नई दिल्ली, फेस2न्यूज:
सीबीआई ने करीब 1530.99 करोड़ रु. की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मामले की जारी जांच में लुधियाना स्थित एक निजी कंपनी एवं अन्यों जिसमें इसके तीन निदेशक; सांविधिक लेखापरीक्षक, पंजाब स्थित इसके दो समूह प्रतिष्ठान आदि शामिल है, के विरुद्ध अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश, मोहाली (पंजाब) की अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी के आरोप पर लुधियाना स्थित निजी कंपनी तथा अन्यों जिसमें इसके निदेशकों; अज्ञात लोक सेवक एवं निजी व्यक्ति शामिल है, के विरुद्ध 6 अगस्त 2020 को मामला दर्ज किया। यह आरोप है कि निजी कंपनी एवं इसके निदेशकों सहित आरोपियों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 10 बैंकों के समूह के साथ 1530.99 करोड़ रु.की धोखाधड़ी की।
आगे यह आरोप है कि बैंक ऋण की भारी धनराशि को आरोपियों के द्वारा अपने संबन्धित पक्षों को पथांतरित किया गया और तदानुसार समायोजन प्रविष्टियाँ की गई। यह भी आरोप है कि आरोपियों ने गैर प्रसिद्ध आपूर्तिकर्ताओं से मशीनों की प्राप्ति दर्शाई और इस तरह से बढ़े हुए इनवाइस बिल बनाएँ। सी सी लिमिट यथा स्टॉक, तैयार वस्तुओं आदि के विरुद्ध प्राथमिक जमानत की भारी धनराशि को कथित रूप से आरोपियों के द्वारा वस्तुओं की बिक्री से प्राप्त धन के तौर पर बैंक धनराशि जिसे बैंक में न जमा कर गबन करने हेतु निपटान किया।
लुधियाना (पंजाब) स्थित उक्त निजी कंपनी जिसकी मलोट, नवांशहर (पंजाब), नीमराना (राजस्थान) एवं हांसी (हरियाणा) में इकाइयाँ स्थित है, जो कि कच्चा धागा, कपड़े आदि के विनिर्माण में संलग्न है।
आरोपियों के परिसरों में 14 अगस्त 2020 को पूर्व में तलाशी ली गई जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए। आरोपियों के विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए थे।
जाँच दौरान, सीबीआई ने कई व्यक्तियों का परीक्षण किया। एक निदेशक को गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह अपने उत्तर देने में टालमटोल करता पाया गया। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। इस मामलें में आगे कि जाँच जारी है।