जीरकपुर (मेजर अली)
जीरकपुर में चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर बने फ्लाईओवर की ब्यूटीफिकेशन पर एनएचएआई ने डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर दिए। लेकिन काम बीच में ही बंद होने बाद ब्यूटीफिकेशन का काम दिन ब—दिन खराब हो रहा है। जब यहां काम चल रहा था, तब लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही फ्लाईओवर की ब्यूटीफिकेशन का काम पूरा हो जाएगा और इससे जीरकपुर को एक नई पहचान मिलेगी। अब यहां सुंदरता की जगह उजाड़ जैसा माहौल है। फ्लाईओवर के नीचे टूट—फूट और धूल फांक रहे सामान को देखकर लोग कह रहे हैं कि जब काम अधूरा ही छोड़ना था तो इतने रुपए खर्च ही क्यों किए। फ्लाईओवर की ब्यूटीफिकेशन के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करके काफी काम करवाया गया था। लेकिन काम बीच में बंद होने के कारण यहां अब तक जितने एरिया को डेवलप किया गया है, वह भी खस्ताहाल हो रहा है। इस प्रोजेक्ट से लोगों को काफी उम्मीदें थी। पिछले कई दिनों से प्रोजेक्ट का काम बंद है। फ्लाईओवर के नीचे जमीन को समतल किया गया था, जहां अब बड़ी- बड़ी घास उग आई है और मवेशी घूमते रहते हैं। दो किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के नीचे के हिस्से में 3 करोड़ की लागत से ब्यूटीफिकेशन का काम पूरा होने से पहले ही खराब होने लगा है। फ्लाईओवर के नीचे सड़क के साथ- साथ लगी ग्रिल कई जगह से चोरी हो चुकी हैं। चंद्रशेखर नहीं हो पाए 'आजाद', उद्घाटन न होने के चलते स्टैच्यू रखा गया है ढक कर
दुकानदारों ने फैंका कचरा, ग्रिल ले गए चोर:
ब्यूटीफिकेशन के सामान का फ्लाईओवर के नीचे ढेर लगा हुआ है जिस पर धूल-मिट्टी जम गई है। चोरों ने लोहा चुराने के लिए यहां बनाए गए बेंच तोड़ डाले। प्रोजेक्ट पर मोटी रकम खर्च करने के बाद भी इसकी हालत बदतर हो गई है। फ्लाईओवर के नीचे आसपास के दुकानदारों ने कचरा फेंकना शुरू कर दिया है। इस बारे में लोगों का कहना है कि जीरकपुर एमसी को यहां कचरा फेंकने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे दुकानदारों के चालान किए जाने चाहिए। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले भी फ्लाईओवर के नीचे काफी मात्रा में कचरा पड़ा हुआ था। फ्लाईओवर के दोनों तरफ के दुकानदार यहां कचरा फेंक रहे थे।
पिलर्स पर चिपकाए जा रहे पोस्टर, नहीं होती कार्रवाई:
ब्यूटीफिकेशन के काम को तो नुकसान पहुंचाया ही जा रहा है, फ्लाईओवर के पिलर्स पर पोस्टर भी चिपकाए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने फ्लाईओवर की ब्यूटीफिकेशन के लिए काफी पैसा खर्च कर दिया है, जबकि लोग इसकी सुंदरता को फिर से खराब करने में लगे हुए हैं। जीरकपुर एमसी भी यहां पोस्टर चिपकाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। लोगों का कहना है कि ब्यूटीफिकेशन का जितना काम अब तक हुआ है, कम से कम उसे सुरक्षित रखना चाहिए। नुकसान के कारण प्रोजेक्ट की लागत बढ़ेगी और इसमें समय भी ज्यादा लगेगा। जीरकपुर एमसी को शहर की सुंदरता बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
जीरकपुर में जीरकपुर अंबाला नेशनल हाईवे की ब्यूटीफिकेशन को लेकर साल 2015 में प्लानिंग बनी। एनएचएआई के तत्कालीन प्रोजेक्ट डायरेक्टर ओसी माथुर भी यहां फ्लाईओवर के नीचे का एरिया देखने के लिए आए थे। साल 2016 में फ्लाईओवर के नीचे आर्ट गैलरी पर कुछ काम शुरू हुआ था। कई कलाकारों ने यहां पंजाब की कल्चर से जुड़ी पेंटिंग बनानी शुरू की। कई पिलर्स पर प्राइमर लगाया गया था। 110 पिलर्स पर पेंटिंग व आर्ट वर्क के लिए आर्ट ग्रेजुएट्स ने काम शुरू किया था।
एनएचएआई ने अपने हाथ में लिया था काम:
साल 2020 में इस काम को एनएचएआई ने अपने हाथ में लेकर इस पर काम शुरू कर दिया था। साल 2020 में कुछ काम हुआ। इसके बाद ज्यादातर काम साल 2021 में हुआ। अब भी इसका 30 से 40 प्रतिशत काम बाकी रहता है।