कोलकाता, फेस2न्यूज:
आचार्य तुलसी अकादमी ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने शहर के एक एनजीओ संध्या मीता में बुजुर्ग लोगों के साथ विश्व एनजीओ दिवस मनाया। ग्रीन स्टाइल में एक-दूसरे के बीच खुशियां बांटी। कक्षा 6 के छात्रों ने बागुईआटी स्थित एक एनजीओ में विजिट किया और वृद्धाश्रम के बुजुर्ग सदस्यों को गमले में पौधे भेंट किए।
छात्रों ने बालकनी और गलियारे को पौधे लगे गमलों को सजाया और केक काटकर अच्छे, स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण की भावना के साथ यह जश्न मनाया। बुजुर्ग नागरिकों ने स्कूली बच्चों के साथ एक खुशनुमा संगीत सत्र भी आयाेजित किया। इस दौरान वृद्धाश्रम के सभी सदस्य बेहद खुश और भावुक थे।
ग्रेड 7 के एक छात्र अंश मिन्हास ने कहा, “इतने सारे प्यारे दादी-नानी के साथ विश्व एनजीओ दिवस मनाना मेरे और मेरे दोस्तों के लिए काफी अच्छा अनुभव रहा। उनमें से एक संगीत में स्वर्ण पदक विजेता भी थी और उन्होंने गिटार बजाया। हमारे लिए एक शानदार गाना गाकर सुनाया। मैंने और मेरे दोस्तों ने तय किया कि न केवल आज बल्कि, आगे भी इस जगह का दौरा करके उनके साथ कुछ पल बिताएंगे।’’
छात्रा अनुष्का सिंह ने कहा, “आज हम संध्या मीता के वृद्धाश्रम गए और वहां पर मैं एक दादी को देखकर तो हैरान रह गई, जो मेरे गृहनगर बिहार से ताल्लुक रखती हैं। हमने उनके साथ भोजपुरी (बिहार की स्थानीय भाषा) में एक-दूसरे से बात करके काफी अच्छा समय बिताया।”
आचार्य तुलसी एकेडमी ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिली शाह ने कहा, "ऑर्किड्स द इंटरनेशनल स्कूल में हम हमेशा अपने छात्रों को समाज में सभी के साथ अपनी प्रसन्नता और खुशियां साझा करने के लिए प्रेरित करते हैं। मुझे खुशी है कि छात्रों ने बुजुर्गों के एनजीओ का दौरा किया, जहां वे उनके साथ क्वालिटी टाइम बीता सके। हमारी यह भी जिम्मेदारी है कि हम उनके और सभी के लिए एक इस वातावरण को सुरक्षित और हरा-भरा बनाएं। हमारा स्कूल परिसर एक हरा-भरा कैंपस है, इसलिए विश्व एनजीओ दिवस के अवसर पर हमने उन्हें एक हरा-भरा वातावरण देने का फैसला किया। छात्र और हम लोग बुजुर्गों के खुश चेहरों को देखने के लिए एकसमान रूप से उत्साहित थे।
कार्यक्रम समन्वयक सुश्री अबीरा देब ने कहा, कि आज की पीढ़ी मुख्य रूप से एक एकल परिवार में पली-बढ़ी है, इसलिए उन्हें अपने दादा-दादी के साथ समय बिताने का मौका नहीं मिला। जब हम अपने छात्रों को वृद्धाश्रम में लेकर गए, तो वे बहुत खुश हुए। उन्हें बुजुर्गों के प्यार को महसूस कर काफी अच्छा लगा।