ENGLISH HINDI Friday, November 28, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
शहीदी दिवस पर मिशन अक्षय पात्र के तहत पीजीआई गुरुद्वारे में एनबीएफ ने की जरूरतमंद मरीज़ों के लिए लंगर दान सेवासेठ छाजू राम दानवीर, देशभक्त और सच्चे समाजसेवी थे : डॉ महेंद्र सिंह मलिकगवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन सेक्टर 50 चंडीगढ़ में संविधान दिवस का आयोजनसेंट्रल लाइब्रेरी सेक्टर 17 चंडीगढ़ में कैंसर अवेयरनेस पर बनी फिल्म का प्रदर्शन 29 नवंबर कोसैन समाज 4 दिसंबर को रचेगा नया इतिहासश्री गुरू तेग बहादुर जी की शहादत के 350 वर्ष पर शहीदी मार्ग यात्रा को सीआरपीपफ के जवानों ने दी सलामीकुरुक्षेत्र में श्रद्धा और संस्कृति का महासंगम, श्री गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित समागम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की शिरकतप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रोच्चारण के बीच की ब्रह्मसरोवर पर सांध्य कालीन महाआरती
एस्ट्रोलॉजी

गलत रत्न धारण करने से आप हो सकते है तबाह एवं बर्बाद: ज्योतिषचार्य विष्णु शर्मा

January 22, 2021 08:56 PM

    चंडीगढ़, फेस2न्यूज:
रत्न धारण करने से जहां हमें सुख, समृद्धि एवं वैभव की प्राप्ती होती है वहीं गलत रत्न पहनने से यह हमें तबाह एवं बर्बाद भी कर सकता है। इसलिए हमें रत्नों को धारण करते हुए विशेष सावधानियां वर्तनी चाहिए।
सेक्टर 45 स्थित ज्योतिष सेंटर के ज्योतिषचार्य विष्णु शर्मा का मानना है कि जिस व्यक्ति की ज्योतिषों द्वारा पुखराज (टोपाज़) पहने की सलाह दी जाती है उन्हें पुखराज खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ज्यादातर दुकानदार पुखराज के नाम पर ग्राहकों को पीला नीलम (येलो सफायर) प्राच्य पुखराज, धुमेरा स्फटिक, साइट्रीन अथवा स्फटिक, स्कॉय पुखराज आदि के नामों से बेचते हैं, परन्तु वस्तुत: यह पुखराज नही है। क्योंकि शुद्ध पुखराज हल्का पीला, रंगहीन या सफेद होता है, इसलिए पुखराज की पूर्णतया जांच करवाकर ही खरीदना व पहनना चाहिए नही तो विपरीत परिणाम से भुगतने पड़ सकते हैं।
ज्योतिषचार्य विष्णु शर्मा ने बताया कि पुखराज का रंग अधिक पीला नही होता है वह हल्का पीला, रंगहीन या सफेद होता है जबकि येलो सेफायर का रंग गहरा पीला भी होता है तथा यह पीला होकर भी नीलम ही कहलाता है और जिसे पुखराज पहनना है उन्हें नीलम के परिणाम देगा, नीलम हर किसी को नही फलता है बल्कि घातक परिणाम भी दे देता है उन्हें यह रास नही आता। अत: गलत रत्न पहनने से बचना चाहिए व इसकी लेब रिपोर्ट के साथ ही खरीदे या इस रत्न की प्रयोगशाला में जांच कराकर फिर ही पहने, पुखराज को अंग्रेज में नैचुरल टोपाज भी कहते हैं। येलो सेफायर पीला नीलम होता है। गुरू का रत्न सिर्फ पुखराज यानि नैचुरल टोपाज होता है येलो सेफायर नही।
ज्योतिषचार्य विष्णु शर्मा ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रह हैं, और सभी 9 ग्रहों के 9 रत्न हैं। सूर्य का माणिक, चंद्र का मोती, मंगल का मूँगा, गुरु का पुखराज, बुद्ध का पन्ना, शुक्र का हीरा, शनि का नीलम, राहू का गोमेद, और केतु का लेहसूनिया। आजकल लोगों में पुखराज पहनने का काफी चलन देखने को मिला रहा है। बृहस्पति गृह सारे देव ग्रहों के गुरु है। और इनका शुभ रत्न पुखराज है। जिन लोगों की कुंडली मे गुरु शुभ है। उनको शुद्ध पुखराज पहनने से काफी लाभ होता है। गुरु संतान का कारक है। विद्या का कारक है और धन का कारक है।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और एस्ट्रोलॉजी ख़बरें
जीरकपुर में आयोजित ज्योतिष सम्मेलन में लोगों के दूर किये दुखड़े ज्योतिष सम्मेलन में किया समस्याओं का समाधान जीरकपुर ज्योतिष सम्मेलन में लोगों ने जाना समस्याओं का समाधान ज्योतिष सम्मेलन में कुंडली दिखाने उमड़े लोग, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य नवदीप मदान सम्मनित नामवर ज्योतिष सम्राट नवदीप मदान का सम्मान वास्तु विशेषज्ञ परामर्श के बिना भी अपने घर या कार्यक्षेत्र में कर सकते हैं वास्तु के कुछ खास बदलाव वास्तु के अभाव का प्रभाव हरमिटेज सेंट्रल के ज्योतिष शिविर में सैकड़ों ने दिखाई कुंडली करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग,निसंकोच रखें व्रत, करें शुक्रास्त पर भी उद्यापन! हिन्दू त्योहार दो- दो दिन क्यों बताए जाते हैं ?