पंचकुला, संजय मिश्रा:
एक विधवा पर हरियाणा के अफसरशाही इस तरह हावी है कि उसके इनकम आवेदन को रेवेन्यू विभाग के अधिकारीयों ने चार बार खारिज किया और शिकायत पर पंचकूला के उपायुक्त एवं माननीय मुख्यमंत्री दोनो ही चुप है।
सेक्टर 19 पंचकुला निवासी एक विधवा निवेदिता रॉउट का इनकम आवेदन राजस्व अधिकारीयों के द्वारा चार बार ख़ारिज किया गया है वो भी ऐसे ऐसे कारण लिख कर जिसका कोई औचित्य ही नहीं है।
प्रार्थी ने अपनी एकमात्र बच्ची के स्कूल में आय प्रमाण पत्र देने के लिए सरल पोर्टल पर 12-5-22 को आय प्रमाणपत्र अप्लाई किया, जिसे अधिकारी ने 19 मई को रिजेक्ट कर दिया कि, इनकम वेरिफाइड नही है। जबकि आवेदक के फैमिली आईडी की इनकम को लोकल कमिटी ने वेरिफाई कर दिया हुआ है।
खैर 20-5-22 को वार्ड पार्षद से इनकम आवेदन को वेरिफाई करवाकर आय प्रमाणपत्र पुनः सरल पोर्टल पर अप्लाई किया गया, इसे भी अधिकारी ने 24 मई को रिजेक्ट कर दिया कि इनकम वेरिफाइड नही है। सवाल ये भी है कि जब एक विधवा आवेदक को उसकी बच्ची की पढ़ाई के लिए अधिकारी इनकम सर्टिफिकेट नही दे रहे है और शिकायत पर पंचकूला उपायुक्त एवं मुख्यमंत्री कार्यालय दोनों ही चुप है तो ये कैसा विकास करने की बात कर रहे हैं और किसका विकास करेंगे? या ये सिर्फ एक लॉलीपॉप यानी जुमला है, लोगो को बेवकूफ बनाने के लिए? जवाब देना तो बनता है, क्योंकि यही लोकतंत्र की निशानी है।
26-5-22 को वार्ड पार्षद के साथ जेड टी ओ, नगर निगम पंचकुला से भी इनकम आवेदन को वेरिफाई करवाकर आय प्रमाणपत्र पुनः अप्लाई किया गया, इसे भी अधिकारी ने 27 मई को रिजेक्ट कर दिया कि- आवेदन को सही तरह से स्कैन नहीं किया गया है।
26 मई वाला दो ऑफिसर का सत्यापित किया हुआ (पार्षद एवं जेड टी ओ) इनकम आवेदन को पुनः 31 मई को स्कैन करके सरल पोर्टल पर अपलोड किया गया, इसे भी अधिकारी ने 1 जून को रिजेक्ट कर दिया, कारण लिखा कि- वेरीफायर का नाम सिलेक्ट नही किया गया है। जबकि सरल पोर्टल पर अभी आय प्रमाण पत्र अप्लाई करने के समय वेरीफायर का नाम सिलेक्ट करने का ऑप्शन ही नहीं है। सरल पोर्टल पर पहले वेरीफायर का नाम पूछा जाता था लेकिन अब इसे हटा कर सिर्फ ये पूछा जाता है कि- क्या फॉर्म वेरिफाइड है? जिसे हां या ना में बताना होता है और फिर वेरिफाइड फार्म को अपलोड करके फ़ीस का भुगतान कर आवेदन फाइल हो जाता है।
चूंकि सरकार ने ही जब वेरीफायर का नाम सिलेक्ट करने का प्रावधान सरल पोर्टल से हटा दिया है (जैसा की संलग्न वीडियो में भी बताया जा रहा है) तो फिर अधिकारी इस बहाने से आय प्रमाण पत्र का आवेदन क्यों रिजेक्ट कर रहे है?
https://youtu.be/JGXWKcZB3Ks
ध्यान देने वाली बात ये है कि उपरोक्त वीडियो यूट्यूब पर अप्रैल 2022 में अपलोड की गई है और अधिकारी मई 2022 में भी इस अपडेट से अनजान है, और आवेदन को बस आँख बंद कर ख़ारिज कर रहे है, जब इसकी शिकायत पंचकूला उपायुक्त सहित हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय को भी दी गई तो दोनों ही इस मामले पर चुप है और रिजल्ट यही है कि उस विधवा आवेदक को अपनी इकलौती बच्ची के स्कूल में देने के लिए अबतक इनकम सर्टिफिकेट जारी नही किया जा सका है।
ज्ञात हो, हरियाणा की भाजपा सरकार का स्लोगन है कि सबका साथ सबका विकास,
सवाल ये भी है कि जब एक विधवा आवेदक को उसकी बच्ची की पढ़ाई के लिए अधिकारी इनकम सर्टिफिकेट नही दे रहे है और शिकायत पर पंचकूला उपायुक्त एवं मुख्यमंत्री कार्यालय दोनों ही चुप है तो ये कैसा विकास करने की बात कर रहे हैं और किसका विकास करेंगे? या ये सिर्फ एक लॉलीपॉप यानी जुमला है, लोगो को बेवकूफ बनाने के लिए? जवाब देना तो बनता है, क्योंकि यही लोकतंत्र की निशानी है।