नेत्रहीन 23 दिसंबर करेंगे दिल्ली के पंजाब भवन और कांग्रेस मुख्यालय का घेराव: एस के रूंगटा
चंडीगढ़ (फेस2न्यूज )
पंजाब सरकार के बर्ताव के खिलाफ दुखी हो कर पंजाब के नेत्रहीनों का संघर्ष अब और तीव्र होता दिखाई दे रहा है। नेत्रहीनों के अधिकारों के लिए देश के अग्रणी संगठन "नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड" के राष्ट्रीय महासचिव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एस के रूंगटा नेत्रहीनों की मांगों को लेकर पंजाब के मुख्य सचिव से मुलाकात करने विशेष तौर पर चंडीगढ़ पहुंचे।
प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बातचीत करते रूंगटा ने बताया कि नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड और और भारत नेत्रहीन समाज की ओर से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत के घर के बाहर धरना दिया जा रहा है, परंतु मुख्यमंत्री नेत्रहीनों की बात सुनने को तैयार ही नहीं। सरकार के इस अड़ियल रवैये से दुखी हो कर पंजाब और देश के नेत्रहीन 23 दिसंबर को दिल्ली में पंजाब भवन और कांग्रेस दफ्तर का घेराव करेंगे।नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड पंजाब ब्रांच और भारत नेत्रहीन सेवक समाज के प्रमुख प्रीत सिंह चहल, बलविंदर सिंह चहल, विवेक मोंगा, परविंदर सिंह फूलवाल व वरिंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि समूह नेत्रहीन भाईचारा वर्तमान सरकार से बेहद खफा है और भाईचारे ने पंजाब सरकार के प्रति गुस्से की लहर पाई जा रही है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड पंजाब ब्रांच और भारत नेत्रहीन सेवक समाज के प्रमुख प्रीत सिंह चहल, बलविंदर सिंह चहल, विवेक मोंगा, परविंदर सिंह फूलवाल व वरिंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि समूह नेत्रहीन भाईचारा वर्तमान सरकार से बेहद खफा है और भाईचारे ने पंजाब सरकार के प्रति गुस्से की लहर पाई जा रही है।
नेत्रहीन प्रमुखों ने बताया कि 23 दिसंबर को होने जा रहे धरने को लेकर नेत्रहीन बिरादरी में खासा जोश है। पंजाब के नेत्रहीन भारी संख्या में दिल्ली पहुंच रहे हैं। नेत्रहीनों ने पंजाब के विपक्षी दलों से भी अपील की है कि उनके मसले को लेकर पंजाब सरकार को घेरें मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठे नेत्रहीनों को संबोधित करते हुए रूंगटा ने भरोसा दिलाया कि जब तक पंजाब सरकार नेत्रहीनों की मांगों को नहीं मानती, तब तक पूरा नेत्रहीन समाज रोष के साथ पंजाब सरकार के विरोध में है।
नेत्रहीनों की मुख्य मांगों के बारे में संस्था प्रमुखों ने बताया कि नौकरियों में नेत्रहीनों का फीसदी आरक्षण अभी तक सरकार ने नहीं दिया, जिसे जल्द से जल्द दिया जाए। नेत्रहीन व विकलांगों को प्रति माह 5000 पेंशन दी जाए। लंबे समय से एक पोस्ट पर काम कर रहे नेत्रहीन खिलाड़ियों को आम खिलाड़ी जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएं। नेत्रहीनों को 300 यूनिट बिजली हर महीने मुफ्त दी जाए। आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक नेत्रहीन का सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज किया जाए। नेत्रहीनों और विकलांग कर्मचारियों को मिलने वाले विकलांग भत्ता सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था उसे दोगुना करके बहाल किया जाए। नेत्रहीनों को पिछड़ा वर्ग मानकर पिछड़े वर्ग को मिलने वाली सारी सुविधाएं नेत्रहीनों को दी जाएं.
अगला प्रोग्राम तय करने के लिए वरच्युअल मीटिंग में कुलवंत सिंह खरड़, जगजीत सिंह तरनतारन, करमजीत सिंह अमृतसर, कुलदीप सिंह पटियाला, जसपाल सिंह होशियारपुर, मास्टर आत्माराम भारती जालंधर, बाबा सोभा सिंह बरनाला, कुलदीप सिंह नाभा, जसवंत सिंह कोटी शिखा अर्शदीप सिंह फिरोजपुर अमनदीप सिंह बठिंडा जसवीर सिंह बराड़ फरीदकोट, हर्ष महलपुर, बाबा जसप्रीत सिंह लुधियाना रमनदीप गोयल संगरूर, जोगिंदर सिंह मंडी अहमदगढ़, मनदीप सिंह मुक्तसर, जगजीत सिंह खरड़, तरसेम लाल बस्सी पठानां व गुरविंदर सिंह नूरमहल सहित बड़ी संख्या में नेत्रहीन शामिल हुए.