ENGLISH HINDI Wednesday, April 24, 2024
Follow us on
 
धर्म

श्री मद् देवी भागवत् पुराण सभी शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों में महान: डॉ बालगोविंद शास्त्री

May 17, 2022 07:13 PM

ज्वालामुखी (विजयेन्दर शर्मा )

ज्वालामुखी के गीता भवन में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा श्री पराम्बाधाम पोलीपाथर ग्वारीघाट जबलपुर से आए डॉ बालगोविंद शास्त्री जी महाराज ने कहा कि मां भगवती का स्वरूप अष्ट भुजाओं पर केन्द्रित है, जिसमें समस्त देवी देवताओं की शक्ति का स्वरूप है। देवी की साधना करने से मनुष्य को अपने जीवन की सभी खुशियां वापस मिलती है तथा मनुष्य ऊर्जावान होकर जीवन में संचार करता है।

कथा व्यास डॉ बालगोविंद शास्त्री जी महाराज ने कहा कि श्रीमद देवी भागवत महापुराण आयु, आरोग्य, पुष्टि, सिद्धि एवं आनंद कथा मोक्ष प्रदान करने वाला दिव्य ग्रंथ है। सभी प्राणी जिनके भीतर स्थित हैं और जिनसे सम्पूर्ण जगत प्रकट होता है, जिन्हें परम तत्व कहा गया है, वे साक्षात स्वयं भगवती ही हैं। सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है, जिसके साक्षात हम प्रमाण हैं, वे एकमात्र भगवती ही हैं। जो इस समग्र जगत को धारण करती हैं तथा योगीजन जिनका चिंतन करते हैं और जिनसे यह विश्व प्रकाशित है, वे एकमात्र भगवती दुर्गा ही इस जगत में व्याप्त हैं।

कथा व्यास डॉ बालगोविंद शास्त्री जी महाराज ने कहा कि श्रीमद देवी भागवत महापुराण आयु, आरोग्य, पुष्टि, सिद्धि एवं आनंद कथा मोक्ष प्रदान करने वाला दिव्य ग्रंथ है। सभी प्राणी जिनके भीतर स्थित हैं और जिनसे सम्पूर्ण जगत प्रकट होता है, जिन्हें परम तत्व कहा गया है, वे साक्षात स्वयं भगवती ही हैं। सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है, जिसके साक्षात हम प्रमाण हैं, वे एकमात्र भगवती ही हैं। जो इस समग्र जगत को धारण करती हैं तथा योगीजन जिनका चिंतन करते हैं और जिनसे यह विश्व प्रकाशित है, वे एकमात्र भगवती दुर्गा ही इस जगत में व्याप्त हैं।

उन्होंने शुम्भ-निशुम्भ की कथा का वर्णन किया। इसके अलावा माता कात्यायनी के रूप में शिव द्वारा इंद्र के राजसिंहासन को वापस लौटाने की कथा का भी वर्णन किया। उन्होंने असुरों के युद्ध के दौरान मां देवी भगवती के विराट तथा सुन्दर रूप का वर्णन करते हुए मनुष्य को संयम, संकोच, धार्मिक, आचरण, बोध, ज्ञानवान, करुणा भाव तथा मैत्री गुणों को धारण करने की शिक्षा दीक्षा दी। इस मौके पर मां कात्यायनी के जीवन आरम्भ मनुष्य के कल्याण के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य तथा देव मनुष्य तथा असुरों के कल्याण की कथा का भी प्रसंग सुनाया।

उन्होंने बताया कि श्री मद् देवी भागवत् पुराण सभी शास्त्रों तथा धार्मिक ग्रंथों में महान है। इसके सामने बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत नगण्य हैं। इस पुराण के सुनने से पाप सूखे वन की भांति जलकर नष्ट हो जाते हैं, जिससे मनुष्य को शोक, क्लेश, दुःख आदि नहीं भोगने पड़ते। जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है, उसी प्रकार भागवत् पुराण के श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट, व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते हैं।

महात्माओं ने सूतजी से भागवत् पुराण के संबंध में ये जिज्ञासाएं रखीं। कार्यक्रम के अंत में मां भगवती की पूजा अर्चना की गई। इस उपरांत सभी भक्तजनों के लिए लंगर का आयोजन किया गया।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और धर्म ख़बरें
हनुमान जयंती को लेकर भगवान श्री हनुमान की भक्ति में डूबा सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ क्यों हम करें शक्ति आराधना श्री सांई पालकी शोभा यात्रा पहुंची चण्डीगढ़-पंचकूला में बाबा भक्तों के द्वार शिव रात्रि के यथार्थ अर्थ व परमात्मा शिव की सत्य पहचान के सन्देश से श्रद्धालुओं को अवगत कराया चंडीगढ़ के खेड़ा शिव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह धूमधाम से मनाया गया किन्नर समाज ने राम लला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर साईं मंदिर में बधाई गाई राम जी के रंग में रंगा स्मार्ट एयर प्यूरिफिकेशन टॉवर भी श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन हजारों रामभक्तों ने 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के समय होने वाले स्थानीय कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की सनातन धर्म की पूजा-पद्धति सबसे सरल व सीधी : जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती