हरियाणा में गैर मान्यता वाले स्कूलों को बंद करने के सरकारी आदेश का विरोध
चंडीगढ़ (आर.के शर्मा)
134ए को खत्म किये जाने पर निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि हमने अपने 134ए का और गरीब बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के कभी विरोध नही किया हमारा विरोध हमेशा इसके लिए पात्र विद्यार्थियों की प्रक्रिया को लेकर रहा और इसकी भुगतान प्रक्रिया को लेकर रहा है, सरकार ने जब से इसे लागू किया तब से कानून की पालना से सरकार बचती रही और कानून की उल्लंघना करती रही ,जिसके कारण प्राइवेट स्कूलों का विरोध बढ़ा।
उन्होंने कहा हमने हाइकोर्ट में भी कई मुकदमे भुगतान और चयन प्रक्रिया को लेकर दायर किये और हाइकोर्ट ने निसा के सदस्य स्कूल आदर्श सीनियर सेकेंडरी V/S हरियाणा सरकार में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (C) के अनुसार सरकार को भुगतान करने के लिए भी आदेश दिया परन्तु सरकार ने उनकी भी पालना नही की जिसको लेकर *कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट* भी हाइकोर्ट में दायर है, निसा अध्यक्ष ने कहा कि नियमानुसार करीब 1500 करोड़ रुपये अभी प्राइवेट स्कूलों का सरकार पर बकाया है जिसका भुगतान नियमानुसार निसा स्कूलों को दिलवाकर रहेगी।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि बच्चों को डीबीडी सीधे उनके अकाउंट में जमा करवाए। पंजाब सरकार द्वारा निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने पर रोक के बारे में उन्होंने कहा कि यकायक ऐसा फैसला नहीं लेना चाहिए था। इतने बड़े फैसले से पहले सभी हितधारकों की राय लेनी चाहिए थी। निसा इस फैसले का विरोध करती है।कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को 1 अप्रैल से बंद करने के पत्र जारी कर रही है व ऐसे स्कूलों पर दबाब बना रही है, जो बिल्कुल अनुचित है सरकार इस पर प्राइवेट स्कूलों से बैठकर इसका समाधान निकालें वर्षो से चल रहे शिक्षा के मंदिरों को बंद करना इसका हल नही है इससे गरीब अभिभावकों के लिए प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा बहुत महंगी होगी और हरियाणा में बेरोजगारी भी बढ़ेगी।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि जो 75000 विद्यार्थी 8वीं कक्षा तक 134ए में पढ़ रहे है उनका 134-ए खत्म होने के बाद क्या होगा सरकार लिखित में स्पष्ट करे व उनका भुगतान 12(1) (C) के अनुसार और जो विद्यार्थी करीब 25000 9वीं से 12वी तक 134-ए में पढ़ रहे है,का भुगतान करने का आदेश जारी करें। उन्होंने यह भी कहा कि 12(1)(C) के अनुसार राशि तय करने से पहले सरकार सरकारी स्कूलों पर प्रति विद्यार्थी कितना खर्च हो रहा है, इसे घोषित करे व इसकी नोटिफिकेशन जारी करे अन्यथा 134-ए का विवाद खत्म नही होगा।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को 1 अप्रैल से बंद करने के पत्र जारी कर रही है व ऐसे स्कूलों पर दबाब बना रही है, जो बिल्कुल अनुचित है सरकार इस पर प्राइवेट स्कूलों से बैठकर इसका समाधान निकालें वर्षो से चल रहे शिक्षा के मंदिरों को बंद करना इसका हल नही है इससे गरीब अभिभावकों के लिए प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा बहुत महंगी होगी और हरियाणा में बेरोजगारी भी बढ़ेगी।
यु०जी०सी० द्वारा *कॉमन एंट्रेंस टेस्ट* पर बोलते हुए निसा अध्यक्ष ने कहा कि इससे कोचिंग को बढ़ावा मिलेगा और गरीब और अमीर अभिभावकों के बीच असमानता बढ़ेगी क्योंकि कोविड के दौरान गरीब अभिभावकों के बच्चे पढ़ाई में बहुत पिछड़े हैं, इसलिए सरकार को इस टेस्ट को इस साल लागू नही करना चाहिए।