जीरकपुर, कृतिका:
कुछ वर्ष पहले शहर की पटियाला रोड और अंबाला रोड पर इतने पेड़ थे कि चारों ओर हरियाली नजर आती थी। लेकिन जब दोनों ओर सड़क को चौड़ा किया गया तो पेड़ों का कटना पड़ा। हालंकि जंगलात विभाग दावा करता है कि उन्होंने काटे हुए पेड़ो के मुकाबले पेड़ लगाए भी हैं। वहीं दूसरी मौजूदा स्थिति की बात करें तो पटियाला रोड बहुत सारे कमर्शियल प्रोजेक्टस, होटल दुकानों व शो रूम के आगे जितने भी पेड़ थे वे सब सुख चुके हैं। जबकि आसपास के सभी पेड़ हरे हैं। यह हैरानी कि बात है कि प्रोजेक्स या दुकानों के आगे ही पेड़ क्यों सूख रहे हैं। यह सोचने का विषय है। लेकिन इस ओर न तो जंगलात विभाग ध्यान दे रहा है और न ही सरकार व प्रसाशन ध्यान दे रहा है। नरैणगढ़ झुंगियां गांव के निवासी हरबंस सिंह ने बताया कि वह काफी समय से यह सब देख रहे है, एक साजिश के तहत जानबूझकर पेड़ों कि जड़ों में केमिक्ल डालकर उन्हें सुखाया जा रहा हैं ताकि उनके दुकान या शोरूम हाइवे पर साफ दिखाई दे। हरबंस सिंह ने बताया कि वह कई बार उनको बोल भी चुके हैं। लेकिन कोई नहीं सुनता, उन्होंने बताया कि हम लोग पेड़ पौधे लगा रहे हैं ताकि गर्मी से लोगों को बचाया जा सके और साफ सुथरी हवा हम सबको मिल सके, लेकिन ये लोग अपने फायदे के लिए पेड़ों को सूखा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कहां कहां सुख चुके हैं पेड़:
पटियाला रोड पर छत लाइट प्वाइंट से एकेएम मैरिज पैलिस के करीब ढाई से तीन किलोमीटर के पैच की बात करें तो यहां पांच से सात होटल, प्रोजेक्ट, दुकानें ऐसी हैं जहां पेड़ कैमिकल डाल के सूखा दिए गए हैं। हालंकि कुछ संस्थानों के सामने पेड़ ऐसे ही खड़े हैं, भले वह उनकी एंट्री के सामने ही क्यों नहीं आ रहे हैं। छत लाइट प्वाइंट से जीरकपुर आते समय सबसे पहले आकाश मार्बल के सामने चार से पांच पेड़ सूखा दिए गए हैं। उसके बाद ट्राईसिटी ऑटो, रेडीशन होटल और मोहाली सिटी सेंटर के सामने भी पेड़ सूखा दिए गए हैं। कुछ समय समाज सेवी संस्था द्वारा मोहाली सिटी सेंटर के सामने सुखाए गए पेड़ों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी और विभाग ने कार्रवाई करते हुए नए पेड़ लगाने कि बात कही थी और पेड़ लगाए भी थे, लेकिन लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए क्यूंकि विभाग द्वारा जो पेड़ लगाए गए थे वह सजावटी पेड़ हैं और उनकी हाइट बहुत कम रहती हैं। जिससे प्रोजेक्ट की शान में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके इलावा पटियाला रोड पर एक नया पेट्रोल पंप खुला है, जिसकी एंट्री के सामने से तो रातो रात पेड़ काट ही दिए गए थे। जिसका न तो विभाग को पता चला न ही किसी ने आवाज उठाई। यहां यह बात सोचने का विषय है कि विभाग के पास तो हाइवे किनारे लगे इन पेड़ों की पूरी जानकरी होती है फिर उनको पेड़ों की घटती गिनती के बारे में क्यों पता नहीं चल रहा है।
मैं कुछ समय पहले उसी ओर से निकला हूं, मैंने ध्यान नहीं दिया आपकी काल के बाद हमें जानकारी मिली हैं तो कल ही मौका देख कर बनती कार्रवाई कि जाएगी। इसमें यह देखना जरूरी हैं कि यह पेड़ केमिक्ल से सूखे हैं या फिर गंदे पानी से यह एक जांच का विषय है। चैक करने के बाद ही पता चलेगा।
— राज कुमार, ब्लॉक ऑफिसर वन विभाग जीरकपुर।