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ने व्यापम से सम्बंधित मामले में कपटपूर्ण तरीके से एम बी बी एस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने पर श्री अरविन्द अग्निहोत्री (उम्मीदवार) को पाँच वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
सीबीआई ने यह मामला, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में को दर्ज किया था और एक शिकायत के आधार पर आरोपी के विरुद्ध झाँसी रोड पुलिस स्टेशन, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में पूर्व में दर्ज मामले की जाँच को अपने हाथों में लिया। यह आरोप है कि आरोपी अरविन्द अग्निहोत्री ने पी एम टी 2009 के माध्यम से कपटपूर्ण तरीको का प्रयोग करते हुए ग्वालियर स्थित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया। जाँच के दौरान श्री अरविन्द अग्निहोत्री को गिरफ़्तार किया गया और उनसे पूछताछ (examined) की गई। आगे यह आरोप है कि वह पी एम टी 2009 की प्रवेश परीक्षा में नई दिल्ली स्थित परीक्षा केंद्र पर उपस्थित नही हुए थे। कथित रुप से परनामधारी उक्त परीक्षा केंद्र पर उपस्थित हुआ और मूल उम्मीदवार अरविन्द अग्निहोत्री के स्थान पर दोनों पालियों (shifts) में परीक्षा दी। परीक्षा परिणाम घोषित होने पर, उसे एम पी पी एम टी 2009 की परीक्षा में उत्तीर्ण पाया गया। उम्मीदवार अरविन्द अग्निहोत्री पी एम टी 2009 की कॉउंसलिंग में शामिल हुआ और उन्हें एम बी बी एस पाठ्यक्रम हेतु ग्वालियर स्थित मेडिकल कॉलेज आवंटित हुआ। उन्होंने पी एम टी 2009 बैच के एम बी बी एस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया।
सीबीआई जाँच के दौरान, अरविन्द अग्निहोत्री की हाथ की लिखावट/हस्ताक्षर के नमूने लिए गए। ओएमआर उत्तर पत्रक, दोनों पालियो के प्रश्नपत्रों के सम्मुख पृष्ठों, ओएमआर आवेदन पत्र और पता वाली पर्ची आदि व्यापम, भोपाल से प्राप्त की गई एवं इन पत्रकों की तुलना करने तथा इन पर विशेषज्ञ की राय लेने के लिए सी एफ एस एल को भेजा गया। विशेषज्ञों की राय में यह सिद्ध हुआ कि न तो ओएमआर आवेदन पत्र, न ही ओएमआर उत्तर पत्रक और न ही प्रश्नपत्रों की बुकलेट के सम्मुख पृष्ठ, अरविन्द अग्निहोत्री द्वारा लिखे एवं हस्ताक्षर किए गए थे। इस प्रकार, यह निष्कर्षतः सिद्ध हुआ कि अरविन्द अग्निहोत्री दिनाँक 05.07.2009 को नई दिल्ली में आयोजित पी एम टी 2009 परीक्षा नही दी थी। हालांकि, उन्होंने पी एम टी 2009 के परिणाम के आधार पर एम बी बी एस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया और कपटपूर्ण तरीके से किसी अज्ञात परनामधारी की सेवा लेकर एम पी पी एम टी 2009 के माध्यम से ग्वालियर स्थित मेडिकल कॉलेज में एम बी बी एस पाठ्यक्रम में अपना चयन करवाया।
जाँच के पश्चात, सीबीआई ने दिनाँक 03.07.2017 को आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया। विचरण अदालत ने आरोपी को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

 
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