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एस्ट्रोलॉजी

कोरोना काल को न बनने दें अवसाद का कारण

August 15, 2020 06:28 PM

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, 9815619620

 कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बीच विभिन्न कारणों से युवाओं और रोजी-रोजगार के संकट से जूझ रहे लोगों में अवसाद (डिप्रेशन) बढ़ा है। आजकल के विद्यार्थी परीक्षा में कम अंक आने पर अथवा फेल हो जाने पर आत्महत्या की ओर प्रवृत्त हो जाते हैं। इसके अलावा प्रेम संबंधों में धोखा खाने पर, किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अपमान अथवा धोखा देने पर या फिर कार्य व्यवसाय में मनोवांछित सफलता प्राप्त ना होने पर काफी परेशान हो जाते हैं। कुछ लोगों पर अत्यधिक कर्ज बढ़ जाता है, जिसको चुका पाने का उनको कोई मार्ग नहीं दिखाई देता और इसी वजह से वे मानसिक रूप से बिखर जाते हैं। इस स्थिति में उन्हें इन परेशानियों से बचने का एकमात्र दिखाई देता है, स्वयं का जीवन समाप्त कर देना और वे आत्महत्या करने की ओर अग्रसर हो जाते हैं।

कुछ चीजें शक्ल पर नहीं लिखी होती। कई बार अंदर ही अंदर कुछ चल रहा होता है। बाहर से आदमी नार्मल, हंसता खेलता, मजाकिया सा लगता है। ऐसी दुर्घटना होने के बाद अक्सर जानने वाले लोग कहते हैं कि वह बड़े पक्के ईरादे वाला , हंसमुख था, दूसरों को प्रेरणा देता था, ऐसे कैसे कर सकता है।

परंतु ज्योतिष इस तरह की संभावनाओं की परतंे खोल देता है। कुंडली में ऐसे कितने ही योग होते हैं जिनके आधार पर यह बताया जा सकता है कि जातक का अंत अचानक होगा, दुर्घटना से होगा,बीमारी से होगा या आत्मघात या अन्य किसी अन्य कारण से होगा। इसलिए एक बार अपनी या परिवार जन की कंुडली किसी अनुभवी विशेषज्ञ को अवश्य दिखा लेनी चाहिए ताकि यदि उसमें ऐसे कोई कुयोग हों तो एहतियात बरती जा सके। कुछ लोग ऐसे परामर्श को वहम कहने लगते हैं। यदि आप टैस्ट कराएंगे ही नही ंतो कैसे पता चलेगा कि कोरोना है या मामूली खांसी आदि।

लोगों के भीतर हीन भावना, खुद को उपेक्षित समझने जैसे विचार जब मन में आने लगते हैं तो जिंदगी जीने की इच्छा खत्म होने लगती है। लॉक डाउन में ऐसी परिस्थितियां बनी थीं जिनकी वजह से लोग जान देने पर आमादा हो गए थे। एक सकारात्मक सोच विकसित करके ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। आत्महत्या एक ऐसी गलती है जिसको आदमी एक बार कर के कभी दोहरा नहीं सकता। बहुत सी ऐसी वजहें होती हैं जिनके कारण व्यक्ति आत्महत्या की तरफ बढ़ जाता है। मानसिक दबाव, समाज की बेरुखी, पारिवारिक कलह, बदनामी कुछ ऐसी वजहों में से हैं जिनके कारण व्यक्ति आत्महत्या की ओर बढ़ जाता है। 

ज्योतिष :अवसाद –आत्महत्या

ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। चंद्रमा कमजोर है तो उसको मानसिक समस्याएं रह सकती हैं। कुंडली में चंद्रमा और राहु का प्रभाव होने पर व्यक्ति मानसिक रूप से अत्यधिक कमजोर होता है और यदि यह संयोग अष्टम भाव में हो और इन ग्रहों पर अन्य पापी ग्रहों का प्रभाव भी हो, तो व्यक्ति इस दिशा में आगे बढ़ सकता है। अष्टम भाव में बुध ग्रह की अन्य पापी ग्रहों के साथ युति होने पर भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कुंडली के लग्न और सप्तम भाव में ग्रह नीच अवस्था में हो तथा अष्टम भाव के स्वामी पर पाप ग्रहों का अधिक प्रभाव हो या फिर अष्टम भाव पाप कर्तरी योग में हो। चंद्रमा अपनी उच्च अथवा व नीच राशि में पापी ग्रहों द्वारा पीड़ित हो और कुंडली में मंगल केतु मजबूत हो। सूर्य की शुभ स्थिति आत्महत्या से व्यक्ति को रोकती है सूर्य आत्मा कारक ग्रह है, जिन भी जातकों की कुंडली में यह ग्रह शुभ और मजबूत होता है वह आत्मिक रूप से काफी सशक्त होते हैं और कभी भी आत्महत्या जैसा कार्य नहीं करते। ऐसे लोग अपनी बातों से दूसरों को भी ऊर्जा दे सकते हैं।

- चांदी के बर्तन में खाना खाएं, चांदी के गिलास में पानी या दूध पिएं

- सफेद या ऑफ व्हाईट चदद्र , बेड शीटए तकिया तथा सफेद कपड़ों का उपयोग अधिक करें। काले , गहरे नीले तथा डार्क ग्रे रगों के परिधान न पहनें। 

-हर रात बैड के नीचे,या किनारे में जहां सिर आता है,सोते समय , तांबे की गड़वी में जल भर के रखें,सुबह उठते ही परछाई देखें , फिर तुलसी या किसी हरे पौधे में डालें। 

मानसिक तनाव से दूर रहने का प्रयास करें और स्वयं को अकेले में ना रखें। यदि आप माता-पिता से दूर रह रहे हैं, और वे अकेले हैं, तो उनसे बात करें। रोजाना उनसे बात करेंगे तो इससे उनका अकेलापन दूर होगा और उन्हें राहत मिलेगी।- घर में रहने से अकेलेपन और बोरियत का डर मन में घर कर रहा है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क बनाएं रखें। फोन और विडियो पर कॉल करें।

- ऐसी कोई स्किल सीखें, जो आप सीखना चाहते थे लेकिन टाइम नहीं मिलने से कर नहीं पा रहे थे। पेंटिंग करें, कुकिंग करें, गिटार बजाना सीखें, किताबें पढ़ें।

- बच्चों के साथ खेलें। लूडो, सांप-सीढ़ी, चेस से लेकर अंत्याक्षरी जैसे खेल खेलें। उनके साथ अपने अनुभव शेयर करें।

- आमने-सामने या ऊपर नीचे रहने वाले लोगों के साथ बालकनी में बैठकर कोई अंत्याक्षरी, तंबोला जैसे खेल सकते हैं या फिर कोई वाद्य-यंत्र बजा सकते हैं। इससे वक्त भी अच्छा करेगा और मजा भी आएगा। 

 
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