ENGLISH HINDI Monday, December 01, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
6वीं स्वर्गीय पन्ना लाल मेमोरियल अंडर-12 ट्रॉफी का अनावरण टी.डी.एल. क्रिकेट स्टेडियम, पंचकूला में किया गयाब्र.कु. नवीना बहन के दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह का आयोजनसंघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के जन्मदिन पर लगाया रक्तदान शिविर, 59 लोगों ने किया खून दानहमारी जिंदगी बस एक उलझी सी कहानी हैथिएटर आर्ट्स द्वारा लाइट एंड साउंड शो गुरु तेग बहादुर सिमरिये आयोजितमहान संगीत कभी पुराना नहीं होता : अमिताभ सेनगुप्तानृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज को मिला उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट दायित्व, अनुयायियों में खुशी की लहरकॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण : प्रो. लक्ष्मीकांता चावला
कविताएँ

शिव पराकाष्ठा हैं

February 15, 2023 11:19 AM

शिव पराकाष्ठा हैं।

राग की, वैराग्य की।
स्थिरता की, दृढ़ता की।
ध्यान की, विज्ञान की।
ज्ञान के प्रकाश की।।
वे समेटे हैं।
प्रेम को, क्रोध को।
शांति को, भ्रांति को।
त्याग को, विश्वास को।
भक्ति को, शक्ति को।।
शिव स्त्रोत हैं।
प्राण का, प्रमाण का।
धर्म का, कर्म का।
आचार का, विचार का ।
अंधकार के विनाश का।।
उनमे समाए हैं।
गीत भी, संगीत भी।
विष भी, अमृत भी।
समय भी, विनय भी।
आरम्भ भी अंत भी।।
लोग कहते है, शिव संहारक हैं,
वो संहार करते हैं,अंत करते हैं।
परंतु वह भूल जाते हैं कि
शंकर अंत करके एक नई शुरुआत का आरम्भ करते हैं।
वे सृजन भी करते हैं, संहार भी करते हैं।
ज़रूरत पड़ने पर चमत्कार भी करते हैं।
शिव ब्रह्मा भी हैं वेद भी।
जीवन का हैं भेद भी ।
शिव नारी भी हैं, पुरुष भी।
माया भी हैं, मोक्ष भी।।
वो निर्गुण भी हैं, सगुण भी।
सात्विक भी है, तामसिक भी।
ध्वनी भी हैं, दृष्टि भी।
श्वास भी हैं, मुक्ति भी।।
वो साधन भी हैं साधना भी।
चिंता भी हैं, और चिंतन भी।
वो अंदर भी हैं, बाहर भी।
और मुझ में भी हैं, तुझ में भी।।

— मेधावी महेंद्र

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें