मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़, 9815619620
जब भी बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं, मेदनीय ज्योतिष के अनुसार लोक भविष्य में एक अद्वितीय बदलाव आता है और ऐसा ही कुछ नवंबर 2019 के बाद होने जा रहा है। आकाश में दो बड़े ग्रह गुरु 5 नवंबर की सुबह 6.42 पर धनु राशि में और शनि महाराज 26 जनवरी,2020 को मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जब भी शनि राशि बदलते हैं, कई देशों में राजनीतिक और भौगोलिक परिवर्तन होते देखे गए हैं । चूंकि शनि आम जनता से जुड़ा ग्रह है, इसलिए इन दो ग्रहों की चाल भारत की चाल में सुखद तेजी लाएगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति एक शुभ ग्रह है और इसे गुरु की संज्ञा भी दी गई है। यह धनु और मीन राशि का स्वामी होता है। कुंडली में स्थित भिन्न-भिन्न भावों पर गुरु के भिन्न-भिन्न परिणाम देखने को मिलते हैं। कुंडली में बृहस्पति के बलवान होने पर जातक को आर्थिक और वैवाहिक जीवन में अच्छे परिणाम मिलते हैं। गुरु को वृद्धि, प्रचुरता और उदारता का कारक माना जाता है।गुरु बृहस्पति का कुंडली पर प्रभाव
कुंडली में बृहस्पति की अनुकूल स्थिति व्यक्ति को मान सम्मान और ज्ञान प्रदान करती है तथा व्यक्ति को धन की प्राप्ति भी अच्छी मात्रा में होती है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी बृहस्पति की मजबूत स्थिति को देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर गुरु बृहस्पति जब इसके विपरीत अवस्था में होते हैं तो इन सभी कारकों में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच अवस्था में माने जाते हैं। कुंडली में चंद्रमा लग्न पर बृहस्पति की दृष्टि अमृत समान मानी जाती है। अगर कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल नहीं है तो आपको बृहस्पति ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए।
वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत नवग्रहों में बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा गया है और ग्रहों के मंत्रिमंडल में इन्हें मंत्री का पद प्राप्त है। ये नैसर्गिक रूप से सब से शुभ ग्रह माने जाते हैं। यह वृद्धि के कारक हैं इसलिए अच्छी या बुरी जो भी घटना हो उसमें इनका योग वृद्धि कारक होता है। यह हमारे जीवन में हमारे गुरु और गुरु तुल्य लोगों, हमारे परिवार के बड़े बुजुर्गों, संतान, धन तथा ज्ञान का कारक प्राप्त है। जन्म कुंडली में गुरु की स्थिति से जातक के जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें पता चलती हैं।
बृहस्पति ग्रह संतान, ज्ञान, धर्म व दर्शन का कारक है और शुभ ग्रह होने की वजह से उत्तम फल प्रदान करता है। गुरु ग्रह को धनु व मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह कर्क राशि में उच्च भाव और मकर राशि में नीच भाव में रहता है। कुंडली में बृहस्पति के बलवान होने पर जातक का परिवार, समाज और हर क्षेत्र में प्रभाव रहता है। बृहस्पति के प्रभाव से जातक का मन धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों में अधिक लगता है। इसके अलावा जातक को करियर में उन्नति, स्वास्थ्य लाभ, मजबूत आर्थिक स्थिति, विवाह एवं संतानोत्पत्ति जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
देव गुरु बृहस्पति का गोचर 5 नवंबर 2019 यानी मंगलवार के दिन सुबह 06:42 बजे वृश्चिक राशि से धनु राशि में हो रहा है और 20 नवंबर 2020 यानी शुक्रवार को दोपहर 02:55 तक इसी राशि में रहेगा। इसके अलावा देवगुरु बृहस्पति 14 मई 2020 को व्रकी अवस्था में होंगे। इसके बाद वह पुन: 13 सितंबर 2020 को मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। गुरु का गोचर मनुष्य के जीवन पर अत्याधिक प्रभाव डालता है। तो आइए जानते हैं गुरु का धनु राशि में गोचर करने पर 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है आइए जानते हैं।
गुरु बृहस्पति का कुंडली पर प्रभाव
कुंडली में बृहस्पति की अनुकूल स्थिति व्यक्ति को मान सम्मान और ज्ञान प्रदान करती है तथा व्यक्ति को धन की प्राप्ति भी अच्छी मात्रा में होती है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी बृहस्पति की मजबूत स्थिति को देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर गुरु बृहस्पति जब इसके विपरीत अवस्था में होते हैं तो इन सभी कारकों में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच अवस्था में माने जाते हैं। कुंडली में चंद्रमा लग्न पर बृहस्पति की दृष्टि अमृत समान मानी जाती है। अगर कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल नहीं है तो आपको बृहस्पति ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए।
मेष
बृहस्पति आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेंगे। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों की नई योजनाएं सफल होंगी। नए मेहमान की दस्तक होने की भी इस समय पूरी संभावना है। पिता के लिए भी सुखद रहेगी, अगर वो नौकरी पेशा से जुड़े हैं तो इस समय उनके पदोन्नति होने के पूरे आसार हैं। कुल मिलाकर बृहस्पति का यह गोचर शुभ फलदायी साबित होगा। कामकाज में तरक्की होगी। संतान सुख उत्तम बना रहेगा। आपको समाज और कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन-संपत्ति की प्राप्ति होगी, कामकाज में अच्छा धनलाभ होगा।
वृषभ
अष्टम भाव में बृहस्पति के गोचर से आपको जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा, कोई दुखद समाचार मिलने से आपका मन व्यथित हो सकता है। अनचाही यात्राएं इस दौरान आपको परेशान करेंगी। आपने किसी से उधार लिया है तो इस अवधि में चुकाना पड़ सकता है जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। ग्रहणियां इस दौरान हर मुश्किल परिस्थिति में अपने जीवन साथी का साथ देंगी। शेयर मार्किट में निवेश करने से बचें, और अगर निवेश करना ही है तो सोच-विचार अवश्य कर लें। कोई अशुभ समाचार मिल सकता है। व्यापारी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति हो यह गोचर आपके लिए रूकावटे उत्पन्न करनेवाला है, मनवांछित सफलता नहीं मिलेगी।
मिथुन
गुरु आपके सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। धन निवेश करने के लिए यह अच्छा समय है स्वादिष्ट पकवानों का इस समय आप आनंद उठाएंगे। आपकी वाणी में मधुरता रहेगी इसलिए सामाजिक जीवन में भी आप अच्छे फल प्राप्त कर पाएंगे। अपनी बुद्धिमत्ता से आप जीवन की कई कठिनाइयों का डटकर इस समय मुकाबला करेंगे। यह गोचर आपके लिए अच्छा रहने वाला है। पार्टनरशिप में काम करने के लिए बेहतर है, जो लोग पार्टनरशिप मे काम करना चाहते है उनके लिए अच्छा समय है।वाणी में मिठास देखने को मिलेगी। आप हर काम बुद्धिमानी से करेंगे।
कर्क
षष्ठम भाव में गुरु होने से आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। कुछ सहकर्मी आपके खिलाफ साजिशें कर सकते हैं इसलिए आपको अपने कार्यक्षेत्र में बहुत सतर्कता से चलना होगा। कुछ जातक इस दौरान बैंक से लोन ले सकते हैं। छात्रों के लिए यह गोचर अच्छा रहेगा प्रतियोगी परीक्षाओं में आप अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। मानसिक तनाव से परेशान रह सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि विषम परिस्थितियों में धैर्य के साथ काम लें और अधिक तनाव लेने से बचें। इस काल में आपके शत्रु आपको परेशान कर सकते है।पारिवारिक कलह देखने को मिलेंगे। बैंक से लोन लेने के लिए यह गोचर अच्छा है। प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता मिलेगी। अगर आप नवीन नौकरी की तलाश में है तो निश्चित रूप से आपको नौकरी मिलेगी।
सिंह
पंचम भाव में गुरु लाभदायक साबित होगा। सामाजिक स्तर पर आपके अच्छे संपर्क बनेंगे जो आपके व्यावसायिक और निजी जीवन को सरल बनाने में काम आएँगे। परोपकारी कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकते हैं। किसी नए मेहमान की दस्तक हो सकती है। छात्र जो दर्शन शास्त्र या ज्योतिष की पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें मनोनुकूल परिणाम मिलेंगे। नया वाहन या प्रोपर्टी खरीदने का भी मन बना सकते हैं। आपके नए-नए संपर्क बनेंगे और इनसे लाभ की प्राप्ति होगी। यह गोचर आपके लिए शुभ समाचार लेकर आया है। आप परोपकार तथा धार्मिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे तथा धार्मिक किताबों को पढने में रूचि दिखाएंगे।व्यापार तथा नौकरी में आपको अच्छी सफलता मिलेगी। पढाई-लिखाई में आपकी रूचि बनी रहेगी। घर नन्हे बालक का आगमन होगा। आप प्रोपर्टी की खरीदारी करेंगे। यह गोचर धन-संपत्ती के लिए उत्तम है। वैवाहिक सुख तथा संतान सुख के लिए यह गोचर बेहतर है।
कन्या
चतुर्थ भाव के साथ-साथ बृहस्पति आपके सप्तम भाव के भी स्वामी हैं। माता-पिता के साथ आपके मतभेद होंगे जिसकी वजह से आपके वैवाहिक जीवन पर भी फर्क पड़ेगा। आध्यात्म के प्रति आपका झुकाव बढ़ेगा किसी आध्यात्मिक गुरु की शरण में जा सकते हैं। सरकारी नौकरी में कार्यरत इस राशि के जातक अपने काम के जरिये लोगों को चौंका सकते हैं। छात्रों के लिए यह समय सामान्य रहेगा, उपाय: ब्राह्मण को शक्कर दान करें और गाय को रोटी खिलाएं। यह गोचर आपके लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। इस गोचर के दौरान आपके मन में धर्म और आध्यात्मिक विचारों की वृद्धि होगी। आप दिखावे से ज्यादा साधा जीवन जीने में विश्वास रखते है।आपका व्यवहार दूसरों के प्रति बहुत ही मधुर और सौम्य होगा। यह भी संभव है की आपके अपने नजदीकी लोग ही आपके साथ विश्वासघात करे। सयंम तथा धैर्य से परिस्थिति को संभालने का प्रयास करें।
तुला
तृतीय भाव के साथ-साथ बृहस्पति आपके षष्ठम भाव के भी स्वामी है। आलस्य की अधिकता रहेगी और आप हर काम को कल पर टालने की कोशिश करेंगे। निवास स्थान में परिवर्तन करना पड़ सकता है। अनचाही यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। बिज़नेस और नौकरी करने वाले इस राशि के जातकों को इस समय अपने काम की गति बढ़ाने की जरुरत है। धार्मिक कार्यों में हिस्सा ले सकते हैं। आपकी छोटी-छोटी यात्राएं होंगी। इस समय निवासस्थान में परिवर्तन की संभावना बनी हुई है। आलस्य की प्रधानता बनी रहेगी।क्रोध ना करे तथा अपने व्यवहार में सौम्यता रखें। आपके धार्मिक ज्ञान में वृद्धि होगी। ईश्वर के प्रति आस्था में इजाफा होगा।
वृश्चिक
द्वितीय भाव में स्थिति आपको अच्छे फल दिलाएगी। धन उधार दिया था तो इस समय वो आपको वापस मिल सकता है। किसी मांगलिक कार्य के होने की भी संभावना है। कारोबारी लोगों के साहस में इस समय वृद्धि देखी जा सकती है। विरोधी सामने टिक नहीं पाएंगे। पुस्तकें आपके ज्ञान को नया आयाम देंगी। घर में मेहमानों का आना-जाना लगा रहेगा और मन में प्रसन्नता देखने को मिलेगी। गृहस्थ जीवन अच्छा बना रहेगा। जीवनसाथी के साथ आपके मधुर सम्बन्ध देखने को मिल सकते है। अगर आपकी किसी से शत्रुता है तो आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे।आप अपने शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे। कामकाज में वृद्धि होगी तथा अच्छा धन लाभ होगा।
धनु
आपके लग्न भाव के साथ-साथ देव गुरु आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं। आपके प्रथम भाव में गुरु का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। जीवन के हर क्षेत्र में इस समय भाग्य आपका साथ देगा। धन से जुड़े लेन-देन के मामलों में भी इस समय संभलकर रहें। गुस्से पर नियंत्रण रखना होगा नहीं तो किसी बेवजह के विवाद में आप पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । इस समय आप उस लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए काफी समय से मेहनत कर रहे थे। छात्र पढाई में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। वैवाहिक जीवन का सुख और संतान सुख अच्छा मिलेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा आप जिस काम को करने की ठान लेंगे उस काम में आपको बरकत होगी।स्वभाव में गुस्सा देखने को मिलेगा, धन का नुकसान होने के कारण आपका मन अशांत रहेगा तथा आप बेवजह किसी के साथ बहस करने लग जायेंगे। किसी भी काम को जल्दबाजी में न करते हुए अगर आपने सयंम से किया तो आपको लाभ होगा और हालात आपके अनुसार देखने को मिलेंगे।
मकर
द्वादश भाव के साथ-साथ बृहस्पति आपके तृतीय भाव के भी स्वामी हैं। लंबी दूरी की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है। यह यात्राएं काम के सिलसिले में या फिर निजी कारणों से भी हो सकती हैं। किसी को भी उधार देने से पहले उसकी विश्वसनीयता को अवश्य जान लें। लोग विदेशों में रहते हैं वो इस दौरान वहीं रहने का प्लान बना सकते हैं। छात्रों के लिए यह समय अच्छा है । गुरु आपकी राशि से द्वादश भाव में गोचर कर रहे है। यह गोचर आपके लिए मिला-जुला रहनेवाला है। इस गोचर के दौरान धार्मिक कार्य की तरफ आपकी रूचि बननेवाली है। विदेश यात्रा करने वाले लोगों की यात्रा सुखद होगी, सम्भावना है की इस गोचर में आप विदेश में प्रॉपर्टी खरीदे। वैवाहिक सुख मिलाजुला रहने वाला है। संतान सुख में कुछ दिक्कते बनी रहेंगी। धन का आगमन होगा परन्तु उसी के अनुसार खर्च भी होगा। बेवजह किसी वादविवाद में ना पड़े अन्यथा आपकी दिक्कते बढ़ सकती है।
कुंभ
गुरु का आपके एकादश भाव में होना आपको कई क्षेत्रों में अच्छे फल दिवाएगा। किसी बीमारी से जूझ रहे थे तो इस समय उसमें सुधार आएगा। ख़्वाहिश पूरी हो सकती है। किसी निवेश से इस दौरान आपको फायदा हो सकता है। प्रेम में पड़े इस राशि के जातकों का जीवन जैसा चल रहा था वैसा ही चलता रहेगा। भाग्य का साथ कदम-कदम पर मिलेगा।नौकरी तथा व्यापार में अच्छा धनलाभ होगा, काम का विस्तार होगा। धन का निवेश करने के लिए अच्छा है। आप अपना व्यापार विदेश में कर रहे हेई तो उसमें भी आपको अच्छा धनलाभ होगा। पारिवारिक सुख अच्छा बना रहेगा।
मीन
बृहस्पति का गोचर दशम भाव में होगा। तबादला होने के भी आसार हैं। स्थान परिवर्तन करने की वजह से आपको कुछ परेशानियां आएँगी लेकिन थोड़े समय के बाद आपको अहसास होगा कि यह परिवर्तन आपके लिए अच्छा था। आर्थिक मामलों के लिए यह गोचर शुभ है कई स्रोतों से धन प्राप्ति हो सकती है। वहीं उधारी के जाल में फंसे इस राशि के जातक इस समय कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं। यह गोचर स्वास्थ्य के लिए बहुत उत्तम नहीं है। स्वास्थ्य खराबी हो सकती है। अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते है। अगर किसी को पैसा उधार देना है तो आप पहले से ही सतर्क रहे अन्यथा आपको बाद में पछताना पड़ सकता है। आप इस गोचर के दौरान अपने मित्रों तथा रिश्तेदारों के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपकी राशि में गुरु के इस गोचर के कारण कोई परेशानी लगती है तो नीचे लिखे उपाय कर सकते हैं
भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराए।
गुरुवार को घी का दान करें
अपने घर में कपूर का दीपक जलाएं।
हर गुरुवार को केले के वृक्ष का पूजन करें
इस बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें- “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:”
ब्राह्मण को शक्कर दान करें और गाय को रोटी खिलाएं।
गुरुवार के दिन हल्दी व चना दाल का दान करें और गाय को रोटी खिलाएं।
बृहस्पति बीज मंत्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:” का जाप करें।
गुरुवार के दिन पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वाकर तर्जनी अंगुली में धारण करें।
पीपल के पेड़ को जल दें, पीपल के पेड़ को हाथ ना लगाएं।
केसर का तिलक अपने माथे पर लगाएं तथा पीला रुमाल अपने पास रखें।
पीला पुखराज धारण करे, पीले वस्त्र दान करें।
गुरु का एकाक्षरी मंत्र- ॐ ब्रं बृहस्पतये नम: का जाप करे।
गुरु के बीज मंत्रों का जाप करे – ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
गाय को घर की पहली रोटी खिलाये।
गुरूवार को चने की दाल मंदिर में देकर आयें।
गाय को घर की बनी पहली रोटी खिलाये।
ॐ ब्रं बृहस्पतये नम: का जाप करे।
केले के वृक्ष की पूजा गुरूवार के दिन करे तथा पीले पदार्थ गरीबों में बांटे।
घर में हवन करवाए तथा कपूर का दीयां जलाएं।
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करे तथा गाय का घी दान करें।
शिव भगवान की आराधना करें तथा शिव भगवान का रुद्राभिषेक करें।