ENGLISH HINDI Friday, April 26, 2024
Follow us on
 
एस्ट्रोलॉजी

19 फरवरी से,गुरु के अस्त होने से मार्च में विवाह के मुहूर्त नहीं

February 11, 2022 11:38 AM

- मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्
वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। प्रति वर्ष, कुछ दिनों के लिये आकाश में कोई-कोई ग्रह दिखायी नहीं देता है क्योंकि वह सूर्य के अत्यन्त समीप आ जाता है। वर्ष के इन दिनों को ग्रह-अस्त, ग्रह-लोप, ग्रह-मौद्य, ग्रह-मौद्यामि के नाम से जाना जाता है।
अधिकाँश शुभ कार्य जैसे विवाह समारोह आदि, शुक्र और गुरु ग्रह के अस्त काल में नहीं किये जाते हैं।
बृहस्पति फरवरी के महीने में अस्त होने जा रहे हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए गुरु ग्रह जब अस्त होते हैं तब शुभ-मांगलिक कार्यों को करने की भी मनाही होती है, इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण जैसे संस्कार नहीं किये जाते।
गुरु यानि बृहस्पति 19 फरवरी 2022, शनिवार को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त होंगे. 20 मार्च 2022, रविवार को सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर इसी राशि में गुरु अपनी सामान्य अवस्था में वापस आ जाएंगे.मतलब 19फरवरी से 20 मार्च तक कोई धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।ज्योतिष अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या अस्त होता है, तो इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ता है।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है।
गुरु अस्त होने का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको लिए गुरु की यह स्थिति थोड़ी कष्टकारी रह सकती है। आइए जानते हैं, ये 3 राशियां कौन सी हैं…
गुरु अस्त होने से कर्क, मीन और धनु राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। इस राशि वालों को कोई नया निवेश नहीं करना चाहिए। साथ ही अभी कोई नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए। वरना नुकसान हो सकता है। इस अवधि में नुकसान, शत्रुओं से हानि का सामना करना पड़ सकता है। वहीं किसी विवाद भी हो सकता है। लिहाजा इस समय बेहद संभलकर चलें। किसी बुजुर्ग से आपकी कहासुनी हो सकती हैं। इसलिए शब्दों की मर्यादा बनाकर चलें, तो बेहतर होगा।

 
कुछ कहना है? अपनी टिप्पणी पोस्ट करें
 
और एस्ट्रोलॉजी ख़बरें
नामवर ज्योतिष सम्राट नवदीप मदान का सम्मान वास्तु विशेषज्ञ परामर्श के बिना भी अपने घर या कार्यक्षेत्र में कर सकते हैं वास्तु के कुछ खास बदलाव वास्तु के अभाव का प्रभाव हरमिटेज सेंट्रल के ज्योतिष शिविर में सैकड़ों ने दिखाई कुंडली करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग,निसंकोच रखें व्रत, करें शुक्रास्त पर भी उद्यापन! हिन्दू त्योहार दो- दो दिन क्यों बताए जाते हैं ? इस वर्ष रक्षा बंधन, किस दिन मनाएं ? श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व : स्वामी सुन्दर लाल भार्गव कैसे सुहाना और सुनहरा है सावन...बता रहे हैं जाने माने ज्योतिषी पंडित सुन्दर लाल भार्गव पूर्णिमा: कैसे करें सुबह की शुरुआत गुरु के दिन