चंडीगढ, संजय मिश्रा:
कुरुक्षेत्र हरियाणा में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आबंटित आवासीय भूखण्ड में समुचित सुविधा उपलब्ध ना कराकर 23 साल तक मुकदमा लड़ते रहने पर नाराज राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने प्राधिकरण की अपील को खारिज करते हुए उल्टे प्राधिकरण पर ही 10000 रुपए का जुर्माना लगा दिया।
आयोग ने पुनरीक्षण याचिका संख्या 269 ऑफ़ 2011 का निपटारा करते हुए कहा कि- शिकायतकर्ता ने 1997 मे जिला मंच में शिकायत दी जिसपर 2003 में उपभोक्ता के हक में फैसला आया, हुडा ने 2003 में ही इस आदेश की अपील राज्य उपभोक्ता आयोग में की जो 2010 में खारिज हो गई। फिर हुडा ने इसकी अपील 2011 मे राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में दी, जो आज 2021 में निस्तारित हो रही है।आयोग ने कहा, प्राधिकरण आबंटित आवासीय भूखण्ड की विकसित करने में विफल रहा लेकिन मुकदमेबाजी करके इस मामले को 23 साल तक लटकाने में सफल रहा। आयोग ने आगे कहा कि 10000 रुपए का जुर्माना प्राधिकरण उपभोक्ता राहत कोष में 4 सप्ताह के भीतर जमा कराए एवं इस जुर्माने कि रिकवरी उस अधिकारी या अधिकारियों से करें जो इस अनचाहे अपील एवं मुकदमेबाजी में सहायक है।
आयोग ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून को बनाने का मकसद था ग्राहकों को सस्ता एवं त्वरित न्याय, लेकिन सरकारी प्रतिष्ठान अपनी हठधर्मिता के कारण इस मकसद को पलीता लगा रहे है।
आयोग ने कहा, प्राधिकरण आबंटित आवासीय भूखण्ड की विकसित करने में विफल रहा लेकिन मुकदमेबाजी करके इस मामले को 23 साल तक लटकाने में सफल रहा। आयोग ने आगे कहा कि 10000 रुपए का जुर्माना प्राधिकरण उपभोक्ता राहत कोष में 4 सप्ताह के भीतर जमा कराए एवं इस जुर्माने कि रिकवरी उस अधिकारी या अधिकारियों से करें जो इस अनचाहे अपील एवं मुकदमेबाजी में सहायक है।
प्रताप मंडी शाहाबाद जिला कुरुक्षेत्र हरियाणा के निर्मल मदन ने हुडा के खिलाफ जिला मंच में 1997 मे शिकायत दी थी, ये कहते हुए कि हुडा आबंटित भूखण्ड का समुचित विकास नहीं कर पाया है, इस कारण दूसरी भूखण्ड विकसित इलाके मे आबंटित कराने का हुडा को निर्देश दिया जाए, जिसे जिला मंच ने स्वीकार कर लिया था।