लालडू, कृतिका:
गांव घोलू माजरा में संस्कार करने के लिए ना तो कोई पक्का श्मशान घाट है और ना ही कोई निश्चित जगह है। जिस कारण लोगों को बरसात के दिनों में दाह संस्कार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला तो शनिवार को देखने को मिला करने के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
वार्ड 1 की पार्षद सुखबीर कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम घोलुमजारा नगर परिषद के अंतर्गत आता है और जब से देश आजाद हुआ है तब से गांव घोलुमजारा में संस्कार करने के लिए श्मशान घाट नहीं बना है। बरसात के दिन जब किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाना था तो भारी बारिश के कारण उस व्यक्ति को दाह संस्कार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए पहले बांस और टिन की चादरें लाकर नदी में एक अस्थायी शेड बनाया गया, उसके बाद उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने कहा कि घोलुमजारा गांव करीब 70 साल से बसा हुआ है। लेकिन आज तक किसी नेता ने घोलमजरा में स्थाई श्मशान घाट नहीं बनवाया। लोगों का कहना था कि चुनाव के दौरान कई नेता वोट पाने के लिए बड़े-बड़े वादे करते थे, लेकिन जीत के बाद नेता अपने सारे वादे भूल जाते हैं। लोगों ने वर्तमान सरकार और प्रशासन से मांग की है कि घोलुमजारा में एक स्थायी श्मशान शेड बनाया जाए, ताकि लोगों को संस्कार करने के लिए कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इस संबंध में डेराबस्सी के एसडीएम हिमांशु गुप्ता ने कहा कि श्मशान घाट को जल्दी ही बनवाया जाएगा काम में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आने दी जाएगी।
इस संबंध में विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि नगर परिषद की पहली बैठक में प्रस्ताव पारित कर घोलमजरा में प्राथमिकता के आधार पर श्मशान घाट बनाया जाएगा।