जीरकपुर, कृतिका:
चंडीगढ़-अंबाला हाइवे पर स्थित बेस्ट प्राइस में काम करने वाले दो कर्मचारियों को परेशान करने और अभद्र भाषा का प्रयोग कर नौकरी से निकाले जाने के रोष स्वरूप किसान जत्थेबंदी ने माल के बाहर रोषप्रदर्शन किया और बेस्ट प्राइस प्रबंधकों खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शन बढ़ता देख बेस्ट प्राइस के प्रबंधको ने यू-टर्न लेते हुए निकाले गए दोनों युवकों को नौकरी पर दुबारा रख लिया। मामले के सबंध में बताते हुए बेस्ट प्राइस कर्मचारी रीना ओर सतवीर ने बताया कि बेस्ट प्राइस लोकल व पंजाबी कर्मचारियों कि संख्या बहुत कम है, जिस कारण वह पंजाबी कर्मचारियों के साथ भेदभाव करते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि हमारे सीनियर भी दूसरे राज्यों से हैं तो वह हमारी बात कम सुनते हैं और हमारे खिलाफ इकठे होकर साजिश के तहत जबरन और भारी बोझ वाला काम हम से करवाया जाता है। यदि हम विरोध करते हैं तो हमारी शिकायत कर हमे या तो चुप करवा दिया जाता है या फिर नौकरी से निकलवा दिया जाता है। पिछले दिनों भी हमारे साथ ऐसा ही हुआ जिस कारण हम दोनों को नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हमारी कोई गलती है तो हमे सजा भुगतने के लिए तैयार हैं लेकिन बिना वजह साजिश के तहत हमे नौकरी से निकाला यह हमे बरदास्त नही हुआ है।
रोष प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान जत्थेबंदी पुआध के प्रधान तरलोचन सिंह और रुषतम शेख ने बताया कि हमे शिकायत मिली थी जिसके बाद हमने रोष प्रदर्शन किया था। हमारी जत्थेबंदी उन सभी किसानों मजदूरों व ईमानदार कर्मचारियों के साथ खड़ी है जो अपने काम मेहनत व ईमानदारी से करते हैं। किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नही है कि वह जात पात या फिर राज्य के आधार पर किसी के साथ वितकरा करें। हमारे विरोध के बाद दोनों बच्चों को काम पर दुबारा रख लिया गया है और आगे से ऐसा न होने कि बात कही गई है।
मैं उनका सीनियर हूं, स्टॉक चैकिंग को लेकर कुछ गलतफहमी हुई थी वह दूर हो गई है और दोनों कर्मचारियों दुबारा काम पर रख लिया गया है।
- भुवनेश शर्मा, स्टोर हेड बेस्ट प्राइस जीरकपुर