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चंडीगढ़

पंजाब में गुरबाणी, लोकगीत, वीर रस, वारां और सूफी नाम के पांच दरिया बहते हैं : पद्मश्री सुरजीत पातर

May 05, 2024 08:39 PM

शिव कुमार बटालवी की 51वीं पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप उनके रचे 8 अनुपम गीतों की एक एल्बम मैंनू विदा करो मेरे राम नाम से प्रस्तुत की, पद्मश्री सुरजीत पातर ने की एल्बम रिलीज़ 

फेस2न्यूज/चण्डीगढ़ :

6 मई को बिरहा दा सुल्तान के नाम से विश्वविख्यात रचनाकार शिव कुमार बटालवी की 51वीं पुण्य तिथि है। इस अवसर पर प्रसिद्ध कलाकार शम्मी चौधरी ने उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप उनके रचे 8 अनुपम गीतों की एक एल्बम मैंनू विदा करो मेरे राम नाम से प्रस्तुत की है जिसे चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक समारोह में ख्यात कवि पद्मश्री सुरजीत पातर ने रिलीज़ किया।

एल्बम में गीतों को आवाज देने वाले गायक कलाकार विनोद सहगल, निधि नारंग, रोमी रंजन, अशोक मस्ती और आलिया अजमानी भी कार्यक्रम में शामिल रहे। इनके अलावा फिल्म निर्माता दीपक मैनी, फिल्म निर्देशक व दूरदर्शन के पूर्व निदेशक हरजीत सिंह तथा विजिलेंस विभाग के संयुक्त निदेशक अरूण सैनी, आईपीएस भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

पद्मश्री सुरजीत पातर ने इस मौके पर शम्मी चौधरी के इस प्रयास की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पंजाब में गुरबाणी, लोकगीत, वीर रस, वारां और सूफी नाम के पांच दरिया बहते हैं। इस तरफ काफी काम करने की जरूरत है।

इस अवसर पर शम्मी चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि कवि शिव कुमार बटालवी द्वारा रचित हर रचना में जिंदगी से जुड़ी कोई न कोई गहरी बात रही है। उनके मुताबिक शिव कुमार बटालवी की कई रचनाएं अभी तक अनरिलीज़ हैं व उनकी हर रचना खास है, लेकिन सभी को एक ही एल्बम में लाना मुश्किल है। इसलिए अपनी पसंद के मुताबिक ही चुनाव किया। एल्बम लाने का एक मकसद यह भी है कि आज की युवा पीढ़ी शिव कुमार बटालवी के बारे में जाने, यह जाने कि कैसी और किस अंदाज में वह रचनाएं लिखते थे। शम्मी चौधरी ने बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व उन्होंने पठानकोट में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में विनोद सहगल द्वारा शिव कुमार बटालवी के रचे गीत सानूं प्रभु जी इक अध गीत उधारा होर देयो, साड्डी बुझदी जांदी अग्ग अंगार होर देयो...को सुना तो वे काफी प्रभावित हुए। तब से मन में ठान लिया था कि इनकी रचनाओं को लेकर एक एल्बम तैयार करनी है। इसमें काफी समय लग गया परंतु आखिरकार यह चाहत पूरी हुई। उन्होंने सहयोग के लिए मेहरबान बटालवी का विशेष तौर पर धन्यवाद किया।

उन्होंने बताया कि सभी गाने विनोद सहगल ने कंपोज किए हैं तथा इस एल्बम में शिव कुमार की बटालवी की 8 रचनाओं को पिरोया गया है जिनमें मैंनू विदा करो, गीत उधारा, माए नी माए, इतरां दे चो, अज्ज दिन चढ़ेयां, खूबसूरत हादसा व मैं तेरा...शामिल हैं।

शम्मी चौधरी ने बताया कि सभी गीतों को संगीत से सजाया है जीतू गाबा ने जबकि रिकॉर्डिंग, मिक्सिंग व मास्टरिंग रजनीश शर्मा ने की है। वीडियो डायरेक्टर जतिंदर सैराज व एडिटर कीर्तिमान हैं।

शम्मी चौधरी ने एल्बम निर्माण में विशेष योगदान के लिए अनीता चौधरी, सचिन मेहरा, दामिनी एवं देवेंद्र ए पंडित का भी तहेदिल से आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर संगीतकार कुलजीत सिंह और तेजवंत किट्टू, मशहूर चित्रकार आरएम सिंह, पीडब्लूएस डायरेक्टर सनी महाजन, चण्डीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष नलिन आचार्य व पूर्व अध्यक्ष जसवंत राणा, एंकर भूपिंदर सिंह, एंकर सुमन बत्रा, दूरदर्शन के निदेशक उमेश कश्यप, दूरदर्शन के इंजीनियर सुखबीर सिंह भी यहां मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि शिव कुमार बटालवी का जन्म 23 जुलाई 1936 को बड़ा पिंड में हुआ, जो अब पाकिस्तान में है। इनकी मर्मस्पर्शी रचनाओं के कारण इन्हें बिरहा दा सुल्तान भी कहा गया। साल 1967 में इन्हें इनके महाकाव्य नाटिका लूणा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। सबसे कम उम्र में यह पुरस्कार पाने वाले साहित्यकार बने। 1968 में वह चण्डीगढ़ भी आए थे।
इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में पीड़ा दा परागा, मैंनू विदा करो, गजलां ते गीत, आरती, अलविदा आदि शामिल है। इनकी मृत्यु काफी कम उम्र में 6 मई 1973 को हुई थी।

 
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