ENGLISH HINDI Monday, December 29, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
शिलांग में शहीद फाजिल्का के बीएसएफ जवान को अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़, 3 फरवरी को होनी थी शादीखरड़ में श्रद्धा-विश्वास से किया तुलसी पूजनआक्रोश की कविता के दौर में प्रेम गीत लिखना मुश्किल काम : माधव कौशिकइंडियनऑयल ने अभूतपूर्व चुनौतियों के बीच लद्दाख के लिए रिकॉर्ड विंटर स्टॉक जमा कियाभगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों का जीवंत दस्तावेज है : गुलाबचंद कटारियारफी की वर्षगाँठ पर नाइट स्टार क्लब के भव्य संगीतमय कार्यक्रम में श्रोता हुए मंत्रमुग्धलॉयन्स क्लब चण्डीगढ़ ग्रेटर द्वारा आयोजित ख़ूनदान कैम्प में 40 यूनिट रक्त हुआ एकत्रहिमाचल औषधियों गुणों से युक्त भांग के लिए जाना जाएगा, मुख्यमंत्री की ‘ग्रीन टू गोल्ड’ पहल से बढ़ेगी किसानों की आमदनी
मनोरंजन

हास्य व्यंग्य : मैं भी अवार्ड लौटाने दिल्ली चला

December 10, 2020 09:30 AM

  मदन गुप्ता सपाटू

इधर भारत बंद था। हमारे दरवाजे खुले थे। बाबू राम लाल एक कान पर मास्क लटकाए, तमतमाए, हांफते फांदते , एक स्मृति चिन्ह हाथ में लहराते हुए धड़धड़ाते ,हमारे आगे खड़े हो गए और गुस्से में हम पर ही चिल्ला कर बोले- अब नहीं सहा जाता....ये अवार्ड सरकार को लौटा कर ही रहूंगा।

हमने उनका हौसला बढ़ाया- भई जरुर लौटाओ। अवार्ड वापसी समारोह चल रहा है। बहती गंगा में तुम भी हाथ धो लो। पहले असहिष्णुता की ब्यार में बहुत से लेखकों, बुद्धिजीवियों , शायरों, कवियों ने अवार्ड लौटाए थे, अब तुम शौक पूरा कर लो। उन दिनों , एक मूंछों वाले शायर ने तो एक टी.वी चैनल के एंकर के आगे ही लाइव प्रोग्राम में अपना अवार्ड रख दिया था ताकि सनद रहे कि बाई गॉड, खुदा की कसम....मैं यह सरकार द्वारा नवाजा गया सम्मान सबके सामने लौटा रहा हूं।

कइयों ने पद्म श्री लौटा दी। उसके साथ मिला मालपानी और मिली सुविधाएं हजम कर ली। राष्ट्र्पति भवन में मिली इज्जत, तालियों की गड़गड़ाहट , ख्ंिाची फोटो, पब्लिसिटी नहीं लौटाई। अब लौटाने पर भी मशहूरियां। कई पूछ रहे हैं कि ऐसा कौन सा तीर मारा था जिसके कारण तुम्हें पद्म श्री मिली थी? वैसे भी अंधा बांटे रेवड़ियां, मुड़ मुड़ अपने को देय! और इतने दिन जो उसकी गर्माई क ेमजे लिए, वो कैसे लौटाओगे?

कइयों ने पद्म श्री लौटा दी। उसके साथ मिला मालपानी और मिली सुविधाएं हजम कर ली। राष्ट्र्पति भवन में मिली इज्जत, तालियों की गड़गड़ाहट , ख्ंिाची फोटो, पब्लिसिटी नहीं लौटाई। अब लौटाने पर भी मशहूरियां। कई पूछ रहे हैं कि ऐसा कौन सा तीर मारा था जिसके कारण तुम्हें पद्म श्री मिली थी? वैसे भी अंधा बांटे रेवड़ियां, मुड़ मुड़ अपने को देय! और इतने दिन जो उसकी गर्माई क ेमजे लिए, वो कैसे लौटाओगे?

हमारे यहां तो एक श्री मान को लोगों से चंदा लेकर लंगर लगाने पर ही पद्म श्री ओढ़ा दी गई थी। अब एक सज्जन उसी फार्मूले के आधार पर अखबारों में विज्ञापन दे देकर , कोरोना काल में लगाए गए लंगरों के एवज में सरकार से यह सम्मान खुद ही मांग रहे हैं। बाबू राम लाल उसी श्रेणी के प्राणी हैं जिन्होंने कोराना काल में डट कर लंगर लगाए, खाए और कोरोना योद्वा के अवार्ड ऐसे जीते मानों कोई सैनिक परमवीर चक्र पा रहा हो। उसका घर ऐसे अवार्डों से ओवर फलो कर रहा है। घर में सोने की जगह ही नहीं बची है। एक आध अवार्ड लौटा भी देंगे तो कोैन सा टोटा पड़ जाएगा? इसी लिए वे चिल्ला चिल्ला के कह रहे हैं- मैं देशहित में सरकार के सभी काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाते हुए आज अवार्ड वापसी की घोषणा करता हंू। कर लो भईया ! तुम भी दिल की पूरी कर लो। बस इतना समझा दो कि जिस कानून के खिलाफ अवार्ड लौटाने चले हो उसमें है क्या क्या ? वे खिसिआए और बोले- ये सब सरकार जाने...... बस देश के खिलाफ है , इसलिए अवार्ड लौटाना जरुरी है।

हमारे एक मित्र काम चलाउ ज्योतिषी हैं। कई और धंधे भी हैं। अपने नाम के आगे डाक्टर और पीछे 17 बार गोल्ड मेडलिस्ट लिखते हैं। जब भी कोई ज्योतिष सम्मेलन होता है, 2500 देकर शिरकत कर आते हैं और समारोह में किसी मंत्री द्वारा प्रदान किए गए, गोल्ड मेडल के अलावा शालें, पगड़ी, स्मृति चिन्ह बटोर लाते हैं जो उनके विझापन में काम आते हैं। अब ऐसे महानुभाव अवार्ड वापस करने लगें तो पूरे भारत में हर रोज एक ज्योतिष सम्मेलन आयोजित करने पड़ेंगे क्यों कि एक प्रोग्राम में दो चार सौ ज्योतिषी नुमां बंदे - बंदियां अवार्ड लूट लेते हैं।

एक वक्त था जब 1962 में चीन के आक्रमण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री ने देशवासियों से धन औेर सोना सरकार को दान करने की अपील की थी और मां बहनों ने अपनी चूड़ियां - बालियां , पैसे आदि समारोहों में उतार उतार कर, देश हित में दान कर दी थी क्योंकि सरकार को उसकी जरुरत थी। आज लगता है सरकार के पास अवार्डों की कमी पड़ गई है , इसी लिए सब अपने अपने सम्मान वापस लौटाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं।

हमें अभी तक कोई अवार्ड तो नहीं मिला है लेकिन आज की डेट में किसी न किसी गैंग से जुड़ना एक सम्मानजनक बात मानी जाती है। एक अलग पहचान बनती है। सो भइया आज हमने ’ अवार्ड वापसी गैंग’ की सदस्यता ले ली है।
- मदन गुप्ता सपाटू, 9815619620, 458,सैक्टर 10, पंचकूला

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और मनोरंजन ख़बरें
रफी की वर्षगाँठ पर नाइट स्टार क्लब के भव्य संगीतमय कार्यक्रम में श्रोता हुए मंत्रमुग्ध यादगार संगीतमय शाम का आयोजन वो जब याद आए… मोहम्मद रफ़ी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि 'मैदान' भारत में किसी भी खेल पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म राम तेरी गंगा मैली में दर्शाये चर्चित दृश्यों को देखना नज़र और नज़रिये पर निर्भर करता है : मन्दाकिनी प्राचीन कला केंद्र में विद्यार्थियां ने संगीत की प्रस्तुतियां पेश की। नवाचार और जज़्बे का संगम: बोल्ड फ्रेमी एंटरटेनमैंट के साथ कंवलप्रीत सिंह और रोहित कुमार का ‘11:11’ बना विश्व रिकॉर्ड सुरमई संगीत में गायकों ने समां बांधा भीषण बाढ़ के बाद पंजाब के पुनर्निर्माण हेतु निधि संग्रह को समर्पित कराओके फ्यूज़न क्लब ने वॉइसेज़ ऑफ़ होप – सुरधारा का आयोजन किया सुरीला सफ़र -23 धूम धाम से संपन्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर की जयंती पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन