मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्,9815619620
2020 का वर्ष राहु का है जिसका योग 4 बनता है। ज्योतिष में राहु अस्थिरता, आक्समिकता, रहस्यात्मक, अप्रत्याशित घटनाओं,धोखा, अस्त्विहीन, अपराध, संक्रमण, अचानक मृत्यु, ऐसी बीमारी जिसका सिरा न हो, गलत प्रवृतियां, विदेश यात्रा, कंप्यूटर, संचार क्रांति , एकाएक परिवर्तन आदि का परिचायक है। आपने देखा कि 2020 लगते ही कोरोना ने पूरे विश्व को डस लिया, ऐसी रहस्यात्मक बीमारी जिसका पता न लगे, ऐसे अपराध जो रहस्यों की गुत्थी बनकर उलझते जाएं, मानव की जीवन शैली में एकाएक परिवर्तन, खाने से लेकर पढ़ाई तक सब कुछ ऑनलाइन हो जाना, भारतीयों का विदेश से उल्टे वापस लौटना अर्थात सब कुछ उल्टा पुल्टा। यहां तक कि मनुष्य मंदिर तक में भगवान के न दर्शन कर सके न पूजा अर्चना।
बात यहीं नहीं रुकती, इस बार चतुर्मास पूरे पांच मास का हो गया। लीप वर्ष के कारण अधिक मास दो मास का हो गया। जहां श्राद्ध समाप्ति के अगले दिन नवरात्र आरंभ हो जाते थे , इस बार लगभग एक मास के अंतराल के बाद होंगे। हालांकि यह 160 साल बाद ऐसा हो रहा है यानी 2020 में सब कुछ बदला बदला।
श्राद्ध 1 सितंबर से 17 सितंबर
इस साल श्राद्ध 1 सितंबर से शुरू होंगे और 17 सितंबर को समाप्त होंगे। इसके अगले दिन 18 सितंबर से अधिकमास शुरू हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। वहीं नवरात्रि का पावन पर्व 17 अक्टूबर से शुरू होगा और 25 अक्टूबर को समाप्त होगा। वहीं चतुर्मास देवउठनी के दिन 25 नवंबर को समाप्त होंगे।
पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके तर्पण के निमित्त श्राद्ध किया जाता है। यहां श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के प्रति सम्मान प्रगट करने से है। श्राद्ध पक्ष अपने पूर्वजों को जो इस धरती पर नहीं है एक विशेष समय में 15 दिनों की अवधि तक सम्मान दिया जाता है, इस अवधि को पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष कहते हैं। हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य का प्रवेश कन्या राशि में होता है तो, उसी दौरान पितृ पक्ष मनाया जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में तर्पण और पिंडदान को सर्वोत्तम माना गया है।
पितृ पक्ष 2020 प्रारंभ और समाप्ति तिथि
पितृ पक्ष प्रारंभ तिथि- 1 सितंबर 2020 पितृ पक्ष समाप्ति तिथि -17 सितंबर 2020
पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) – 1 सितंबर
दूसरा श्राद्ध -2 सितंबर
तीसरा श्राद्ध -3 सितंबर
चौथा श्राद्ध -4 सितंबर
पांचवा श्राद्ध -5 सितंबर
छठा श्राद्ध - 6 सितंबर
सांतवा श्राद्ध -7 सितंबर
आंठवा श्राद्ध -8 सितंबर
नवां श्राद्ध- 9 सितंबर
दसवां श्राद्ध -10 सितंबर
ग्यारहवां श्राद्ध -11 सितंबर
बारहवां श्राद्ध-12 सितंबर
तेरहवां श्राद्ध -13 सितंबर
चौदहवां श्राद्ध -14 सितंबर
पंद्रहवां श्राद्ध –15 सितंबर
सौलवां श्राद्ध - 16 सितंबर
सत्रहवां श्राद्ध -17 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या)
नवरात्र,
इस साल पूरे एक मास बाद आरंभ होंगे नवरात्र, ये तिथियां आप अपनी सुविधा और प्लानिंग के लिए नोट कर सकते हैं।
नवरात्रि दिन 1: प्रतिपदा माँ शैलपुत्री पूजा घटस्थापना 17 अक्टूबर (शनिवार)
नवरात्रि दिन 2: द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 18 अक्टूबर (रविवार)
नवरात्रि दिन 3: तृतीय माँ चंद्रघंटा पूजा 19 अक्टूबर (सोमवार)
नवरात्रि दिन 4: चतुर्थी माँ कुष्मांडा पूजा 20 अक्टूबर (मंगलवार)
नवरात्रि दिन 5: पंचमी माँ स्कंदमाता पूजा 21 अक्टूबर (बुधवार)
नवरात्रि दिन 6: षष्ठी माँ कात्यायनी पूजा 22 अक्टूबर (गुरुवार)
नवरात्रि दिन 7: सप्तमी माँ कालरात्रि पूजा 23 अक्टूबर (शुक्रवार)
नवरात्रि दिन 8: अष्टमी माँ महागौरी दुर्गा महा नवमी पूजा दुर्गा महा अष्टमी पूजा 24 अक्टूबर (शनिवार)
नवरात्रि दिन 9: नवमी माँ सिद्धिदात्री नवरात्रि पारणा विजय दशमी 25 अक्टूबर (रविवार)
नवरात्रि दिन 10: दशमी दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर (सोमवार)
मदन गुप्ता सपाटू, 458,सैक्टर10, पंचकूला- 134109मोः 98156 19620,0172-2577458