श्री आनन्दपुर साहिब, फेस2न्यूज:
आज यहाँ नेशनल गत्तका ऐसोसिएशन ऑफ इंडिया और गत्तका ऐसोशिएशन पंजाब की तरफ से होला-मोहल्ला के मौके पर करवाए गए 6वें विरसा संभाल गत्तका मुकाबलों के दौरान खालसा गत्तका अकैडमी हरियाणा की टीम विजेता रही जबकि इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट अकैडमी, पंजाब (इसमा) की टीम दूसरे स्थान पर रही। खालसा ख़ास गत्तका अखाड़ा शाहबाद मारकंडा, हरियाणा और एक पिता एकस के हम बारिक गत्तका अखाड़ा मोहाली संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे। बीबी हरशरन कौर गत्तका अखाड़ा बडाली, फतेहगढ़ साहिब और बाबा फतेह सिंह गत्तका अखाड़ा चंडीगढ़ चौथे स्थान पर रहे।
जानकारी देते हुए इसमा के वित्त सचिव बलजीत सिंह सैनी ने बताया कि इन गत्तका मुकाबलों का उद्घाटन बाबा बख्शीश सिंह माहोराना, बाबा शेर सिंह माहोराना और नेशनल गत्तका एसोसिएशन के प्रधान हरजीत सिंह गरेवाल स्टेट अवार्डी की तरफ से साझे तौर पर किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए बाबा बख्शीश सिंह और बाबा शेर सिंह ने कहा कि नौजवान विरासती जंगजू कला गत्तके को बतौर खेल और आत्म-रक्षा के तौर पर अपनाएं ताकि सिख विरसे को देश-विदेश तक और प्रफुल्लित किया जा सके। उन्होंने नेशनल गत्तका ऐसोसिएशन और इसमा द्वारा देश-विदेश में गत्तका की प्रफुल्लता के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समूचा सिख जगत इन गत्तका संस्थाओं को अपना पूर्ण सहयोग दे ताकि मौजूदा समय की नज़ाकत को देखते हुए नौजवानों को बाणी और बाणे सहित सिख विरासत और पंजाबी भाषा के साथ जोडक़र रखा जा सके।
अपने संबोधन में गत्तका प्रोमोटर हरजीत सिंह गरेवाल, जो इसमा के चेयरमैन भी हैं, ने गत्तका की प्रफुल्लता के लिए किये जा रहे प्रयासों का विवरण देते हुए कहा कि विश्व गत्तका फेडरेशन के नेतृत्व में गत्तका खेल को विश्व स्तर पर प्रफुल्लित किया जायेगा। सुखचैन सिंह कलसानी ने खालसा गत्तका अकैडमी की तरफ से हरियाणा राज्य में गत्तके का प्रशिक्षण और गत्तका खेल के प्रचार-पसार के लिए किये जा रहे कामों का विवरण दिया। इस टूर्नामैंट के दौरान रैफऱी के तौर पर गत्तका प्रशिक्षक योगराज सिंह भांबरी, हरविन्दर सिंह, लवप्रीत सिंह और परविन्दर सिंह ने बखूबी अपनी ड्यूटी निभाई।