ENGLISH HINDI Monday, December 15, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
आचार्य कुल संस्था और संवाद साहित्य मंच द्वारा नलिन आचार्य के नाम से अवार्ड की घोषणापब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट हरियाणा ने हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट को 3 विकेट से हरायाराम तेरी गंगा मैली में दर्शाये चर्चित दृश्यों को देखना नज़र और नज़रिये पर निर्भर करता है : मन्दाकिनीश्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स ने पीएचएचपी एंड सी निदेशालय के तहत ओवरऑल चैम्पियनशिप जीतीभाखड़ा बांध संग्रहालय में लगेगी सर छोटू राम की प्रतिमा, बीबीएमबी ने दिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देशएसआईएफ-चण्डीगढ़ ने अतुल सुभाष के लिए मोमबतियाँ जलाकर वीरांजलि का आयोजन कियाएम. डी. इलेवन की टीम ने चेयरमैन इलेवन को पराजित कियाएक साल से ठप प्रेस काउंसिल: क्या बिना पत्रकारों के ‘मीडिया वॉचडॉग’ चल सकता है?
मनोरंजन

हैेप्पी सासू डे

July 10, 2021 08:37 AM

हास्य व्यंग्य

मदन गुप्ता सपाटू

यूं तो हमारे देश में हर दिन नया होता है और आदमी किसी न किसी उपलक्ष्य में बिजी रहता है। आज एकादशी का व्रत तो कुछ दिन बाद पूर्णमासी पर कथा। बेचारा हलवाई अभी तीज के त्योहार से बेला नहीं हो पाता कि भईया दूज, करवा चौथ या दीवाली उसके हाथों में खौंचा थमा ही रखते हैं। खैर ! ये तो परंपरागत उत्सव हैं जिनकी तिथियां आदि ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित रहती हैं । ऐसा नहीं कि जब चाहो तब त्योहार मना लो और जो दिल में आए, कर लो। होली पूर्णमासी पर ही आएगी और दीवाली अमावस पर ही पड़ेगी। तीज तृतीया पर आएगी तो करवा चौथ , चतुर्थी पर ही आएगा।

अब संत वेलेंटाइन ने 14 फरवरी को प्रेम दिवस ही घोषित करवा डाला । बस उसके बाद क्या था! अंग्रेजों ने ‘डेओं’ की झड़ी ही लगा दी। हमारा रक्षाबंधन, भईया दूज तो पीछे रह गए, फादर्स डे, मदर्स डे, सिस्टर डे, ब्रदर डे की लंबी फहरिस्त जारी कर डाली। यहां तक कि बेबी डे, चिल्डर्न डे, ग्रांड पेरेंट्स डे, सिबलिंग डे, स्टेप फैमिली डे तक का प्रोविजन रख डाला। और तो और, 30 जुलाई को ‘फादर - इन - ला ’ डे यानी कानूनी बाप दिवस डिक्लेयर कर दिया। यही नहीं 12 अगस्त का दिन मिडल चाईल्ड डे के लिए फिक्स कर दिया कि मंझला भाई कहीं नाराज न हो जाए। किसी को नहीं छोड़ा।

‘सास वही जो करती है दिन भर आराम, बेटे के आते ही करने लगती है घर का काम’बस! तिकोना मुकाबला चालू। अब दहेज, खाना बनाना न बनाना वगैरा वगैरा लड़ाई के मुददे् नहीं रहे। अब मोबाइल, रिमोट, किटट्ी पार्टियां, क्लब, नौकरियां , ब्यूटी पार्लर आदि क्लेश के लेटेस्ट मुदद्े हो गए हैं। बहू भी भी माडर्न और सास उससे भी ज्यादा जवान। देखने वाले कभी कभी छोटी बहन ही मान लेते हैं। आपस में कट थ्रोट कंपीटिशन। फैशन शो में दोनों आगे। दोनों किसी से कम नहीं।

बस एक को नहीं छुआ  और वह है भारत के परिवारों की खास प्रजाति - सास। हालांकि बड़ा मन मार के अंग्रेजों ने मदर -इन -ला डे , अक्तूबर के चौथे इतवार को फिक्स कर दिया है। पर क्या आपने कभी लोगांे को बड़े प्यार से यह कहते सुना - हेैप्पी सासू डे जी! उल्टे कशमीर से कन्या कुमारी तक, राजस्थान से बर्मा बार्डर तक सास - बहू के लड़ाई के किस्से ही सुने होंगे। यह भी एक शोध का विषय है कि इनमें 36 का आंकड़ा क्यों रहता है?

इस आग में मुंबईया फिल्मों ने घी डालने का काम किया है। हर बहू को सास मंे ललिता पवार या शशिकला ही नजर आने लगी। एक दिन बहू का सौ दिन सास के, सास भी कभी बहू थी जैसी फिल्में दिखा दिखा कर अच्छी भली सासों को खलनायिका बना डाला। रही सही कसर कभी न खत्म होने वाले अनगिनत टी.वी सीरियलों ने कर दी । कोई सास या बहू सीज फायर करना भी चाहे, तो किसी न किसी सीरियल से तलवारें खींचने का मसाला मिल ही जाता है। ऐसे धारावाहिक पाकिस्तान मंे और भी मशहूर हैं।‘सास वही जो करती है दिन भर आराम, बेटे के आते ही करने लगती है घर का काम’बस! तिकोना मुकाबला चालू। अब दहेज, खाना बनाना न बनाना वगैरा वगैरा लड़ाई के मुददे् नहीं रहे। अब मोबाइल, रिमोट, किटट्ी पार्टियां, क्लब, नौकरियां , ब्यूटी पार्लर आदि क्लेश के लेटेस्ट मुदद्े हो गए हैं। बहू भी भी माडर्न और सास उससे भी ज्यादा जवान। देखने वाले कभी कभी छोटी बहन ही मान लेते हैं। आपस में कट थ्रोट कंपीटिशन। फैशन शो में दोनों आगे। दोनों किसी से कम नहीं।

कई घरों मं एक कहावत मशहूर कर दी गई- ‘सास वही जो करती है दिन भर आराम, बेटे के आते ही करने लगती है घर का काम’बस! तिकोना मुकाबला चालू। अब दहेज, खाना बनाना न बनाना वगैरा वगैरा लड़ाई के मुददे् नहीं रहे। अब मोबाइल, रिमोट, किटट्ी पार्टियां, क्लब, नौकरियां , ब्यूटी पार्लर आदि क्लेश के लेटेस्ट मुदद्े हो गए हैं। बहू भी भी माडर्न और सास उससे भी ज्यादा जवान। देखने वाले कभी कभी छोटी बहन ही मान लेते हैं। आपस में कट थ्रोट कंपीटिशन। फैशन शो में दोनों आगे। दोनों किसी से कम नहीं।

हमारा तो सुझाव है कि सभी सासुओं एक हो जाओ और सरकार से हैप्पी सासू डे डिक्लेयर करवा के इसे राष्ट्र्ीय अवकाश घोषित करवा दिया जाए।

पंजाब में ऐसे डे मनाने का रिवाज प्रचलित नहीं है क्यों कि अभी गभरु कनाडा जाने की जुगाड़ में हैं ओेेैर बापू खेत -खूत बेच कर उन्हें विदेश में फिट करने की फिराक में हैं या आन्दोलनों में व्यस्त हैं। वरना वो दिन दूर नहीं जब पंजाब में बैसाखी के बाद हैप्पी फुफ्फड़ डे, हैप्पी बुढ़ा बुढ़ी डे, हैप्पी जीजा जी डे मनाए जाएंगे।

-संपर्क- मदन गुप्ता सपाटू, मो- 98156-19620, - 458 सैक्टर 10, पंचकूला।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और मनोरंजन ख़बरें
राम तेरी गंगा मैली में दर्शाये चर्चित दृश्यों को देखना नज़र और नज़रिये पर निर्भर करता है : मन्दाकिनी प्राचीन कला केंद्र में विद्यार्थियां ने संगीत की प्रस्तुतियां पेश की। नवाचार और जज़्बे का संगम: बोल्ड फ्रेमी एंटरटेनमैंट के साथ कंवलप्रीत सिंह और रोहित कुमार का ‘11:11’ बना विश्व रिकॉर्ड सुरमई संगीत में गायकों ने समां बांधा भीषण बाढ़ के बाद पंजाब के पुनर्निर्माण हेतु निधि संग्रह को समर्पित कराओके फ्यूज़न क्लब ने वॉइसेज़ ऑफ़ होप – सुरधारा का आयोजन किया सुरीला सफ़र -23 धूम धाम से संपन्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर की जयंती पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन पहली बार आयोजित शम्मी कपूर स्पेशल कराओके सिंगिंग इवेंट में याहू स्टार के गीत गाए मेरे नैना सावन-भादों...बहुमुखी प्रतिभा के धनी हरफनमौला क्रिसमैटिक किशोर को किया याद 'घिच पिच'—पिता, बेटों और चंडीगढ़ शहर पर आधारित एक प्रभावशाली, युवावस्था पर आधारित फिल्म 1 अगस्त, को सिनेमाघरों में होगी रिलीज़ विरासते पंजाब का आयोजन 1 जून को : गिद्दा-भांगड़ा कप प्रतियोगिता होगी मुख्य आकर्षण