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हिमाचल प्रदेश

पांगी: कब खत्म होगी पंगवाल समुदाय की बिजली समस्या

February 26, 2023 10:12 AM

पांगी (हिमाचल), फेस2न्यूज:
जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी में वैसे तो साल-भर बिजली की किल्लत बनी रहती है। लेकिन सर्दियों के मौसम व बर्फबारी में पांगी घाटी का तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है। और तापमान में गिरावट होने के कारण पानी का जमना शुरू हो जाता है। पानी जम जाने के कारण बिजली के उत्पादन में भारी कमी आ जाती है। पांगी घाटी में इस समय कुल चार छोटे-छोटे मिनी हाइडल पावर प्रोजेक्ट हैं
01) मिनि हाईडल पॉवर प्रोजेक्ट पुर्थी इसकी क्षमता मात्र 100 किलोवाट है। और इससे निकलने वाली बिजली सर्दियों में मात्र 50 किलोवाट ही रह जाती है।
02) मिनि हाईडल पॉवर प्रोजेक्ट ताई-सुराल इसकी क्षमता मात्र 100 किलोवाट है। और सर्दियों में इसकी क्षमता मात्र 50 किलोवाट ही रह जाती है।
03) मिनी हाइडल पॉवर प्रोजेक्ट माहलू नाला इसकी क्षमता मात्र 300 किलोवाट ही हो। और सर्दियों में इसकी पॉवर क्षमता मात्र 100 किलोवाट ही रहती है।
04) मिनि हाईडल पॉवर प्रोजेक्ट साच घराट इसकी पॉवर क्षमता 950 किलोवाट है।
और सर्दियों में इसकी पॉवर क्षमता मात्र 400 किलोवाट ही रह जाती है।
कुल मिलाकर इन चारों पावर प्रोजेक्टों से निकलने वाली बिजली की क्षमता सर्दियों में घटकर मात्र 600/700 किलोवाट ही रह जाती है। मौजूदा समय में पूरे पांगी घाटी में 5000 किलोवाट बिजली की आवश्यकता है। तब कहीं दिन-रात 24 घण्टे समूचे पांगी घाटी में बिजली चली रहेगी। इस समय पांगी घाटी में बिजली के बार-बार भारी लम्बे-लम्बे कट दो तीन दिन लगातार दिए जा रहे हैं। घाटी के कुछ एक ऊंचाई वाले गांवों में तो बिजली होती ही नहीं। बिना बिजली के घाटी का जीवन नर्क के समान है। बिजली न होने की वजह से मोबाइल चार्ज की समस्या टेलीविजन, फोटोस्टेट, सरकारी कार्य व बिजली चले जाने से सिग्नल टॉवर भी बन्द हो जाते हैं। घाटी में बिजली के न होने से घाटी के सभी बिजली से चलने वाले उपकरण लगातार बन्द ही रहते हैं। मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा गया कि घाटी के कुछ लोगों से सम्पर्क साधा तो बताया कि आज के इस युग में पांगी घाटी बिजली से वंचित हैं। पांगी घाटी का जीवन 40/50 सालों जैसे पहले की तरह लग रहा है। जो पांगी घाटी में पॉवर प्रोजेक्ट बने हैं इनकी क्षमता कम होने के कारण घाटी बिजली से कोसों दूर है। इस समय पांगी घाटी के मुख्यालय किलाड़ व घाटी के नजदीकी इलाकों में ही यह बिजली पूरी होती है। शेष पांगी घाटी इस बिजली से वंचित हैं। इस विषय पर घाटी के लोगों के कहना है कि अगर सरकार चाहे तो इन सभी मिनि हाईडल पॉवर प्रोजेक्टों को अपग्रेडेशन/अपडेट करके इनकी पॉवर क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन इतना अरसा बीत जाने के बाद भी पांगी घाटी की जनता बिजली से वंचित रह गई है। घाटी के कुछ एक लोगों का कहना है कि सरकार शीघ्र अति शीघ्र इन सभी पॉवर प्रोजेक्टों में चरण-2 के तहत निर्माण करवाकर बिजली की क्षमता को भारी मात्रा में बढ़ाया जा सकता है।

 
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