यह पर्व केवल उत्सव हीं नहीं, बल्कि यहां के लोगों की एकता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का भी प्रतीक है।
लाहौल-स्पीति जिले की स्पीति घाटी को यूनेस्को के प्रतिष्ठित मानव और बायोस्फीयर (एमएबी) कार्यक्रम के तहत देश के पहले शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में मान्यता दी गई है।