ENGLISH HINDI Thursday, November 06, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
चैंपियंस क्रिकेट एकेडमी खरड़ और एच.के.क्रिकेट एकेडमी लुधियाना फाइनल मेंगुरु नानक के संदेश किरत करो, नाम जपो, वंड छको को अपनाना जरूरी : प्राचार्य डॉ. जसविंदर सिंहगुरु पर्व पर एलआईसी ने हलवा, पूरी, चावल, कढ़ी और चना का लंगर लगायाआवी बाबा नानका, तू आवी बाबा नानका...बिहार में भी हिमाचल जैसी झूठी गारंटियों की शातिर चालें चल रहा है इंडी अलायंस : जयराम ठाकुरमन को प्रसन्न रखना सबसे बड़ा तप : सुधांशु जी महाराजभाषण प्रतियोगिता में तृप्ति, ड्राईंग में शिवांस, निबंध में नीलम एवं वाद-विवाद में शब्बीर अहमद ने प्रथम स्थान हासिल कियासंसद भवन के सेंट्रल हॉल में पंचकूला की हिमांगी का गूंजा स्वर
कविताएँ

कितनी बुरी होती है.......

May 08, 2022 10:46 AM

कितनी बुरी होती है
वो नज़र
जो माँ के लाडले को
अपनों के प्रेम से निहारने से अचानक
लग जाती है
और
नमक या राई वारने से,
सात लाल मिर्च जलाने से
उतर भी जाती है।

कितनी हैरान होती है
विध माता भी
जब माँ
छठी रात को
अपने लाडले का
श्रेष्ठ भाग्य लिखने की
ज़िद करती है

कितनी स्वार्थी है माँ
जब दुःखों को
खुद पर लेकर
सुख की दुआएं देती है
सारी अलाएँ-बलाएँ
दो मुठियों में जकड़ कर
दूर झड़क देती है।

माँ फूंक मार कर
कर देती है ठीक
हर चोट का दर्द,
हथेलियां रगड़ कर
लाल दुखती आँख को
कर देती है तुरंत ठीक।

माँ कितनी बड़ी झूठी है
दर्द छुपा कर
खुद से अलग करके
भेज देती है कमाने परदेस बच्चों को
जबकि उसकी भूख
केवल बच्चे को सुकून से
भरपेट खिलाने में है
थपकी देकर सुलाने में है
डाँट कर सुबह उठाने में है।

माँ कितनी बड़ी ड्रामेबाज है
गुस्से का नाटक करती है,
हँसने के मौकों पर भी
पल्लू भिगोती है।

माँ बेमकसद रोती है
बेवजह झगड़ती है
बेइंतहा चिल्लाती है
कितनी बक बक करती है।

अंत में
जब बच्चों को अपनी बचपन की फ़ोटो
उसकी आखिरी सांस के बाद
उसके तकिये के नीचे मिलता है
तो उन्हें समझ आता है
माँ का होना क्या होता है
माँ का न होना क्या होता है!!!

- मीनाक्षी आहूजा

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें