ENGLISH HINDI Thursday, March 28, 2024
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
बरनाला के बहुचर्चित सन्नी हत्याकांड में आरोपित हुए बा-इज्जत बरी वर्ष 2025 से विनाशकारी आपदाएं अपना तीव्रतम रूप धारण करने लगेंगी : पं. काशीनाथ मिश्रवरिष्ठ पत्रकार जगीर सिंह जगतार का निधन गतका खेल लड़कियों के लिए आत्मरक्षा का बेहतर, आसान और सस्ता विकल्प - हरजीत सिंह ग्रेवालश्री सांई पालकी शोभा यात्रा पहुंची चण्डीगढ़-पंचकूला में बाबा भक्तों के द्वारखास खबरः चुनावों संबंधित हर नई अपडेट के लिए बरनाला प्रशासन ने तैयार किया सोशल मीडिया हैंडलमेडिकल स्टोर ने 40 रूपये के इंजेक्शन का बिल नहीं दिया, उपभोक्ता आयोग ने 7000 रुपया का जुर्माना ठोकाशिकंजाः किसी भी धार्मिक स्थल पर राजनीतिक रैली नहीं कर सकेंगी राजनीतिक पार्टियां
हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देना एक सराहनीय पहल: राज्यपाल

September 09, 2022 10:43 AM

शिमला, फेस2न्यूज:
राजकीय संस्कृत महाविद्यालय फागली और हिमाचल संस्कृत अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में संस्कृत पर एक नाटक ‘भारत विजयम’ का मंचन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेे। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में विनोद शर्मा द्वारा निर्देशित कथाकार मथुरा प्रसाद दीक्षित के नाटक का मंचन किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा का दर्जा देकर प्रदेश सरकार ने बहुत ही सराहनीय पहल की है और अब हम सबको मिलकर संस्कृत को आगे बढ़ाना है। राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत के प्रयोग और प्रसार के लिए आम लोगों को संभाषण शिविरों में भाग लेने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राजभवन में भी संभाषण शिविर के माध्यम से संस्कृत का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत एक बहुत ही समृद्ध भाषा है और इसके शब्द देश के हर राज्य में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों में पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारत के संसाधनों के साथ-साथ यहां की समृद्ध संस्कृति पर भी एक सुनियोजित ढंग से प्रहार किया था और इससे देश की एकता टूट गई। संस्कृत भाषा पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा।
भारत में ब्रिटिश शासन से पहले भारत की आर्थिक समृद्धि और साक्षरता के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि हम हर तरह से संपन्न और समृद्ध थे। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए संस्कृत के उद्भव पर बल दिया।
इससे पहले, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने राज्यपाल को सम्मानित करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिल सके। उन्होंने संस्कृत को श्रुति से आगे ले जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं और हाल ही में प्रदेश में दो नए संस्कृत महाविद्यालयों को अधिसूचित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही प्रदेश का अपना संस्कृत विश्वविद्यालय भी होगा।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और हिमाचल प्रदेश ख़बरें
बागी विधायकों पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला लोकतंत्र की बड़ी जीत: नरेश चौहान तीन माह में गोविंद सागर झील में चलेंगे क्रूज, शिकारा- मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों से विश्वासघात करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी: मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल के निर्णय: पुलिस साइबर लैब की स्थापना को स्वीकृति नीलामी एवं निविदा के माध्यम से आबकारी नीति को स्वीकृति स्टेज कैरिज बस रूटों के लिए आवेदन आमंत्रित सरकार ने नहीं बनाया विवेक अग्निहोत्री को ब्रांड एम्बेसडर राजभवन में अरूणाचल प्रदेश और मिज़ोरम का स्थापना दिवस आयोजित हमीरपुर क्षेत्र में केवी नादौन व केवी सलोह का लोकार्पण चिकित्सा अधिकारियों की मांगों और शिकायतों के निवारण के लिए समिति गठित: मुख्यमंत्री