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धर्म

आया सावन झूम के......

July 16, 2021 08:52 AM

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषाचार्य

इस साल सावन थोड़ा झूम कर आया और काफी तबाही भी अपने साथ लाया। 16 जुलाई , शुक्रवार को सोमवार के दिन श्रावण संक्रान्ति आरंभ हो गई है। 20 जुलाई को हरिशयनी एकादशी तथा चतुर्मास का आरंभ होगा। 24 तारीख को गुरु पूर्णिमा , आषाढ़ी पूर्णिमा है। संपूर्ण वातावरण शिवमय हो जाता है। प्रकृति भी अपने पूर्ण जोश में होती है।

24 जुलाई को आषाढ़ मास के समाप्त होते ही 25 जुलाई से सावन मास का आरंभ हो जायेगा जो 22 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान कुल 4 सोमवार पड़ेंगे.

हिन्दू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है. इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है.ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. विवाहित औरतें यदि श्रावन महीने का सोमवार व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं.

बहुत से लोग सावन या श्रावण के महीने में आने वाले पहले सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआतकरते हैं. इस महीने में मंगलवार का व्रत देवी पार्वती के लिए किया जाता है. श्रावण के महीने में किए जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. इस साल श्रावण मास में 4 सोमवार पड़ेंगे. अगर आप सावन के महीने में सोमवार व्रत रखते हैं तो इससाल आपको सिर्फ चार ही व्रत रखने होंगे.

पूरे सावन माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. खासकर कुंवारी कन्या योग्य वर की प्राप्ति हेतु भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक व्रत रखती हैं. आइये जानते हैं इस बार कब पड़ रही पहली और आखिरी सोमवारी, क्या है इस पर्व का महत्व, इस बार की शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि....

कब होगा आषाढ़ माह समाप्त, कब सावन मास का होगा आरंभ ?

आषाढ़ माह समाप्त: 24 जुलाई 2021, शनिवार को

सावन मास आरंभ: 25 जुलाई 2021, रविवार से

सावन मास की सोमवार की महत्वपूर्ण तिथियां:

इस बार पहली सोमवारी 26 जुलाई को पड़ रही है जबकि चौथी सोमवारी 16 अगस्त को पड़ेगी.

सावन का पहला सोमवार: 26 जुलाई 2021

सावन का दूसरा सोमवार: 2 अगस्त 2021

सावन का तीसरा सोमवार: 9 अगस्त 2021

सावन का चौथा सोमवार: 16 अगस्त 2021

सावन शिवरात्रि पूजा कब ?

हर साल की तरह सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन की शिवरात्रि व्रत पड़ रही है. ऐसे में साल 2021 में सावन शिवरात्रि पूजा 6 अगस्त को पड़ रहा है. जिसका पारण 7 अगस्त को किया जाएगा. 

सावन शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

सावन शिवरात्रि व्रत तिथि: 6 अगस्त 2021, शुक्रवार 

निशिता काल पूजा मुहूर्त: 7 अगस्त 2021, शनिवार की सुबह 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक 

पूजा अवधि: मात्र 43 मिनट तक 

शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त: 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक

सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है।जिन लोगों के विवाह में परेशानियां आ रही हैं उन्हें सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।

इस माह में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है

सोमवार शाम पढ़ें शिव चालीसा, भोलेनाथ प्रसन्न होकर देंगे यह वरदान

सावन के महीने में भक्त तीन प्रकार के व्रत रखते हैं.

1. सावन सोमवार व्रत 2. सोलह सोमवार व्रत 3. प्रदोष व्रत

श्रावण महीने में सोमवार को जो व्रत रखा जाता है, उसे सावन का सोमवार व्रत कहते हैं. वहीं सावन केपहले सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं और

प्रदोष व्रत भगवान शिवऔर मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के प्रदोष के दिन किया जाता है.

व्रत और पूजन विधि

– सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.

– पूजा स्थान की सफाई करें.

– आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.

– भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें.

– दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें.

– भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.

– ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं.

– सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं.

– पूजा का प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें.

सोमवार शाम पढ़ें शिव चालीसा, भोलेनाथ प्रसन्न होकर देंगे यह वरदान

सावन मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व माना गया है।

भोले नाथ अपने नाम के अनुरुप अत्यंत भोले हैं और सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं।शिवोपासना से जीवन की अनेकानेक कठिनाइयां दूर होती हैं। इस मास में महामृत्युंज्य मंत्र, रुद्राभिषेक,शिव पंचाक्षर स्तोत्र आदि के पाठ से लाभ मिलता है। शिवलिंग पर मात्र बिल्व पत्र चढाने से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, भांग, धतूरा, जल, कच्चा दूध, दही, बूरा, श्हद, दही, गंगा जल, सफेद वस्त्र, आक , कमल गटट्ा, पान , सुपारी, पंचगव्य , पंचमेवा आदि भी चढ़ाए जा सकते हैं।


ओम् नमः शिवाय का जाप या महामृत्यंुज्य का पाठ कर सकते हैं।
शिवलिंग पर चंपा, केतकी, नागकेशर, केवड़ा या मालती के फूल न चढ़ाएं। अन्य कोई भी पुष्प जैसे हार सिंगार,सफेद आक आदि के अर्पित कर सकते हैं। बेल पत्र का चिकना भाग ही शिवलिंग पर रखना चाहिए तथा यह भी ध्यान रखें कि बेल पत्र खंडित न हों।

इस मास के प्रत्येक मंगलवार को श्री मंगला गौरी का व्रत , विधिवत पूजन करने से शीघ्र विवाह या वैवाहिक जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और सौभाग्यादि में वृद्धि होती है।

बिल्वपत्र कैसे चढ़ायें ?
1. बिल्वपत्र भोले नाथ पर सदैव उल्टा रखकर अर्पित करें।
2. बिल्वपत्र में चक्र एंव वज्र नहीं होने चाहिए। कीड़ो द्वारा बनायें हुये सफेद चिन्हों को चक्र कहते है और डंठल के मोटे भाग को वज्र कहते है।
3. बिल्वपत्र कटे या फटे न हो। ये तीन से लेकर 11 दलों तक प्राप्त होते है। रूद्र के 11 अवतार हैए इसलिए 11 दलों वाले बिल्वपत्र चढ़ायें जाये ंतो महादेव ज्यादा प्रसन्न होंगे।
4. बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों तक पाप नष्ट हो जाते है।
5. शिव के साथ पार्वती जी पूजा अवश्य करें तभी पूर्ण फल मिलेगा।
6. पूजन करते वक्त रूद्राक्ष की माला अवश्य धारण करें।
7. भस्म से तीन तिरछी लकीरों वाला तिलक लगायें।
8. शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।
9. शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें।
10. शिव जी पर केंवड़ा व चम्पा के फूल कदापि न चढ़ायें।

व्रत और पूजन विधि

– सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.

– पूजा स्थान की सफाई करें.

– आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.

– भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें.

– दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें.

– भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.

– ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं.

सावन के सोमवार को खरीदें इनमें से कोई भी एक चीज, होगा भाग्य उदय

1. भस्म: पहले सोमवार को या किसी भी सावन के सोमवार को शिव मूर्ति के साथ यदि भस्म रखते हैं तोशिव कृपा मिलेगी.

2. रुद्राक्ष: ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. इसलिए यदि आप इसेसावन के सोमवार को घर में लाते हैं और घर के मुखिया के कमरे में रखते हैं तो भगवान शिव ना केवलरुके हुए काम को पूरा करते हैं, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी होता है. इससे प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है.

3. गंगा जल: भगवान शंकर ने गंगा मां को अपनी जटा में स्थान दिया था. इसलिए यदि आप सावन केसोमवार को गंगाजल लाकर घर की किचन में रखते हैं तो घर में सम्पन्नता बढ़ेगी और तरक्की वसफलता मिलती है.

4. चांदी या तांबे का त्रिशूूल: घर के हॉल में चांदी या तांबे का त्रिशूूल स्थापित करके आप घर की सारीनेेगेटिव एनर्जी खत्म कर सकते हैं. इस बार सावन में इसे जरूर लाएं.

5. चांदी या तांबे का नाग: नाग को भगवान शिव का अभिन्न अंग माना जाता है. घर के मेन गेट के नीचेनाग-नागिन के जोड़े को दबाने से रुके हुए काम पूरे होते हैं.

6. डमरू: घर में डमरू रखने से नेगेटिव एनर्जी का असर नहीं होता. खासतौर से यदि आप इसे बच्चों केकमरे में रखें तो ज्यादा अच्छा होगा. बच्चे किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से बचे रहेंगे और उन्हें हर काम मेंसफलता भी प्राप्त होती है.

7. जल से भरा तांबे का लोटा: घर के जिस हिस्से में परिवार सबसे ज्यादा रहता है, वहां एक तांबे के लोटे मेंजल भरकर रख दें. इससे घर के लोगों के बीच प्रेम और विश्वास बना रहेगा. ध्यान रखें कि समय-समय पर उस पानी को बदलते रहें. उस पानी को ऐसे ही जाया ना करें, उसे किसी पेड़ या पौधे में डाल दें.

8. चांदी के नंदी: जिस प्रकार घर में चांदी की गाय रखने का महत्व है उसी प्रकार चांदी के नंदी घर मेंरखने का भी खास महत्व है. अपनी तिजारी या अलमारी में जहां आप पैसे या गहने रखते हैं, वहां चांदी केनंदी रखें. इससे आपको धन लाभ होगा और आपकी आर्थिक सम्पन्नता बढ़ेगी.

- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषाचार्य,98156.19620- 458, सैक्टर -10, पंचकूला

 
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