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जीवन शैली

इंडिया इंडिया फीलिंग: विकास धवन ने अपनी इस किताब में अपने बचपन के भारत के रंगों को बिखेरा

January 22, 2022 06:43 PM

यूनाइटेड किंगडम में एक पूर्व सिविल सर्वेंट, विकास धवन भारत की असंख्य संस्कृतियों और अनुभवों को किताब के पन्नों पर उतारने में सफल रहे

चंडीगढ़ (आर के शर्मा)

भारत के प्रति उनके प्रेम और भारत में अपने बचपन के अलग अलग अनुभवों से प्रेरित विकास धवन ने आज यहां ‘इंडिया इंडिया फीलिंग’ टाइटल से अपनी नई किताब को पूर्व आईएएस व लेखक तथा मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे के कर-कमलो से रिलीज़ किया। अपने बचपन के दिनों से लेकर कॉलेज तक के अनुभवों को उन्होंने अपनी इस साहित्यक रचना में काफी भावनात्मक अंदाज़ में बयां किया है।

 यूनाइटेड किंगडम में प्रशासनिक सेवा में कार्यरत रहे धवन ने इस मौके पर कहा कि ‘‘यह किताब उनकी तरफ से भारत की एक हल्की-फुल्की खोज है। यह मेरे कुछ अद्भुत अनुभवों और बचपन से लेकर जवानी तक, और परिवार तथा दोस्ती की गर्मजोशी से भरी यादों को समेटे हुए है। इसके साथ ही इस किताब में देश की जीवंतता को भी चित्रित किया गया है, जिसमें बीते दौर के आकर्षण को बाखूबी दर्शाया गया है।’’

धवन ने अपने चेहरे पर एक संतुष्ट और पुरानी यादों से लबरेज़ मुस्कान को लाते हुए कहा कि ‘‘जब आप इस किताब के पन्नों को पलटते हैं, तो आप ऊंचे लंबे घोड़ों से जुते तांगों पर स्कूल तक जाने के लिए कई मनोरंजक यात्राओं से लेकर स्कूटर पर यात्रा करने वाले पूरे परिवार, बिजली कटौती के दौरान अचानक होने वाली स्ट्रीट पार्टियों, पड़ोस के दोस्तों के साथ खेले जाने वाले क्रिकेट मैचों और पतंगबाजी के दिलचस्प किस्सों को अपने ही अनुभवों के तौर पर महसूस करेंगे।’’

उन्होंने उन दिनों के भारत में जीवन जीने के अंदाज़ की यादों का एक पूरा सिलसिला ही शब्दों के सहारे किताब के पन्नों पर खींच दिया है, जो निश्चित रूप से आपको भारत की धड़कन का अनुभव कराती है।

ये किताब चंडीगढ़ की भी तस्वीर दिखाती है, जिसमें सेक्टर 17 (बस स्टैंड, शॉपिंग प्लाजा, एस्टेट ऑफिस, कोर्ट कॉम्प्लेक्स, सिंधी स्वीट्स, इंडियन कॉफी हाउस), टैगोर थिएटर, चंडीगढ़ में ट्रैफिक रूल्स , ट्राइसिटी में अखबार, टिम्बर ट्रेल इत्यादि भी शामिल हैं।इसके साथ ही किताब परवाणू, कसौली, शिमला, खुशवंत सिंह, जसपाल भट्टी और फ्लॉप शो, ज्योतिषी पी खुराना और उनके बेटे आयुष्मान खुराना, कॉलमनिस्ट एच किशी सिंह, पंचकूला के जाने माने उर्दू कवि टी.एन.राज़ से लेकर कई और लोगों से जुड़े दिलचस्प किस्से भी बयां करती है।

लेखक के साथ मनोरंजन और दिलचस्प बातचीत में उन्होंने कई दिलचस्प किस्सों को बयां करते हुए बताया कि कैसे उन दिनों में जहां एक इलाके में एक टेलीफोन या एक टीवी सेट के मालिक होना ही किसी को भी खास होने का दर्जा दिला देता था, वहीं स्ट्रीट फूड, टीवी प्रोग्राम और अखबारों की दुनिया और इन सब को लेकर होने वाली दिलचस्प बातचीत आज भी गुदगुदा देती है। उस पूरे माहौल को भी इस शानदार किताब में खूबसूरती से सजाया गया है।

सभी के लिए पढ़ने योग्य उनका दिलचस्प अंदाज़ बताता है कि उस समय का भारत कैसा था। ये किताब आपको अपनी यादों को ताज़ा करवाएगी, आपको अपनी ‘इंडिया इंडिया’ फीलिंग का अहसास दिलाएगी।

ये किताब चंडीगढ़ की भी तस्वीर दिखाती है, जिसमें सेक्टर 17 (बस स्टैंड, शॉपिंग प्लाजा, एस्टेट ऑफिस, कोर्ट कॉम्प्लेक्स, सिंधी स्वीट्स, इंडियन कॉफी हाउस), टैगोर थिएटर, चंडीगढ़ में ट्रैफिक रूल्स , ट्राइसिटी में अखबार, टिम्बर ट्रेल इत्यादि भी शामिल हैं।

इसके साथ ही किताब परवाणू, कसौली, शिमला, खुशवंत सिंह, जसपाल भट्टी और फ्लॉप शो, ज्योतिषी पी खुराना और उनके बेटे आयुष्मान खुराना, कॉलमनिस्ट एच किशी सिंह, पंचकूला के जाने माने उर्दू कवि टी.एन.राज़ से लेकर कई और लोगों से जुड़े दिलचस्प किस्से भी बयां करती है।

विवेक अत्रे ने कहा, विकास धवन की किताब इंडिया इंडिया फीलिंग पाठकों को हमारे विशाल, विविधतापूर्ण, जीवंत देश का एक आकर्षक एहसास प्रदान करती है। इस किताब में विकास धवन अपने अनुभवों और यादों के जरिए हमें यादों के झरौखों में ले जाते हैं।

यह किताब अमेज़न के माध्यम से दुनिया भर में पेपरबैक और ई-बुक के रूप में उपलब्ध है। आप इसे फ्लिपकार्ट और चंडीगढ़ में कैपिटल बुक डिपो (सेक्टर 17) और द ब्राउज़र (सेक्टर 8सी) पर भी प्राप्त कर सकते हैं।

लेखक परिचय: यूके में एक पूर्व सिविल सर्वेंट रहे विकास धवन भारत में पले-बढ़े हैं और पिछले दो दशकों से इंग्लैंड में रह रहे हैं। उन्हें अवकाश के साथ-साथ प्रोफेशनल क्षमता में लेखन का आनंद मिलता है, और उनके पास यूके सिविल सर्विस और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में शिक्षा क्षेत्र में काम करने का अनुभव है।

वह पंजाब और चंडीगढ़ में पले-बढ़े। उनकी स्कूली शिक्षा का कुछ हिस्सा जीएमएसएस स्कूल, सेक्टर 35 चंडीगढ़ और डीएवी कॉलेज, सेक्टर 10 में रहा। उनके माता-पिता अब पंचकूला में रहते हैं।

संगीत, गायन और लय उनके जीवन का अहम हिस्सा हैं और वे सूफी और अन्य कविता, लोक संगीत और क्लासिक बॉलीवुड गीतों को पसंद करते हैं। उनको व्यक्तिगत तौर पर प्राचीन कृतियां, घड़ियां और स्ट्रीम ट्रेन्स भी काफी पसंद हैं। उन्हें अक्सर पढ़ने, टेनिस खेलने, खाना पकाने और सैर आदि करने में व्यस्त पाया जा सकता है।

आप उनसेVDhawan.connect@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं या @Dhawan_v पर उन्हें ट्वीट कर सकते हैं।

 
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