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मनोरंजन

भसीन ने अपना सोलो ट्रैक "सज्जना" श्रोताओं को किया समर्पित

January 03, 2020 07:09 PM

चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
सूफी, शब्द कीर्तन, गजल गायन और बीट गीत संगीत में अपनी विशेष पहचान बना चुकी गायिका सरबजीत भसीन ने अपना सोलो ट्रैक "सज्जना" अपने श्रोताओं को समर्पित करते हुए आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में रिलीज किया। सरबजीत भसीन इससे पहले भी अपने गाये कई गीतों से अपनी गायन कला प्रतिभा को पेश कर चुकी है।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरबजीत कौर ने बताया कि उनका ये गाना फोक बीट गाना है। सुर्खाब रिकार्ड्स द्वारा प्रस्तुत उनके इस गाने का संगीत रेंजर् ने दिया है और इसे लिखा उन्होंने खुद है। 2.28 मिनिट वाले इस गीत की शूटिंग इंडोर और आउटडोर दोनों जगह हुई है। सरबजीत भसीन ने बताया कि यूं तो वो इससे पहले भी कई गीत गा चुकी है। उनका पहला सोलो गीत टी सीरीज के साथ था, जिसके बोल "चलिये मेले नूं" था।जिसे श्रोताओं का अच्छा रिस्पांस मिला था। उन्होंने बताया कि वो गुरुवाणी कीर्तन पर आधारित एक एल्बम "मेरा प्रीतम प्यारा" भी कर चुकी है, जोकि गायक प्रभजोत सिंह बाली के साथ था और श्रोताओं द्वारा काफी पसंद किया गया था। इसके अलावा वो सिंगर दलजीत सिंह के साथ भी डुएट गीत कर चुकी है। गीत संगीत की शिक्षा दीक्षा के बारे में सरबजीत भसीन ने बताया कि उनके पहले गुरु उनके पिता सरदार जोगिन्दर सिंह जी है और उन्ही से उन्हें गीत संगीत की शिक्षा विरासत में ही मिली है। उनके पिता जी से उन्हें गुरुवाणी और शास्त्रीय गीत संगीत की शिक्षा मिली। फिर उन्हें भगवान दास सैनी जी से गीत संगीत की शिक्षा दिलाई। स्कूल कॉलेज में भी गीत संगीत उन्होंने जारी रखा। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज फ़ॉर गर्ल्स सेक्टर 11, चंडीगढ़ से वोकल म्यूजिक में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
सरबजीत भसीन ने आगे कहा कि वो शब्द कीर्तन, सूफी, शिव कुमार बटालवी, और ग़ज़ल गायकी सहित आज कल के माहौल अनुसार साफ सुथरे गीत गा लेती है। वो विदेशों में अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड और मस्कट में भी परफॉर्म कर चुकी है। कनाडा में क्लासिकल म्यूजिक को प्रमोट कर रही संस्था सरब अकाल म्यूजिक सोसाइटी ने भी उनकी साफ सुथरी गायकी को सुन उन्हें सम्मानित किया है। उनका उद्देश्य साफ सुथरे गीत संगीत के जरिये पंजाबी संस्कृति और सभ्याचार को और ज्यादा प्रफुल्लित करना है, ताकि लोग इन्हें अपने परिवार के साथ बैठ कर गा सुन सकें। उनका मानना है कि गीत संगीत वो होना चाहिए जिसे सुन कर सुकून मिले और बार बार सुनने और गुनगुनाने को मन करे। उन्होंने बताया कि जल्द ही वो अपने 3 और गीत श्रोताओं की नजर करेंगी। भविष्य में वो इसी तरह से गीत संगीत की सेवा करना चाहती है,अगर अवसर मिला तो अवश्य ही वो फ़िल्म क्षेत्र में भी बतौर पार्श्वगायिका के तौर पर अपनी कला को पेश करना चाहेंगी।

 
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