ENGLISH HINDI Tuesday, September 16, 2025
Follow us on
 
ताज़ा ख़बरें
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने विद्युत बोर्ड लिमिटेड में 1,602 बिजली उपभोक्ता मित्रों की नियुक्ति को दी मंजूरीराजीव गुप्ता मर्डर केस: युवती गिरफ्तार, तीन दिन के पुलिस रिमांड परसीआईएसएफ ने आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की पहल एम-पॉवर के साथ समझौता ज्ञापन को 3 वर्ष के लिए बढ़ायामुख्यमंत्री ने सुनीता शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त कियामणिका शर्मा टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानितजाट सभा ने एक बार फिर आपदा पीड़ितों की मदद के लिए बढ़ाए हाथक्षमावाणी पर्व अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और आत्मचिंतन के साथ मनाया गयाप्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: नायब सिंह सैनी
पंजाब

पंजाब और भारत सरकार को उत्तर तो देना ही होगा: चावला

March 26, 2023 12:31 PM

अमृतसर, फेस2न्यूज:
सितंबर 2022 में धूमकेतू की तरह अचानक ही अमृतपाल पंजाब में दिखाई देने लगा। पहले दिन से ही उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। आज जो हमारी सरकार भारत की सारी एजेंसियां लगाकर उसको ढूंढ रही हैं, जांच कर रही हैं, सवाल यह है कि पहले क्यों सोये रहे? पंजाब की पूर्व मंत्री श्रीमती लक्ष्मीकांता चावला ने सवाल उठाए हैं कि लगभग चार महीने पहले मैंने वीडियो द्वारा जनता को, सरकार को और अमृतपाल को भी चेलैंज किया था और यह भी कहा था कि सरकार पता लगाए कि यह कहां से आया है, किस एजेंसी का एजेंट है। लेकिन कुछ नहीं किया गया। अगर अजनाला की घटना न होती तो हो सकता है कि सरकारें अब भी सोई रहतीं। अब कुछ दिनों में ही इनका थाइलैंड, इंग्लैंड, इटली आदि कई देशों में इसके संपर्कों का पता चला गया। करंसी मिल गई। खालिस्तान फोर्स की जानकारी मिल गई और इसके सैकड़ों साथी भी दिखाई देने लगे। इसकी शादी के साथ भी कई प्रश्नचिह्न जुड़ गए। क्या यह अच्छा नहीं था कि जिस दिन इसने नफरत फैलानी शुरू की उसी दिन भारत की सारी एजेंसियां सावधान हो जातीं। अब तो यह हालत है, सांप निकल गया और लकीर पीटते कभी इंदौर पहुंच जाते हैं तो कभी आसाम। यह तो अच्छा है कि देर से ही सही सरकार को इसके कारनामों की जानकारी मिल गई, पर कितना अच्छा होता कि सितंबर से इसके इर्द गिर्द घेरा रहता और पंख खुलने से पहले ही इसे समेट लिया जाता। सरकार को इस घटना से सबक लेकर भविष्य में देश विरोधी तत्वों के लिए सावधान रहना ही होगा। याद रखना होगा कि अपराधी तो पकड़ा जा सकता है, पर जो जहर उसने फैला दिया उसे संभालना कठिन हो जाता है।
सरकारी एजेंसियां जांच यह भी करें कि मीडिया के जिस ग्रुप ने तीन—तीन दिन तक सितंबर में ही इसका इंटरव्यू लगातार दिखाया उनकी मंशा क्या थी। कितनी रकम लेकर उन्होंने यह सब किया या किसी मजबूरी में?

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और पंजाब ख़बरें
हिंदी को पूर्ण राष्ट्र भाषा का दर्जा देना समय की जरूरत : किशोर कुमार शर्मा बीएसएफ के डीआईजी विजय कुमार ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा सैन समाज की नई कार्यकारिणी का गठन , मुकेश सैन बने प्रधान भारत-पाक के बीच 1965 के युद्ध की दास्तां... जब फाजिल्का एक माह तक पूरा खाली रहा जीरकपुर के होटलों में चल रहा रेव जैसी पार्टियों का गंदा खेल, कर रहे किन्नर समाज को बदनाम: दीपा महंत वॉकथॉन स्वास्थ्य और जागरूकता के लिए एक कदम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, संगम धाम ने लगाया रक्तदान शिविर जिम में व्यायाम करते समय खिलाड़ियों की हो रही मौतें तथास्तु चैरिटेबल स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पूरे हर्षोल्लास से मनाया राहुल गांधी और मेनका गांधी का कुछ अमीर कुत्ता प्रेमियों सहित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध लज्जाजनक : लक्ष्मीकांता चावला