अबोहर, फेस2न्यूज ब्यूरो:
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में विश्व जल संरक्षण दिवस पर जल जन अभियान के तहत स मेलन आयोजित किया गया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि जल बचेगा तो कल बचेगा।
वाटर सुपरिटेंडेंट इंजीनियर नरेंद्र सिंह ने कहा कि जिस साल अधिक बारिश होती है, उस साल हम अधिक पानी का खपत करने वाली फसल को लें, लेकिन जिस वर्ष कम बारिश होती है उस समय कम पानी खर्च करने वाली फसल उगाने का संकल्प लें, इसे कहते हैं वाटर बजट।
एक्सीक्यूटिव इंजीनियर जितेंद्र कोठारी ने कहा कि बारिश में पहाड़ी इलाके का पानी तेजी से बहकर समंदर में ना चला जाए इसके लिए हमें उपाय करने हैं कि हम आसपास ऐसा कुछ करें जिससे पानी तेजी से आगे ना बढ़ पाए।
मल्टीमीडिया चीफ बीके करुणा भाई ने कहा कि संस्थान में जल संरक्षण को लेकर वर्षों पहले से ही प्रयास किए जा रहे हैं। हम लोग एक-एक बूंद जल का उपयोग करते हैं। सीवरेज पानी का ट्रीटमेंट करके उसका उपयोग पेड़-पौधों और बगीचों की सिंचाई में किया जाता है। कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि जल है तो जीवन है। यदि पानी की समस्या अगर इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले समय में पानी का अकाल पड़ जायेगा। इसलिए हमें पानी के लिए अभी से बचाने का प्रयास करना चाहिए।
पीआरओ बीके कोमल ने कहा कि जल संकट वैश्विक समस्या के रूप में उभर रहा है। भारत सरकार से मिलकर हम लोग जल जन अभियान चला रहे हैं। जहां आप परमात्मा का ज्ञान सुनाते हैं वहां आप जल बचाने का भी ज्ञान अवश्य दें क्यों कि जल है तो जीवन है।
किसान ट्रेनिंग सेंटर के बीके चंद्रेश ने कहा कि हमारे देश 89 फीसदी पानी सिर्फ खेती के लिए खर्च होता है। दुनिया भर के 5000 ब्रह्माकुमारीज केंद्र एक-एक गांव में जाकर जल जन अभियान के अंतर्गत जल का संचय शुरू करेगी।